थाइलैंड:Sawasdee Modi: OCI Card स्कीम को अधिक Flexible बनाया गया: पीएम मोदी

पीएम ने बैंकॉक में 370, करतारपुर का जिक्र किया बैंकॉक:पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को थाईलैंड में Sawasdee Modi कार्यक्रम में बैंकॉक के निंबिब्र स्टेडियम में लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज अगर भारत की दुनिया में पहुंच बढ़ी है तो, इसके पीछे आप जैसे साथियों का बहुत बड़ा रोल है. इस रोल को हमें और सशक्त करना है. एक बार फिर आप सभी का यहां आने के लिए आभार व्यक्त करता हूं. हमने हाल ही में फैसला लिया है कि ओसीआई कार्ड holders भी New Pension scheme में एनरोल कर सकते हैं.हमारी Embassies आपसे जुड़े मुद्दों को सुलझाने में अब अधिक Proactive हैं और 24 घंटे Available हैं. बीते पांच सालों से हमने ये निरंतर प्रयास किया है कि दुनिया भर में बसे भारतीयों के लिए सरकार हर समय उपलब्ध रहे और भारत से उनके कनेक्ट को मजबूत किया जाए.इसके लिए OCI Card स्कीम को अधिक Flexible बनाया गया है. उन्होंने कहा कि हाल में हमारी सरकार ने भारत और आसियान देशों के बीच रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में एक अहम फैसला लिया है. हमने तय किया है कि आसियान देशों के एक हज़ार युवाओं के लिए IITs में Post-Doctoral Fellowship दी जायेगी. मुझे इस बात की भी खुशी है कि आप सभी थाईलैंड की Economy को सशक्त करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. आप थाइलैंड और भारत के मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्तों की सबसे मजबूत कड़ी हैं.नॉर्थ ईस्ट इंडिया को हम साउथ ईस्ट एशिया के गेटवे के तौर पर Develop कर रहे हैं.भारत का ये हिस्सा हमारी Act East Policy और थाइलैंड की Act West Policy, दोनों को ताकत देगा.आज स्थिति ये है कि दोनों देशों के किसी भी दो Destinations के बीच Average Flight Time दो से चार घंटे है. ये तो ऐसा ही है जैसे आप भारत में ही दो जगहों के बीच Fly कर रहे हों. हर हफ्ते लगभग 300 फ्लाइट्स दोनों देशों के बीच चल रही हैं. भारत के 18 Destinations आज थाईलैंड से सीधे कनेक्टेड हैं. पीएम ने कहा कि फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर Digital Infrastructure, आज भारत की World Class सुविधाओं का विस्तार हम थाइलैंड और दूसरे आसियान देशों को जोड़ने में भी कर रहे हैं. एयर हो, Sea हो या फिर रोड कनेक्टिविटी, भारत और थाईलैंड बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं.आसियान देशों के साथ अपने सम्बन्धों को बढ़ावा देना हमारी सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में है इसके लिए हमने Act East Policy को विशेष महत्व दिया है. पिछले साल, भारत-आसियान dialogue partnership की silver जुबिली थी.बीते चार साल में भारत ने ट्रेवल और टूरिज्म के ग्लोबल इंडेक्स में 18 रैंक का जंप लिया है.आने वाले समय में Tourism के ये संबंध और मजबूत होने वाले हैं.मुझे विश्वास है कि जब आप सभी, थाईलैंड के अपने मित्रों के साथ वहां जाएंगे, तो एक अभूतपूर्व अनुभव आपको मिलेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में भगवान बुद्ध से जुड़े तीर्थ स्थलों का आकर्षण और बढ़ाने के लिए भी सरकार निरंतर कार्य कर रही है. लद्दाख से लेकर बोधगया, सारनाथ से सांची तक, जहां-जहां भगवान बुद्ध के स्थान हैं, उनकी कनेक्टिविटी के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं. आपको इस बात की भी जानकारी होगी कि कुछ दिनों बाद करतारपुर साहेब से भी अब सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित होने वाली है. नौ नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद अब भारत से श्रद्धालु सीधे करतारपुर साहेब जा सकेंगे.इस पवित्र पर्व के मौके पर भारत सरकार बीते एक वर्ष से बैंकॉक सहित पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित कर रही है. गुरु नानक देव जी सिर्फ भारत के, सिख पंथ के ही नहीं थे, बल्कि उनके विचार पूरी दुनिया, पूरी मानवता की धरोहर हैं.मुझे विश्वास है कि उनका ‘पांचसौ पचासवां’ प्रकाशोत्सव उससे भी भव्य तरीके से मनाया जायेगा. यहां सिख समुदाय ने फित्सानुलोक - या विष्णुलोक- में जो गुरुनानक देव जी गार्डन बनाया है, वो सराहनीय प्रयास है. आज गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में स्मारक सिक्के भी जारी किये गये हैं. मुझे बताया गया कि यहां बैंकॉक में गुरु नानक देव जी का ‘पाँच सौवां’ प्रकाशोत्सव बहुत धूम-धाम से मनाया गया था. संत थिरू वल्लुवर कहते हैं- ताड़ात्रि दंड पोरूड़ेल्ल डक्करक्क वेल्ड़ामि सइदर पुरूट्ट. यानि योग्य व्यक्ति परिश्रम से जो धन कमाते हैं उसे दूसरों की भलाई में लगाते हैं।भारत और भारतीयों का जीवन आज भी इस आदर्श से प्रेरणा लेता है. थोड़ी देर पहले भारत के दो महान सपूतों, दो महान संतों से जुड़े स्मारक चिन्ह रिलीज करने का अवसर मुझे मिला है. मुझे याद है कि 3-4 साल पहले संत थिरु वल्लुवर की महान कृति थिरुक्कुराल के गुजराती अनुवाद को launch करने का अवसर मुझे मिला था. भारत में 2022 तक हर गरीब को अपना पक्का घर देने के लिए भी पूरी शक्ति के साथ प्रयास किया जा रहा है.मुझे विश्वास है कि भारत की इन उपलब्धियों के बारे में जब आप सुनते होंगे तो गर्व की अनुभूति और बढ़ जाती होगी.बीते पांच सालों सालों में हमने हर भारतीय को बैंक खाते से जोड़ा है, बिजली कनेक्शन से जोड़ा है और अब हर घर तक पर्याप्त पानी के लिए काम कर रहे हैं. आठ करोड़ घरों को हमने तीन साल से भी कम समय में मुफ्त LPG गैस कनेक्शन दिये हैं.यह संख्या थाईलैंड की आबादी से बड़ी है. हाल में ही, गांधी जी की 150वीं जयंती पर, भारत ने खुद को Open Defecation फ्री घोषित किया है. आज भारत के गरीब से गरीब का किचन Smoke Free हो रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जैसे ही बैंकॉक में आर्टिकल 370 व जम्मू-कशमीर तथा लद्दाख के पुनर्गठन के बारे में बात की, उपस्थित भारतीय समुदाय ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया. मोदी ने कहा कि अब हम उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं जो कभी असंभव लगते थे.आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आतंक और अलगाव के बीज बोने वाले एक बहुत बड़े कारण से देश को मुक्त करने का निर्णय भारत ने लिया है.भारत में छह दशक बाद किसी सरकार को पांच साल का टर्म पूरी करने के बाद पहले से भी बड़ा mandate मिला है.इसकी वजह है, पिछले पांच साल में भारत की उपलब्धियां.लेकिन इसका एक अर्थ यह भी है कि भारत के लोगों की अपेक्षाएँ और आशाएँ और बढ़ गई हैं. भारत के इतिहास में पहली बार महिला मतदाताओं की संख्या, करीब-करीब पुरुषों के बराबर रही?इतना ही नहीं, इस बार पहले से कहीं ज़्यादा महिला MP लोक सभा में चुन कर आईं है. पीएम मोदी ने कहा कि वे अपने विदेशी मित्रों से कह सकते हैं, देखो – मैं भारतीय मूल का हूँ और मेरा भारत कैसी तेजी से, कितना आगे बढ़ रहा है. और वे सही कहते हैं.आप संभवत: जानते होंगे कि इस साल के आम चुनावों में इतिहास में सबसे ज़्यादा 60 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले.देशवासियों ने मुझे लोकसभा में एक बार फिर पहले से अधिक आशीर्वाद दिया है. स्वास्दी का संबंध संस्कृत के शब्द स्वस्ति से है. इसका अर्थ है- सु प्लस अस्ति, यानि कल्याण. यानि, आपका कल्याण हो.अभिवादन हो, Greetings हो, आस्था हो, हमें हर तरफ अपने नजदीकी सम्बन्धों के गहरे निशान मिलते हैं, ये रिश्ते दिल के हैं, आत्मा के हैं, आस्था के हैं, अध्यात्म के हैं. भारत का नाम पौराणिक काल के जंबूद्वीप से जुड़ा है. वहीं थाइलैंड सुवर्णभूमि का हिस्सा था.भारत की अयोध्या नगरी, थाईलैंड में आ-युथ्या हो जाती है. जिन नारायण ने अयोध्या में अवतार लिया, उन के पावन-पवित्र वाहन - ‘गरुड़’ के प्रति थाईलैंड में अप्रतिम श्रद्धा है. भगवान राम की मर्यादा और भगवान बुद्ध की करुणा, ये दोनों हमारी साझा विरासत का हिस्सा हैं.करोड़ों भारतीयों का जीवन जहां रामायण से प्रेरित होता है, वही दिव्यता थाईलैंड में रामाकियन की है.हजारों साल पहले दक्षिण पूर्वी एशिया के साथ समुद्र के रास्ते जुड़े, हमारे नाविकों ने तब समुद्र की लहरों पर हजारों मील का फासला तय करके समृद्धि और संस्कृति के जो सेतु बनाएं वो आज भी विद्यमान हैं. हम भाषा के ही नहीं, भावना के स्तर पर भी एक दूसरे के बहुत नजदीक हैं.इतने नजदीक कि कभी-कभी हमें इसका आभास भी नहीं होता.जैसे आपने मुझे कहा स्वादी मोदी. भारत-थाइलैंड के रिश्ते सिर्फ सरकारों के बीच के नहीं है. इतिहास के हर पल ने, इतिहास की हर घटना ने, हमारे संबंधों को विकसित किया है, विस्तृत किया है और नई ऊंचाइयों तक पहुंचा है. ये रिश्ते दिल के है, आत्मा के हैं, आस्था के हैं, आध्यात्म के हैं. पीएम ने कहा कि थाइलैंड के राजपरिवार का भारत के प्रति लगाव हमारे घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है. राजकुमारी महाचक्री स्वयं संस्कृत की बहुत बड़ी विद्धान हैं और संस्कृति में बहुत गहरी रुचि है. भारत से उनका आत्मीय नाता बहुत गहन है. दरअसल, हमारे रिश्ते सिर्फ सरकारों के बीच के नहीं हैं. सरकारों ने तो इन्हें बनाया भी नहीं है. इन्हें इतिहास ने बनाया है. आज, थाईलैंड के नए नरेश के राज-काल में, अपने मित्र प्रधान मंत्री ‘प्रयुत चान ओ च’ के निमंत्रण पर मैं भारत-आसियान समिट में भाग लेने यहाँ आया हूं.थाईलैंड की यह मेरी पहली official यात्रा है. तीन साल पहले थाईलैंड नरेश के स्वर्गवास पर मैंने शोक संतप्त भारत की ओर से उन्हें श्रद्धांजालि अर्पित की थी.पूरे विश्व ने अभी दीवाली का त्यौहार मनाया है. आज छठ का बहुत बड़ा त्योहार है.प्राचीन सुवर्णभूमि, थाइलैंड में आप सभी के बीच हूं तो लगता ही नहीं है कि कहीं विदेश में हूं. ये माहौल, ये वेशभूषा, हर तरफ से अपनेपन का आभास मिलता है, अपनापन झलकता है. आप भारतीय मूल के हैं सिर्फ इसलिए नहीं, बल्कि थाइलैंड के कण-कण, जन-जन में भी अपनापन नज़र आता है. यहां की बातचीत में, यहां के खान-पान में, यहां की परंपराओं में, आस्था में, आर्किटेक्चर में, भारतीयता की झलक है. मोदी ने बैंकाक में स्थानीय भाषा में लोगों का अभिववादन किया. मोदी ने कहा करि मुझे विश्वास है कि आप जहां भी होंगे, आपके पास जो भी संसाधन होंगे, आप जरूर मां भारती की सेवा का मौका ढूंढते ही होंगे. इस विश्वास के साथ एक बार फिर आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में आने, हमें आशीर्वाद देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.' पीएम मोदी ने थाईलैंड में आसियान समिट में विश्व के बड़े मुलाकात करेंगे. कई समझौते भी किये जायेंगे.बैंकॉक में शनिवार को आसियान समिट शुरू हो गया है.आसियान के 10 सदस्य देशों के नेता इस सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं.आसियान के सदस्य देशों में म्यांमार, ब्रुनेई, कंबोडिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. पीएम मोदी ने बैंकॉक पोस्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत आरसीईपी की बातचीत से संतुलित नतीजे के लिए प्रतिबद्ध है. इसका सफलतापूर्वक समाप्त होना सभी पक्षों के हित में है. इसलिए भारत गुड्स, सर्विसेज और इन्वेस्टमेंट में संतुलन चाहता है.हम अपने सहयोगियों की गुड्स को लेकर ऊंची महत्वाकांक्षा को समझते हैं. हम सभी के लिए अच्छे नतीजे की उम्मीद करते हैं. हमें लगता है कि ट्रेड डेफिसिट को लेकर हमारी चिंताओं का समाधान होना चाहिए.