बिहार में स्पेशल ब्रांच द्वारा RSS सहित 19 संगठनों की जांच के आदेश से मचा सियासी बवाल

पटना: बिहार में स्पेशल ब्रांच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समेत 19 संगठनों की कुंडली खंगाल रही है. स्पेशल ब्रांच की इंटेलिजेंस विंग के एसपी ने आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों के राज्य पदाधिकारियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का आदेश दिया है. स्पेशल ब्रांच का यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल व उजागर होने के बाद बिहार में राजनीति भी गरमा गयी. पुलिस मुख्यालय ने सफाई दी है. एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने चिट्ठी पर सफाई देते हुए कहा है कि बगैर अनुमति एसपी ने पत्र जारी कर दिया. पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. गृह विभाग ने भी विशेष शाखा से स्पष्टीकरण तलब कर लिया है. पूछा है कि सरकार की जानकारी के बगैर पत्र कैसे निर्गत हुआ? गंगवार ने कहा कि पुलिस मुख्यालय या सरकार को कोई जानकारी नहीं है. एडीजी ने कहा कि यह लेटर एसपी की तरफ से जारी हुआ है और जिन्होंने पत्र जारी किया वे अभी पुलिस अकेडमी में ट्रेनिंग में हैं, उनका भी पक्ष लिया जायेगा. गंगवार ने यह भी कहा कि आरएसएस नेताओं पर खतरा था, इस वजह से डिटेल लिया जा रहा था. स्पेशल ब्रांच की ओर से जारी आदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण सम्नयव समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों के नाम और पते मांगे गये हैं. एसपी पर अपने मन से पत्र जारी करने का आरोप बिहार सरकार की विशेष शाखा की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों के बारे में ब्योरा मांगने को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गया है पुलिस मुख्यालय की सफाई के बाद यह बात सामने आई कि एसपी ने अपने मन से पत्र जारी कर दिया था संघ पर किसी तरह की कार्रवाई की मंशा नहीं है. भाजपा एमएलसी संजय मयूख ने ने विधान परिषद में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मई की लिखी विशेष शाखा की एक चिट्ठी अभी वायरल हो रही .इ सकी चर्चा सदन के बाहर और तमाम मीडिया के बीच हो रही है. आखिर क्या वजह है कि आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों की जानकारी सरकार ने मांगी है. आरएसएस कोई आज का संगठन नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठित संगठन है और काफी पुराना है.सरकार को इस मसले पर सदन में एक स्पष्ट वक्तव्य देना चाहिए.