UNSC में जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ चीन व पाकिस्तान की कोशिश विफल, तूल देने की कोशिश नहीं हुई कामयाब

  • भारत ने कहा- बाहर के लोगों का आर्टिकल 370 से कोई लेना-देना नहीं
न्यूयार्क: भारत और पाकिस्तान के सवाल पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में अनौपचारिक बैठक बैठक में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और इससे जुड़े अन्य मसलों पर सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों और दस अस्थायी देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. चीन की मांग पर बुलाई गई इस आपात बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव पर चिंता जताई गई और संयम बरतने की अपील की गई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर पर हुई मसले पर हुई अनौपचारिक चर्चा में चीन-पाकिस्तान की भारत को बदनाम करने की कोशिश विफल हो गयी. बैठक में रूस, अमेरिका सहित लगभग सभी देश भारत के साथ खड़े रहे. चर्चा खत्म होने के बाद यूएन में भारत के प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने मीडिया के सामने भारत का मजबूती से पक्ष रखा भारत ने पूरी दुनिया के सामने अपना रुख एक बार फिर साफ कर दिया है. भारत ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भारत का आंतरिक मामला है और इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का कोई सरोकार नहीं है. भारत ने कहा कि वह कश्मीर पर हुए तमाम अंतराष्ट्रीय समझौतों का सही तरीके से पालन कर रहा है. कुछ लोग अपनी विचारधारा का प्रचार करने के लिए कश्मीर में स्थिति को भयावह बताने की कोशिश कर रहे हैं. अकबरुद्दीन ने कहा कि आज सुबह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने सामान्य हालात के लिए कई उपायों की घोषणा की. आज अनौपचारिक चर्चा में सदस्य देशों ने इसकी सराहना की। हमने, हमारे लोगों का खून बहाने वाले आतंकवादियों को रोकने के लिये कश्मीर में ऐहतियाती कदम उठाये. धीरे-धीरे सभी प्रतिबंध हटायेंगें.यह आतंरिक मामला है और इसका अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हम उन सभी समझौते पर कायम रहेंगे जो इन मुद्दों पर हमने किए हैं. पहले पाकिस्तान आतंकवाद रोके तभी बातचीत संभव भारत के प्रतिनिधि ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक देश जेहाद का इस्तेमाल कर रहा है और हिंसा भड़काई जा रही है. हिंसा किसी किसी मुद्दे का समाधान नहीं है. भारत पाकिस्तान या दुनिया के किसी भी मुद्दे का हल बातचीत ही है. भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में समझौता हुआ और हम उस पर कायम हैं. हम उम्मीद करते हैं पाकिस्तान भी इस पर कायम रहेगा. भारत और पाकिस्तान के बीच कब बातचीत होगी? इस सवाल के जवाब में अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवाद रोकने पर ही बातचीत होगी. अबरूद्दीन ने इंडियन न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि जैसे क्रिकेटर कभी नहीं कहते हैं कि ड्रेसिंग रूम में क्या हुआ है? वैसे ही डिप्लोमैट नहीं बताते हैं कि बंद दरवाजे में क्या बातचीत हुई. लेकिन दो देशों की जो कोशिश थी वह नाकाम हुई. रूस ने कहा कि हम दोस्त हैं और भारत-पाकिस्तान दोनों हमारे अच्छे पार्टनर्स हैं. हमारा कोई छुपा हुआ अजेंडा नहीं है. इसलिए उनके बीच सुलह और अच्छे रिश्ते के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली के साथ खुले दिल से बात करते रहेंगे.