नई दिल्ली: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष बने, निर्विरोध हुआ चुनाव

नई दिल्ली: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष चुन लिये गये. नई दिल्ली के सम्राट होटल में आयोजित संघ की वार्षिक आम बैठक में अर्जुन मुंडा को अध्यक्ष बनाने की औपचारिक घोषणा की गयी. रविवार को वार्षिक आम बैठक के दौरान ही चुनाव होना था, जिसमें नामांकन भरने की अंतिम तिथि 30 मई थी.अंतिम दिन तक अर्जुन मुंडा गुट के सामने किसी भी विरोधी ने नामांकन नहीं भरा. इस प्रकार अर्जुन मुंडा को भारतीय तीरंदाजी संघ का अध्यक्ष बनना पहले ही तय हो गया था. अर्जुन मुंडा ने भारतीय तीरंदाजी संघ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये.अर्जुन मुंडा तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष बनने वाले झारखंड के पहले पदाधिकारी हैं. भारतीय तीरंदाजी संघ की रविवार को हुई बैठक में 28 मान्यता प्राप्त राज्य संघ में 22 राज्यों के पदाधिकारी मौजूद थ. चंडीगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, तेलंगना, पंजाब तथा पांडिचेरी के पदाधिकारी अनुपस्थित रहे. अखिल भारतीय तीरंदाजी संघ के चुनाव के पूर्व ही विरोधी साई के पूर्व डीजी बप्पा राव खेमा पिछड़ गया था. देश के 22 राज्य संघों ने पहले ही अर्जुन मुंडा को समर्थन देने की बात कह दी थी. अर्जुन मुंडा को पिछले चुनाव में भी विभिन्न राज्यों का व्यापक समर्थन प्राप्त था, लेकिन राज्य संघ के पदाधिकारी नहीं होने के कारण उन्हें चुनाव में भाग लेने नहीं दिया गया था.अर्जुन मुंडा को जम्मू कश्मीर, हरियाणा, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, मेघालय, केरल, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, सिक्किम, गोवा, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र समेेत अन्य राज्यों का समर्थन हासिल है. तीरंदाजी की समझ बचपन से: मुंडा अजुर्न मुंडा ने अध्यक्ष पद पर चयनित होने की औपचारिक घोषणा होने के बाद सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जनजातीय समुदाय से आता हूं, जहां आज भी नवजात को मां से अलग करने के लिए गर्भनाल को तीर से काटने की परंपरा है. वैसे भी मेरा नाम अर्जुन है और जनजातीय होने के कारण तीरंदाजी की समझ बचपन से हैं. आज विश्व फलक पर भारतीय तीरंदाज धुमकेतू की तरह चमक बिखेर रहे हैं. अगर इस चमक को बरकरार रखना है तो फिर टैलेंट हंट करना होगा. ग्र्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे तीरंदाज हैं जिन्हें मौका नहीं मिल पाता है. हमारी प्राथमिकता सुदूर ग्र्रामीण इलाकों में जाकर वैसे प्रतिभाओं को खोजकर तराशना होगा.