FAFT ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से किया बाहर, म्यांमार हुआ ब्लैक लिस्ट  

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे (संदिग्ध) लिस्ट से बाहर कर दिया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह बड़ी राहत है। अब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय यूनियन जैसी संस्थाओं से वित्तीय मदद पाने की कोशिश कर सकता है।

FAFT ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से किया बाहर, म्यांमार हुआ ब्लैक लिस्ट  

पेरिस। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे (संदिग्ध) लिस्ट से बाहर कर दिया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह बड़ी राहत है। अब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय यूनियन जैसी संस्थाओं से वित्तीय मदद पाने की कोशिश कर सकता है।

यह भी पढ़ें:पाकिस्तान: एक्स PM इमरान खान अयोग्य करार, पांच साल तक संसद के सदस्य नहीं बन सकेंगे 
एफएटीएफ आतंकवादी वित्त पोषण और धन शोधन पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है। एफएटीएफ ने रूस को साइडलाइन कर दिया है। एफएटीएफ प्रसिडेंट टी राजा कुमार ने बताया कि एफएटीएफ की भविष्य की प्रोजेक्ट में रूस के भाग लेने पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण के चलते रूस के खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करते हुए FATF ने कहा कि देश पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाये जायेंगे। रूस को FATF की वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं से भी रोक दिया गया है।
FATF के प्रेसीडेंट टी. राजा कुमार ने सिंगापुर से एक वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि पेरिस में 20-21 अक्टूबर को हुई दो दिवसीय बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने का फैसला लिया गया है।टी. राजा कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी कार्ययोजना की प्रतिबद्धता में एफएटीएफ द्वारा जून, 2018 और जून, 2021 में चिह्नित रणनीतिक खामियों को दूर कर लिया था। जून में अपनी बैठक में एफएटीएफ ने कहा था कि वह पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में बरकरार रख रहा है, लेकिन साथ ही कहा था कि प्रगति की वहां जाकर पुष्टि करने के बाद उसे लिस्ट से हटाया भी जा सकता है। सितंबर में एफएटीएफ की टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था।

पाकिस्तान अब निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं
आतंकी वित्त पोषण की वजह से पाकिस्तान को 2018 में इस सूची में शामिल किया गया था। एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान अब उसकी बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है और वह अपनी मनी लांड्रिंग विरोधी व आतंकी वित्तपोषण रोधी व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए एशिया/प्रशांत समूह के साथ काम करना जारी रखेगा।'
म्यांमार ब्लैक लिस्ट
एफएटीएफ ने पहली बार म्यांमार को 'कार्रवाई के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों' में रखा है। इसे एफएटीएफ की काली सूची भी कहा जाता है। ईरान और उत्तर कोरिया पहले से उसकी ब्लैक लिस्ट में हैं।
रूस पर लगाई रोक
एफएटीएफ ने रूस को अपनी भविष्य की परियोजनाओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। टी. राजा कुमार ने कहा कि यह कदम यूक्रेन पर रूस के आक्रामण की वजह से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि रूस के कदम लगातार एफएटीएफ के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं जिनका मकसद वित्तीय प्रणालियों की सुरक्षा, संरक्षा और प्रामाणिकता को बढ़ावा देना है।