धनबाद: नीरज मर्डर केस में संजीव सिंह ने कोर्ट में मांगी सवालों की लिस्ट, कहा- लिखित जबाव देंगे

एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में  सुनवाई के दौरान सोमवार को बचाव पक्ष व अभियोजन के बीच तीखी बहस चली। इस मामले में जेल में बंद एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह समेत सभी 11 आरोपितों का सफाई बयान आज दर्ज किया जाना था। आरोपियों का बयान दर्ज नहीं किया जा सका।

धनबाद: नीरज मर्डर केस में संजीव सिंह ने कोर्ट में मांगी सवालों की लिस्ट, कहा- लिखित जबाव देंगे
  • कोर्ट में दर्ज नहीं हो सका सफाई बयान

धनबाद। एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में  सुनवाई के दौरान सोमवार को बचाव पक्ष व अभियोजन के बीच तीखी बहस चली। इस मामले में जेल में बंद एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह समेत सभी 11 आरोपितों का सफाई बयान आज दर्ज किया जाना था। आरोपियों का बयान दर्ज नहीं किया जा सका।

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जेल से सभी आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश भी किया गया था। लेकिन संजीव सिंह, पंकज सिंह एवं डब्लू मिश्रा की ओर से उनके एडवोकेट मोहम्मद जावेद पंकज प्रसाद एवं देवी शरण सिन्हा ने आवेदन देकर कहा कि उन्हें एक्युज्ड से पूछे जाने वाले प्रश्नों की पूरी लिस्ट उपलब्ध कराई जाए, ताकि वह उसका जवाब लिखित रूप से दे सकें।मोहम्मद जावेद ने दलील देते हुए कहा कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि अपना बयान वह अपने एडवोकेट से संपर्क कर व सोच-विचार कर ही देंगे। इसलिए वर्ष 2009 में सीआरपीसी की धारा 313 की उप धारा 5 में इसे संशोधित कर लाया गया है। इसलिए उनके अधिकार से उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता। इसका अभियोजन ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बयान दर्ज किये जाने से पहले अभियुक्तों को प्रश्नों की लिस्ट दे दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने समय देने से इन्कार किया। 
 बचाव पक्ष द्वारा अपने आवेदन पर बहस करने के लिए और विभिन्न अदालतों के निर्णय को दाखिल करने के लिए समय की याचना की गई। समय आवेदन दाखिल किया गया। कहा गया कि उन्हें दो दिन का समय दिया जाए। वह इस आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्णय कोर्ट में दाखिल करेंगे।इस दौरान कोर्ट में काफी तीखी बहस चलती रही। अंत में कोर्ट ने कहा कि वह इस पूरे मामले पर अपना आदेश पारित करेगी। इसके बाद सभी अभियुक्तों को बिना बयान दर्ज किए ही आज वापस जेल भेज दिया गया।

सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष अधिवक्ताओं से खचाखच भरा था । मामले में पैरवी के लिए मुकदमे के सूचक झरिया विधायक पूर्णिमा सिंह के देवर अभिषेक सिंह भी समर्थकों के साथ कोर्ट में मौजूद थे। एक्स एमएलए संजीव सिंह की ओर से भी काफी संख्या में उनके समर्थक कोर्ट कैंपस में मौजूद थे। कोर्ट परिसर में दोनों पक्षों में किसी प्रकार का टकराव ना हो, इसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोर्ट रूम के भीतर जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया था। वहां पुलिस बल तैनात कर किये गये थे।

उल्लेखनीय है कि 21 अप्रैल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की कोर्ट में झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दिए जाने की बात कह समय की याचना की थी। वहीं अभियोजन ने मुकदमे के त्वरित निष्पादन की प्रार्थना की थी। कोर्ट ने संजीव के आवेदन को खारिज कर दिया था । आज की तारीख सफाई बयान दर्ज करने के लिए निर्धारित की थी।
सरायढेला में 21 मार्च 2017 को हुई थी नीरज समेत चार की मर्डर
नीरज सिंह अपनी फारर्च्यूनर कार (जेएच10एआर-4500) से 21 मार्च 2017 की संध्या 7 बजे सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। वह ड्राईवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। सरायढेला स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की स्पीड कम होते ही दो बाइक पर सवार हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया। कार पर गोलियों की बरसात कर दी थी। चारों और से 9 एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गई थी। गाड़ी में सवार नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में संजीव सिंह, संजय सिंह, डब्लू मिश्रा, धनजी, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, पंकज सिंह, विनोद सिंह, अमन सिंह, चंदन सिंह उर्फ रोहित सिंह, सोनू उर्फ कुर्बान अली, सागर सिंह उर्फ शिबू को जेल भेजा था। 26 जून, 2017 को केस के आइओ निरंजन तिवारी ने कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट समर्पित किया था। पांच जुलाई 2017 को अदालत ने उपरोक्त आरोपितों के खिलाफ भादंवि की धारा 302/120 (बी) एवं आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत संज्ञान लिया था।