नई दिल्ली: हम दोबारा उठ खड़े होंगे, जनता के अधिकारों के लिए सड़क और संसद दोनों जगह लड़ेंगे: सोनिया

  • सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की नेता चुनी गयी
  • एक्स पीएम मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी को संसदीय दल का नेता बनाने का प्रस्ताव रखा
  • कांग्रेस के लोकसभा व राज्यसभा मेंबरों के साथ महासचिव ने सर्वसम्मति से दी मंजूरी
नई दिल्ली: यूपीए चेयरमैन सोनिया गांधी को शनिवार को फिर से कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुन लिया गया. सोनिया को चौथी बार कांग्रेस के संसदीय दल का नेता चुना गया है. वह 2004 से लगातार इस पद पर हैं. कांग्रेस के 52 नवनिर्वाचित लोकसभा सांसदों, राज्यसभा सदस्यों और महासचिवों की संसद भवन में शनिवार को बैठक में सोनिया गांधी को संसदीय दल का नेता चुना गया. बैठक में नई सरकार बनने के बाद 17 जून से शुरू हो रहे संसदीय सत्र के मुद्दों पर भी चर्चा हुई. बैठक में सोनिया ने 12 करोड़ वोटरों का कांग्रेस पर भरोसा जताने के लिए आभार जताया. बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी मौजूदा चुनौतियों के सामने अडिग है और दोबारा उठ खड़ी होगी. हम जनता के अधिकारों के लिए सड़क और संसद दोनों जगह लड़ेंगे. यह हमारे लिए अभूतपूर्व संकट का समय है लेकिन इसमें ही अभूतपूर्व अवसर भी निहित हैं. अब यह हमारे ऊपर निर्भर है कि हम इसे कितनी विनम्रता और आत्मविश्वास से लेते हैं. हार से सही सबक सीखने की आवश्यकता है. देश की जनता को हमसे सम्मानपूवर्क जनादेश स्वीकार करने और खुद में सुधार की अपेक्षा है. हम जानते हैं कि हमारे सामने क्या चुनौतियां हैं? हम वापसी करेंगे. हम अपना हौसला नहीं खोयेंगे. हम सरकार को उसके वादे याद दिलाते रहेंगे. हर नागरिक के लिए लड़ते रहेंगे: राहुल गांधी संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में मेहनत के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का आभार जताया. बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि 'कांग्रेस के हर कार्यकर्ता को यह याद रखना चाहिए कि हम संविधान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हमारी लड़ाई देश के हर नागरिक के लिए है भले ही उसका रंग, जाति धर्म कुछ भी हो. हमारा संघर्ष देश के प्रत्येक नागरिक के लिए है और यह लड़ाई जाति, धर्म, लिंग, रंगभेद से परे है. उन्होंने कहा कि हम 52 सांसदों को मिलकर संघर्ष करना है. भले ही संख्या में हम 52 हों, लेकिन इसी संख्याबल से हम बीजेपी से इंच-इंच की लड़ाई करने में सक्षम हैं. राहुल गांधी ने मोदी सरकार की तुलना ब्रिटिश राज से करते हुए कांग्रेस सांसदों से संविधान के लिए लड़ाई लड़ने का आह्वान किया. राहुल ने सांसदों से कहा कि आपको देश के किसी भी संस्थान से सपोर्ट नहीं मिलेगा, फिर लड़ना है और जीतना है. यह ब्रिटिश काल जैसा है, जब किसी भी संस्थान ने पार्टी का समर्थन नहीं किया. तब भी हम लड़े और जीते. हम एक बार फिर से जीत हासिल करेंगे. राहुल ने कहा कि हम संसद में बीजेपी को वॉकओवर नहीं देने वाले और हमारे 52 सांसद इंच-इंच के लिए लड़ाई लड़ेंगे. कांग्रेस लोकसभा में नेता विपक्ष की मांग नहीं करेगी कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि लोकसभा में उसके सांसदों की संख्या नेता विपक्ष के पद के लिए कम है. ऐसे में वह नेता विपक्ष का दावा नहीं करेगी. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई मांग पार्टी की तरफ से नहीं रखी जायेगी. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण सरकार की तरफ से हम ऐसी कोई मांग नहीं करेंगे। सुरजेवाला ने कहा, 'यह सामान्य व्यवस्था है कि कुल सांसद संख्या में से 10% सीटें किसी एक पार्टी के पास होनी चाहिए, उसके बाद ही नेता विपक्ष का दर्जा मिल सकता है। संख्या बल के लिहाज से हमारी सीटें 2 कम हैं. हालांकि, यह बहुत कुछ सरकार पर भी निर्भर करता है कि क्या वह संख्या बल कम होने पर भी किसी एक पार्टी को मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर दर्जा देना चाहते हैं या नहीं. सुरजेवाला ने कहा कि हम अपनी तरफ से नेता विपक्ष के पद की मांग नहीं करने जा रहे हैं. इसके लिए जरूरी संख्या 54 है और हमारी संख्या उससे 2 कम है. जब तक हम जरूरी संख्या तक नहीं पहुंच जाते हैं, हमारी तरफ से इसकी मांग नहीं की जायेगी. उल्लेखनीय है कि पिछली लोकसभा में कांग्रेस के सिर्फ 44 सांसद थे, इसलिए पार्टी को नेता विपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाया था. इस बार भी नेता विपक्ष के लिए जरूरी संख्या से कम सांसद होने के कारण कांग्रेस इसका दावा पेश नहीं करेगी.