यूपी:यौन शोषण केस में एक्स सेंट्रल मिनिस्टर चिन्मयानंद जेल भेजे गये, स्वामी ने अपना अपराध कबूल किया

शाहजहांपुर:यूपी पुलिस की एसआइटी ने एक्स सेंट्रल मिनिस्टर स्वामी चिन्मयानंद को शुक्रवार को लॉ स्टूडेंट से रेप के आरोप में अरेस्ट कर लिया.एसआइटी की टीम ने स्वामी चिन्मयानंद को मुमुक्ष आश्रम में उनके निवास से अरेस्ट की.एसआइटी चिन्मयानंद को लेकर कोतवाली पहुंची.कोतवाली से मेडिकल कॉलेज ट्रॉमा सेंटर ले जाकर चिन्यमयानंद का मेडिकल चेकअप कराया गया. मेडिकल जांच के बाद एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद को कोर्ट में पेश की.कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद चिन्मयानंद को 14 दिन की ज्यूडिशिलय कस्टडी में शाहजहांपुर जिला जेल भेज दिया. कार्रवाई में नहीं हुई देरी:डीजीपी यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर मीडिया से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हमने विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई थी.जांच के बाद स्वामी चिन्मयानंद को हमने उनके आश्रम से अरेस्ट करजेल भेज दिया गया है.इस मामले में कार्रवाई में कोई देरी नहीं हुई.चिन्मयानंद को वसूली के लिए धमकी देने के आरोप में भी पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.डीजीपी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी साक्ष्य एकत्र करने के बाद गिरफ्तारी की गई है.पुलिस के पास मजबूत साक्ष्य हैं.चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. पीड़िता ने दी थी आत्मदाह की धमकी पीड़िता की ओर से विडियो जारी किए जाने के बाद से चिन्मयानंद की गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई थी.मामले में एसआईटी ने उनसे लंबी पूछताछ की थी.पीड़ित छात्रा ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार न किए जाने पर आत्मदाह करने की धमकी दी थी. लॉ स्टूडेंट ने लगाया था रेप का आरोप चिन्मयानंद की खराब तबीयत का हवाला देते हुए बुधवार को उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.बीजेपी नेता पर अपने ही कॉलेज की लॉ स्टूडेंट से रेप करने का आरोप है.पीड़िता की ओर से इस संबंध में लगातार कई विडियो जारी कर चिन्मयानंद पर आरोप लगाये गये थे.हालांकि चिन्मयानंद और उनके समर्थक लगातार कह रहे थे कि वह निर्दोष हैं और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.अस्पताल में भर्ती चिन्मयानंद को गुरुवार को केजीएमयू लखनऊ के लिए रिफर किया गया था.हालांकि उन्होंने कहा था कि वह आयुर्वेदिक इलाज चाहते हैं और इसके बाद उन्हें उनके मुमुक्षु आश्रम वापस ले जाया गया था. पीड़िता की मां टीचर है चिन्मयानंद के स्कूल में चिन्मयानंद के मुमुक्ष संकुल के एक स्कूल में छात्रा की मां सहायक अध्यापक है.इसी साल मई में ही उनकी नियुक्ति हुई थी.एसआइटी ने उनकी नियुक्ति से संबंधी रिकार्ड तलब की है.चिन्मयानंद का एक कॉलेज भी है,जो कि दो हिस्सों में संचालित होता है.एक हिस्सा कक्षा एक से आठवीं तक की पढ़ाई का है,जबकि दूसरे हिस्से में कक्षा नौ से इंटर तक पढ़ाई होती है.चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा की मां को इसी वर्ष मई में सहायक अध्यापक नियुक्त किया गया था. कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूल में पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी. एसआइटी ने उनकी नियुक्ति से संबंधित अभिलेख मांगी.स्कूल मैनेजमेंट के लोग दोपहर को रिकार्ड लेकर एसआइटी के को सौंपी.छात्रा की मां कब से नौकरी कर रहीं,उनका वेतन कितना है.इसके अलावा कॉलेज में सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं.कहां-कहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं इन सबके बारे में भी प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा व लिपिक आदेश ने एसआइटी को जानकारी उपलब्ध कराई गयी.बताया जाता है कि छात्रा की मां का परिवार में कुछ विवाद हुआ था.जिसके बाद वह कुछ समय के लिए बेटी के पास हॉस्टल में चली गईं थीं.वहां उनको चिन्मयानंद के कहने पर मई में नौकरी दी गई थी. 24 अगस्त को वीडियो वायरल होने के बाद से वह वहां नहीं गईं. उल्लेखनीय है कि चिन्मयानंद पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली कानून की एक छात्रा ने दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था.बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ गठित करवा कर पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था.स्वामी को गिरफ्तार करने वाली एसआईटी टीम का नेतृत्व यूपी पुलिस के महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा कर रहे हैं. चिन्मयानंद ने अपना अपराध कबूल किया: एसआइटी चीफ स्वामी कहा- मालिश के लिए छात्रा को बुलाया था...शर्मिंदा हूं मैं [caption id="attachment_38939" align="alignnone" width="300"] प्रेस कांफ्रेस में एसटीएफ चीफ.[/caption] चिन्मयानंद ने कभी साजिश तो कभी सियायत केन पर्दों की आड़ लेकर बचने की हर कोशिश की. आरोप को झुठलाते रहे, लेकिन जब प्रमाण सामने आए तो मुंह से बस चंद शब्द निकले...मुझे कुछ नहीं कहना, शर्मिंदा हूं मैं. एसआइटी के अनुसार पूछताछ के दौरान स्वामी चिन्मयानंद ने माना कि उनसे गलती हो गई है. एसआइटी ने जांच में काफी एवीडेंस इकट्ठे किये. एक साल के अंदर चिन्मयानंद ने छात्रा को दो सौ फोन किये. जो वीडियो क्लिप वायरल हुईं, फॉरेंसिक जांच में सही पायी गयी. छात्रा की मां को मई में नौकरी पर रखना, पिता को नौकरी दिलाने की आश्वासन देना, छात्रा को पढ़ाई के साथ-साथ कॉलेज में नौकरी दिलाना...ऐसे कई बिंदु एसआइटी की जांच में शामिल थे. एसआइटी चीफ व आइजी नवीन अरोड़ा ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेस में मीडिया को बताया कि कि पीड़िता ने जो वीडियो सौंपे थे, उन्हें चिन्मयानंद को दिखाया गया. कुछ फोटो भी थे. चिन्मयानंद को मसाज (मालिश) की वीडियो क्लिपिंग भी दिखायी गयीं, जिस पर उन्होंने कहा जब आपको सब पता ही चल गया है, तो मुझे कुछ नहीं कहना. मैं अपना अपराध स्वीकारता हूं और अपने कृत्य के लिए शर्मिंदा हूं.. चिन्मयानंद ने माना कि वीडियो में वही हैं. अश्लील बातें करने की बात भी स्वीकारी.वह सिर्फ इतना बोले कि अब उन्हें कुछ नहीं कहना है. जांच में प्रमाणित हो चुका था कि वीडियो में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई. ऐसे में चिन्मयानंद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आइजी नवीन अरोड़ा ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि चिन्मयानंद ने स्वीकार किया कि उन्होंने छात्रा को मालिश कराने के लिए बुलाया था.उन्होंने रेप के आरोप को खारिज किया. स्वामी चिन्मयानंद से फिरौती मांगने के कारण गिरफ्तार छात्रा के दोस्त तथा दो अन्य से भी पांच करोड़ रुपये की रंगदारी करने की मांग स्वीकार की है.स्वामी चिन्मयानंद ने शुक्रवार को एसआइटी की पूछताछ में माना कि उससे गलती हो गई. मालिश के लिए छात्रा को अपने कमरे में बुलाया था. चिन्मयानंद ने कहा कि वह अपने कृत्य शर्मिंदा है और उससे बड़ी भूल हुई है. ब्लैकमेल करने वाले आरोपियों ने भी अपराध स्वीकारा एसआइटी ने पीड़ित छात्रा के दो चचेरे भाइयों और उसके दोस्त संजय सिंह, सचिन सेंगर, विक्रम उर्फ दुर्गेश और एक अनाम शख्स (मिस ए) के खिलाफ भी आईपीसी और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. संजय, सचिन और विक्रम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. एक जनवरी से लड़की ने संजय से लगभग 4200 बार फोन पर बात की, जबकि उसने चिन्मयानंद से लगभग 200 बार बात की. पीड़िता और संजय के मैसेज भी देखे गये हैं जिनके जरिये ये संदेशों का आदान-प्रदान करते थे. तीनों पर चिन्मयानंद को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पांच करोड़ रुपये मांगने का आरोप है. एसआइटी की पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने चिन्मयानंद से वीडियो के एवज में पांच करोड़ रुपये की मांग की थी. चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में पीड़ित छात्रा का भी हाथ होना सामने आया है. एसआइटी चीफ आइजी नवीन अरोड़ा ने कहा कि रंगदारी के मामले में पीड़ित छात्रा की संलिप्तता पाई गई है. साक्ष्यों के मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.आरोप लगाने वाली छात्रा और चिन्मयानंद के बीच लगभग 200 बार बातचीत हुई है. चिन्मयानंद से फिरौती मांगने वाले युवकों और छात्रा की भी आपस में बातचीत होती थी.