बिहार: पटना में दूध मंडी हटाने के खिलाफ तेजस्‍वी-तेज प्रातप ने आरजेडी नेताओं के साथ दिया धरना

टना:जिला प्रशासन द्वारा पटना जंक्शन के मेन गेट के समीप स्थित दूध मंडी को प्रशासन द्वारा हटाने के खिलाफ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बुधवार की रात आरजेडी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ धरना पर बैठ गये.तेजस्वी को साथ देने के लिए उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी देर रात वहां पहुंचे.धरना में एमएलए भोला यादव व शक्ति यादव सहित पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद थे.हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद गुरुवार सुबह के पहले लगभग तीन बजे प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के आश्वासन दिये जाने बाद तेजस्वी यादव ने धरना समाप्त किया.काफी दिनों बाद तेजस्वी व तेज प्रताप कार्यक्रम में साथ-साथ दिखे. अतिक्रमण हटाओ अभियान में प्रशासन ने दूध मंडी किया ध्वस्त जिला प्रशासन की टीम ने पिछले कई दिनों से चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना जंक्शन के मुख्य द्वार के समीप स्थित दूध मंडी को बुधवार को ध्वस्त कर दिया.प्रशासन का कहना है कि दूध मंडी सरकारी जमीन पर चल रही थी.भारी बारिश के बावजूद तेजस्वी यादव दूध मार्केट को तोड़े जाने के खिलाफ वहां धरना पर बैठ गये.धरना के दौरान तेजस्वी ने नई शर्त रखी कि जितने रकबा में दूध मंडी थी, प्रशासन उतनी जगह देने का करार करे. साथ ही स्मार्ट सिटी के तहत दूध मंडी की संरचना भी शामिल हो. प्रशासन द्वारा दूध मंडी को बकरी मंडी में विस्थापित करने का लिखित आश्वासन देने के बाद तेजस्वी ने धरना समाप्त कर दिया. तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि सीएम के रूप में लालू प्रसाद यादव ने गरीब किसानों के लिए इस दूध मंडी का निर्माण कराया था.यहां दूध बेचने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादकों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं थीं. उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद प्रशासनिक अफसरों से दूध व्यवसायियों ने मंडी तोड़ने के आदेश की कॉपी मांगी, लेकिन प्रशासन यह नहीं दिखा सका.प्राशासन ने बंदूक की नोंक पर जबरन एक मंदिर सहित दूध मंडी को तोड़ दिया. तेजस्वी ने कहा कि राज्य सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर गरीबों को तंग कर रही है.यह सरकार लालू प्रसाद यादव के किए गए कामों को मिटाना चाहती है.इस दूध मंडी को लालू प्रसाद यादव ने ही मुख्यमंत्री रहते बनाया था। प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर मनमानी कर रहा है.घटनास्थल पर धरना देते तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना कम-से-कम 10 हजार परिवारों को सड़क पर ला दिया है. सवाल यह है कि दूध मंडी तोड़ने के गैर-कानूनी काम से 10 हजार व्यवसायियों, सरकारी संपत्ति व मंदिर का जो नुकसान हुअा है, उनकी भरपाई कौन करेगा? यदि दूध वालों को पुनर्स्थापित नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन होगा.आरजेडी अपने खून का कतरा-कतरा बहा देगी, लेकिन चुप नहीं बैठेगी. बिहार की नीतीश सरकार अराजकता के हालात बना रही है. ऐसे में विपक्ष को यह पता है कि सरकार को कैसे लाइन पर लाया जाए. भाई का साथ देने पहुंचे तेज प्रताप लंबे समय से राजनीति से दूर रहे तेजस्वी यादव ने जैसे ही राजनीतिक सक्रियता दिखाते हुए दूध मंडी तोड़ने के खिलाफ धरना दिया,बडे भाई तेज प्रताप यादव भी वहां पहुंच गये.इससे पहले तेज प्रताप ने तेजस्वी के लंबे समय बाद पटना पहुंचने व राजनीतिक रूप से सक्रिय होने को लेकर ट्वीट कर लिखा कि अब विरोधी होशियार हो जाएं, क्योकि महाभारत के युद्ध (विधानसभा चुनाव 2020) में अब कृष्ण (तेज प्रताप यादव) का अर्जुन (तेजस्वी यादव) आ गया है.