- रियाद से रांची एयरपोर्ट पर पहुंचे मोहम्मद मुफीज.
- रियाद में कपंनी मालिक ने रांची के युवक को झूठे केस में फंसाया था
- बहन ने बंधक बने अपने भाई के लिए लगायी थी गुहार
- झूठे केस में, युवक की बहन ने लगाई थी गुहार
रांची:सीएम रघुवर दास की कोशिश सऊदी अरब के रियाद में तीन माह से बंधक रांची हिंदपिढ़ी नेजाम नगर का मोहम्मद मुफीज सफदर अली मुक्त हो गया. रियाद से मुफीज सोमवार को रांची एयरपोर्ट पहुंच गया. एयरपोर्ट से मुफीज अपने घर पहुंचा तो मुफीज के घरवालों ने कहा कि बकरीद के मौके पर उन्हें ईदी मिल गई है.उपर वाला का शुक्र है कि मुफीज उनके साथ है, इससे बड़ी कोई खुशी की बात नहीं हो सकती. मुफीज के परिजनों ने उसके घर वापसी पर सीएम रघुवर दासको आभार जताते हुए धन्यवाद दिया है. रियाद में वह जहां काम करता था, उसी कंपनी ने झूठा आरोप लगा कर केस दर्ज करवा दिया था.
सीएम ट्वीट कर कहा सभी अफसरों को धन्यवाद
Raghubar Das
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मो. मुफीज सकुशल सऊदी अरब से रांची आज दोपहर तक पहुंचेंगे। तीन महीने से भी ज्यादा वक्त तक रियाद में एक कंपनी ने इन्हें बंधक बना रखा था। उनकी बहन इशरत परवीन ने हमें इसकी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय और झारखण्ड सरकार के प्रयासों से आज ईद उल जुहा के अवसर पर मुफीज वापस आ गए हैं।
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9:28 PM - 11 Aug 2019
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Sanjay Kumar Journalist
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Raghubar Das
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17h17 hours ago
रक्षाबंधन और ईद से पहले मो. मुफीज को वापस रांची लाने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद। एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता।
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सीएम रघुवर दास ने मुफीज के वतन वापसी पर ने ट्वीट कर कहा कि रक्षाबंधन और ईद से पहले मोहम्मद मुफीज को वापस रांची लाने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद. एक बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा नहीं हो सकता. सीएम ने इससे पहले भी ट्वीट कर लिखा था कि मोहम्मद मुफीज सकुशल सऊदी अरब से रांची आज दोपहर तक पहुंचेंगे. तीन महीने से भी ज्यादा वक्त तक रियाद में एक कंपनी ने इन्हें बंधक बना रखा था. उनकी बहन इशरत परवीन ने हमें इसकी जानकारी दी. विदेश मंत्रालय और झारखण्ड सरकार के प्रयासों से आज ईद उल जुहा के अवसर पर मुफीज वापस आ गये हैं.
बहनों ने राखी बांधकर किया मुफीज का स्वागत
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घर में परिजनों के साथ.[/caption]
मुफीज के हिंदपीढ़ी स्थित घर पहुंचने के बाद बहन इशरत और नुसरत ने राखी बांधकर स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दो साल चार महीने के बाद उनका भाई घर लौटा है. दोनों बहनों ने कहा कि ये सब सीएम रघुवर दास की वजह से संभव हुआ है. सीएम की वजह से उनके भाई घर लौटे हैं. मुफीज ने घर लौटने के बाद सरकार और मीडिया का धन्यवाद किया. मुफीज ने कहा कि मुख्यमंत्री मेरे लिए पिता समान हैं. उन्होंने बेटे की तरह मेरी मदद की.
मुफीज की बहन ने सीएम से लगायी थी गुहार
मुफीज की बहन इशरत परवीन ने सीएम रघुवर दास को पत्र भेज रियाद में बंधक बने अपने भाई की वतन वापसी की गुहार लगाई थी. इशरत ने सीएम को भेजे पत्र में कहा था कि उसके भाई को रियाद में बंधक बनाकर रखा है और उस पर झूठा केस दर्ज किया गया है. सीएम ने इशरत के पत्र से मिली सूचना के बाद दिल्ली स्थित झारखंड भवन में तैनात स्थानिक आयुक्त एमआर मीणा, प्राइवेट सेकरेटरी केपी बलियान समेत विदेश मंत्रालय से भी संपर्क साधा. इसके बाद मुफीफ की रिहाई की दिशा में प्रयास सफल रहा. सीएम ने भारतीय दूतावास रियाद व विदेश मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है.
मोहम्मद मुफीज सोमवार को एयर एशिया की फ्लाइट से दिल्ली से रांची सुबह 11 बजे पहुंचे. मुफीज रविवार को सऊदी अरब से दुबई होते हुए सुबह चार बजे मुफीज दिल्ली पहुंचा था. सीएम के प्राइवेट सेकरेटरी केपी बालियान ने मुफजी को दिल्ली के इन्दिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रिसीव किया.दिल्ली से मुफीज को रांची भेजा गया.
सीएम खुदा बन कर आये: मुफीज
मुफीज का कहना है कि वह साल 2017 में वह दुबई कमाने गया था. अप्रैल 2017 में सऊदी अरब के रियाद में एक कंपनी में काम करने गया था.उसका एक साल का कॉन्ट्रैक्ट था. वर्ष 2018 अप्रैल में उसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था. कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद उसने घर जाने की बात कही तो कंपनी ने उसका कॉन्ट्रैक्ट एक साल और बढ़ा दिया. इसके बाद उसने वापस घर जाने की बात कही तो कंपनी ने उसे झूठे केस में फंसा दिया। वहां एक वर्ष तक किसी तरह काम करने के बाद जब उसका अनुबंध समाप्त हुआ तो उसने घर वापसी की कोशिश की. उससे जबरन काम लिया जाता रहा. उसके साथ अपराधी और गुलामों जैसा व्यवहार उसका मालिक मोहम्मद जहिया हुसैन करने लगा. वह किसी तरह एक दिन जहिया के चुंगल से निकल गया.मालिक मुफजी ने काम छोड़कर भाग जाने के बाद उस पर चोरी का आरोप लगाकर पुलिस में कंपलेन कर दी. सऊदी अरब की पुलिस ने उसे पकड़ा और फिर छोड़ भी दिया. पुलिस लगातार उससे पूछताछ करती रही.किसी तरह किराये के घर पर उसने चार माह बिताया जो किसी जहनुम से कम नहीं था. वहीं से फोन कर अपने परिवार वालों को आपबीती सुनाई.परिवारवालों ने सीएम तक मेरी पीड़ा को पहुंचाया. सीएम ने पहल की और आज मैं अपने घर आ गया. मुफीज का कहना है कि उसे अपने वतन वापसी की उम्मीद नहीं थी.... सीएम खुदा बन कर आये. सीएम का सेकरेटरी केपी बालियन ने भी मेरी बहुत मदद की है. मुफीज ने कहा कि उस पर लगा चोरी का आरोप पुलिस की जांच में गलत साबित हुआ.
मो. मुफीज ने बताया कि हिंदपीढ़ी ग्वाला टोली निवासी मौजा मल्लिक ने उन्हें पैसा कमाने के लिए सऊदी अरब जाने का सपना दिखाया. मुंबई स्थित सऊदी अरब के दूतावास से वीजा और पासपोर्ट भी बनवा दिया. 11 मार्च 2017 को वे मुंबई से सऊदी अरब के लिए रवाना हुए थे. जब सऊदी अरब पहुंचे तो पता चला कि वीजा व पासपोर्ट फर्जी हैं दोस्त ने कहा था कि कंपनी में प्रति माह 2600 रियाल मिलेंगे, जबकि कहां फुटपाथ के टू व्हीलर दुकान पर मैकेनिक का काम मिला.
आठ घंटे की जगह 18-20 घंटे काम कराये गये. प्रतिमाह सैलरी के नाम पर मात्र एक हजार रियाल मिलते थे.गलत कागजात भी मेरी परेशानी का सबब बना. मैं तो लोगों से अपील करूंगा अपने वतन में काम करो. लेकिन गैर वतन जाकर कभी काम मत करो. अब वे पैसा कमाने के लिए सऊदी अरब कभी नहीं जायेंग.सऊदी अरब जाने वालों से अपील करते हुए कहा कि कंपनी के बारे में पूरी तरह छानबीन करने के बाद ही वहां जायें. हाल ही में फिलीपिंस का एक व्यक्ति भी कई वर्षों के बाद अपने वतन वापस लौटा.उत्तर प्रदेश स्थित आजमगढ़ के दो लोग अभी भी वहां बंधक हैं.