नई दिल्ली: अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर किसने क्या कहा

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने 70 वर्षों से चल आ रहा रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण व सुन्नी वक्फ बोर्ड को कहीं और पांच एकड़  जमीन देने का निर्देश दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी: देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें. हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है. भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है. राहुल गांधी:सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है. ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है. अमित शाह, सेंट्रल होम मिनिस्टर: श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूं कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें. राजनाथ सिंह, डिफेंस मिनिस्टर: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामाजिक ताने बाने को और मजबूत करेगा. मैं लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करता हूं. आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत:दशकों तक चली कानूनी लड़ाई का फैसला आ गया है. पुरानी बातों को भुलाकर मिलजुल कर मंदिर निर्माण कराया जाए. कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए जो बात कही है, वह जमीन सरकार को देनी है, सरकार इस बात को तय करेगी कि उनको जमीन कहां देनी है. जैसा कोर्ट का निर्णय स्पष्ट था, वैसा ही मेरा मत भी साफ है. योगी आदित्यानाथ, सीएम यूपी: माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता और सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है. अरविंद केजरीवाल, सीएम दिल्ली: सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद SC की बेंच के पांचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया. हम SC के फैसले का स्वागत करते हैं. कई दशकों के विवाद पर आज SC ने निर्णय दिया. वर्षों पुराना विवाद आज खत्म हुआ. मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें. नितिन गडकरी, सड़क परिवन मंत्री: सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करें और शांति व्यवस्था बनायें रखें. नीतीश कुमार, सीएम बिहार: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए, यह सामाजिक सौहार्द के हित में है. इस मुद्दे पर आगे कोई विवाद नहीं होना चाहिए, यह मेरी लोगों से अपील है. इकबाल अंसारी, मुस्लिम पक्षकार:यह मसला बहुत अहम था, जो अब खत्म हो गया. मैं खुश हूं कि आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार फैसला दे दिया. मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं. असदुद्दीन ओवैसी,एआइएमआइएम चीफ:यह तथ्यों पर आस्था की जीत है. मैं सुप्रीम कोर्ट की इज्जत करता हूं, लेकिन मैं अपनी बात रख सकता हूं. भारतीय संविधान मुझे अपनी बात रखने का इजाजत देता है. हम अपने लीगल हक के लिए लड़ रहे थे, पांच एकड़ जमीन के लिए नहीं. हमको किसी के भीख की जरूरत नहीं है. योग गुरु बाबा रामदेव: यह एक ऐतिहासिक फैसला है. भव्य राम मंदिर बनेगा. मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक भूमि आवंटित करने का निर्णय स्वागत योग्य है, मेरा मानना है कि हिंदू भाइयों को मस्जिद के निर्माण में भी मदद करनी चाहिए. मुरली मनोहर जोशी, सीनीयर बीजेपी लीडर:अब वहां एक भव्य मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर ध्यान दिया जाना चाहिए. मंदिर निर्माण में सबका सहयोग हो। यह मंदिर राष्ट्रीय एकता, अखंडता और स्वाभिमान का प्रतीक बने. मायावती, बीएसपी सुपीमो :परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के धर्मनिरपेक्ष संविधान के तहत माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सम्बंध में आज आम सहमति से दिए गए ऐतिहासिक फैसले का सभी को सम्मान करते हुए अब इसपर सौहार्दपूर्ण वातावरण में ही आगे का काम होना चाहिए ऐसी अपील व सलाह है. श्री श्री रविशंकर:यह एक ऐतिहासिक फैसला है, मैं इसका स्वागत करता हूं. यह मामला लंबे समय से चल रहा था और आखिरकार यह एक निष्कर्ष पर पहुंच गया है. समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिएः रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस प्रवक्ता: सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, हम राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं. इस फैसले ने न केवल मंदिर के निर्माण के लिए दरवाजे खोले बल्कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए बीजेपी और अन्य लोगों के लिए दरवाजे भी बंद कर दिए.- -कमल फारूकी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड: इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे तो कोई फायदा नहीं. हमारी 67 एकड़ जमीन पर पहले से ही अधिग्रहण किया हुआ है तो हमको दान में क्या दे रहे हैं वह? 67 जमीन लेने के बाद 5 एकड़ दे रहे हैं. यह कहां का इंसाफ है .