कर्त्तव्य की बलि बेदी पर देश में 292 जवानों ने इस साल दी प्राणों की आहुति
धनबाद: पुलिस स्मरण दिवस पर सोमवार को धनबाद पुलिस लाइन में देश में शहीद हुए पुलिस पदाधिकारियों व जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. जिला बल के सशस्त्र जवानों ने सलामी शस्त्र व शोक शस्त्र के पश्चात दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को नमन किया. इस दौरान झारखंड राज्य में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को भी श्रद्धांजलि दी गई,
पुलिस स्मरण दिवस पर पुलिस लाइन में एसएसपी किशोर कौशल समेत पुलिस-पदाधिकारियों ने शदीह स्मारक पर पुष्प चढ़ा शहीद जवानों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद जवानों के सम्मान में विशेष परेड हुआ दो मिनट का मौन रखकर पुलिस अधिकारियों ने शहीद जवानों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गयी.
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शहीद के आश्रितों को सम्मान.[/caption]
देश भर में इस साल द 292 जवान शहीद हुए हैं. इनमें झारखंड के पांच जवान शामिल हैं. एसएसपी ने धनबाद जिले से पूर्व में शहीद हुए शहीद हुए तीन जवानों के परिजनों को शॉल देकर सम्मानित किया. एसएसपी ने कहा कि सेना के जवान सीमा पर देश की रक्षा के लिए शहीद होते हैं और पुलिस के जवान सीमा के अंदर देश की रक्षा में शहीद होते हैं. दोनों ही सूरत में शहादत अतुलनीय है. इन्हें सम्मान देकर हम खुद सम्मानित महसूस कर रहे हैं.
नेशनल पुलिस डे
भारत की सीमा की रक्षा के लिए पहले राज्य पुलिस के जवान भी तैनात होते थे. वर्ष 1959 की 21 अक्टूबर को को चीन से लगी भारत की सीमा की रक्षा करते हुए दस पुलिसकर्मियों ने शहादत दी. इन्हीं के सम्मान में हर साल 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस दिवस मनाया जाता है. जनवरी 1960 में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों का सम्मेलन हुआ. उस सम्मेलन में लद्दाख की सीमा पर चीन की सेना से लड़ते हुए वीर गति प्राप्त करने वाले 10 पुलिसकर्मियों और हर साल ड्यूटी पर प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मान देने का निर्णय लिया गया. उनके सम्मान में ही हर साल 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस दिवस मनाया जाता है.