नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंक में इंडियन अकाउंट होल्डरों की लिस्ट इंडियन गर्वमेंट को सौंपी

  • स्विस बैंक में जमा भारतीयों की ब्लैक मनी से जुड़ी पहली जानकारी मिली
  • स्विस बैंक में धन जमा करने वाले देशों की लिस्ट में इंडिया वर्ल्ड में 74वें नंबर पर
नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एईओआई पर ग्लोबल स्टैंडर्ड्स फ्रेमवर्क के तहत फाइनेंशियल अकाउंट्स पर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है. इंडियन गर्वमेंट को अपने नागरिकों के स्विस बैंक अकाउंट की पहली लिस्ट स्विट्जरलैंड गर्वमेंट मिल गयी है. सूचनाओं का लेन-देन गोपनीयता की शर्त के साथ किया गया है. इसी कारण उन भारतीयों के नाम और अन्य ब्योरे सार्वजनिक नहीं किये गये हैं. भारत अब उन 75 देशों में शामिल हो गया है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड सरकार ने बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां साझा की हैं. स्विट्जरलैंड के कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सितंबर 2020 में भारत के साथ फिर वित्तीय खातों की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जायेगा.दोनों देशों के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की इस व्यवस्था से भारत को विदेश में अपने नागरिकों के जमा कराये गये ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी. गर्वमेंट को बैंक अकाउंट में जमा राशि से लेकर धनराशि ट्रांसफर करने के ब्योरे के साथ ही आय का भी पुख्ता विवरण मिला है. इसमें सिक्योरिटीज और अन्य संपत्तियों में निवेश आदि शामिल हैं.ज्यादातर ब्योरे प्रवासी भारतीयों समेत देश के कारोबारियों के हैं. इनमें अधिकांश वह भारतीय हैं जो कुछ दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में जाकर बस गये हैं. कुछ भारतीय तो अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी जा बसे हैं. उक्त अकाउंट के अलावा लगभग100 ऐसे इंडियनों की बैंक अकाउंट की डिटेल मिली है जिनके पुराने अकाउंट है. बताया जाता है कि इन लोगों ने किसी कार्रवाई से बचने के लिए 2018 से पहले ही इन अकाउंट को बंद कर दिया. स्विट्जरलैंड इन अकाउंट की जानकारियों को भी शीघ्र साझा करने की प्रक्रिया में है. ये अकाउंट वाहन कल-पुर्जा, रसायन, वस्त्र, रीयल एस्टेट, हीरा एवं आभूषण, इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं. स्विस बैंकों से प्राप्त जानकारियों के विश्लेषण में उन सूचनाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो राजनीतिक संपर्क रखने वाले लोगों से संबंधित हैं. स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने कुल 31 लाख वित्तीय खातों को साझा किया है और अपने साझीदार देशों से कुल 24 लाख ख्रातों की जानकारी पाई है. लगभग7500 वित्तीय संस्थान (बैंक, ट्रस्ट और बीमा कंपनियों) मौजूदा समय में एफटीए में पंजीकृत हैं. बताया जाता है किये जानकारियां मुख्यत: कई दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों समेत व्यवसायियों से संबंधित हैं. कभी पूरी तरह से गोपनीय रहे स्विस बैंक खातों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर शुरू हुई मुहिम के बाद पिछले कुछ सालों में इन अकाउंट से भारी स्तर पर पैसे निकाले गये.कई अकाउंट बंद हो गये. स्वीस बैंकों में इंडियन का 6,757 करोड़ जमा स्विस नैशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार स्विस बैंक में भारतीयों द्वारा जमा रकम 2018 में लगभग छह परसेंटघटकर 6,757 करोड़ रुपये रही थी. पिछले दो दशक में जमा रकम का यह दूसरा निचला स्तर है.वर्ष 2018 में सभी विदेशी ग्राहकों द्वारा स्विस बैंक में जमा रकम चार परसेंटसे ज्यादा घटकर 99 लाख करोड़ रुपये रही. बैंक फॉर इंटरनैशनल सैटलमेंट (बीआईएस) के 'लोकेशनल बैंकिंग स्टैटिस्टिक्स' के मुताबिक, साल 2018 में भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा रकम में 11 परसेंट की गिरावट आई है.स्विस बैंक में धन जमा करने वाले देशों की सूची में भारत दुनियाभर में 74वें नंबर पर है. ब्रिटेन का पहला स्थान है.