बिहार: SC/ST स्टूडेंट्स के लिए छह आवासीय स्कूल खुलेंगे, 306 करोड़ की मंजूरी,कैबिनेट ने 12 एजेंडों पर मुहर लगायी

पटना:बिहार कैबिनेट नेराज्य में एससी/एसटी के लिए छह आवासीय स्कूल खोले जाने की मंजूरी दी है.कैबिनेट से स्कूल के लिए 306 करोड़ की राशि को मंजूरी मिली है. कैबिनेट ने भूमि विवाद को देखते सरकार ने जमाबंदी कानून को मंजूरी दे दी है. सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 12 एजेंडों पर मुहर लगी है. बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि एससी/एसटी के लिए प्रस्तावित आवासीय विद्यालयों में चार अनुसूचित जाति और दो अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए होंगे.विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद राजकीय अभियंत्रण और पॉलीटेक्निक व महिला पॉलीटेक्निक में काम करने वाले शिक्षकों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) द्वारा अनुशंसित वेतनमान देने का फैसला किया गया है. शिक्षकों को यह लाभ एक जनवरी 2016 के प्रभाव से दिया जायेगा. कैबिनेट ने भवन निर्माण विभाग में समायोजन के आधार पर नियमित रूप से नियुक्त इंजीनियरों को सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन का लाभ देने, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण प्रशासन को राज्यांश मद से वेतन देने व गृह विभाग के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने बिहार पुलिस क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग नियमावली 2019 के गठन को भी मंजूरी दी है. कैबिनेट सचिव ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान सहायक शिक्षक शिवेंद्र कुमार की मौत हो गई थी. सरकार ने विशेष परिस्थितियों को देखते हुए मृतक की पत्नी कंचन कुमार को 30 लाख रुपये देने का प्रस्ताव मंजूर किया है. पटना में गुरु गोविंद सिंह महाराज के 350 वीं जयंती के अवसर पर बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान जिसका नाम अब प्रकाश पुंज हो गया. कैबिनेट ने इस के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 28.72 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. इस परियोजना की कुल लागत 54.16 करोड़ रुपये है.निर्माण कार्य को नवंबर में खत्म करने का टारगेट हैं. प्रकाश पुंज के निर्माण पर अब तक 24.79 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र भी केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है. केंद्र ने अब तक दूसरी किस्त की राशि नहीं दी .कैबिनेट ने बिहार आकस्मिकता निधि से 28.72 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. कैबिनेट के प्रमुख निर्णय SC-ST के लिए आवासीय स्कूल खुलेंगे. SC के लिए 4 और ST के लिए 2 स्कूल होंगे. 720 बेड वाले इन स्कूलों के निर्माण पर 306 करोड़ रुपये खर्च कये जायेंगे. चालू वित्तीय वर्ष में 91 करोड़ रिलीज करने की मंजूरी दी गयी है. बिहार रजिस्ट्री नियमावली 2019 में संशोधन। बिहार पुलिस क्षेत्रीय लिपिक संवर्ग नियमावली 2019 का गठन. सहायक शिक्षक शिवेंद्र किशोर पाठक के परिजनों को मिलेंगे 30 लाख रुपये. लोकसभा चुनाव के दौरान हुई थी मृत्यु. प्रकाश पर्व के लिए 28.72 करोड़ रुपए। गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 350वीं जयंती पर खर्च हुई थी राशि. आम जनता अब अपनी जमीन को जमाबंदी कायम होने के बाद ही उस जमीन को हस्तांतरित कर सकेगी या बेच सकेगी। भूमि विवाद को देखते सरकार ने जमाबंदी कानून को मंजूर किया. विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद राजकीय अभियंत्रण और पॉलीटेक्निक व महिला पॉलीटेक्निक में काम करने वाले शिक्षकों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) द्वारा अनुशंसित वेतनमान देने का फैसला। शिक्षकों को यह लाभ एक जनवरी 2016 के प्रभाव से दिया जायेगा. भवन निर्माण विभाग में समायोजन के आधार पर नियमित रूप से नियुक्त इंजीनियरों को सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन का लाभ देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत. जिला ग्रामीण विकास अभिकरण प्रशासन को राज्यांश मद से वेतन देने का प्रस्ताव को भी मंजूरी. गृह विभाग के प्रस्ताव पर बिहार पुलिस क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग नियमावली 2019 के गठन को भी मंजूरी. बिना जमाबंदी कराये जमीन की बिक्री, हस्तांतरण या दान नहीं होगा पटना: बिहार गर्वमेंट ने जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. नीतीश गर्वमेंट ने इस संबंध में कानून बनााया है. नये कानून के प्रभावी होने के बाद कोई भी व्यक्ति बगैर जमाबंदी कराए जमीन की बिक्री, उसका हस्तांतरण या दान नहीं कर सकेगा. जमीन या मकान का दाखिल-खारिज आपके नाम से हो तभी ही आप उसे बेच सकते हैं. राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार रजिस्ट्रीकरण (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2008 में संशोधन और नियमावली 2019 के गठन को मंजूरी दी गई. जमाबंदी कानून अधिसूचना प्रभावी होने के साथ ही लागू हो जायेगा. अब किसी भी व्यक्ति को अपनी या पैतृक जमीन बेचने के पहले सभी कानूनी पहलुओं का पालन करना होगा. पैतृक संपत्ति होने पर परिवार के सदस्यों की आपसी सहमति से संबंधित संपत्ति और उसके हिस्सेदारी की सूची बनेगी. इस परिवार में यदि कोई बेटी है तो उससे अनापत्ति प्रमाणपत्र भी संबंधित व्यक्ति को प्राप्त करना होगा. इसके बाद संपत्ति का बंटवारा होगा. संबंधित व्यक्ति सीओ ऑफिस में जमाबंदी करायेंगे और तभी वह संपत्ति उस व्यक्ति की मानी जायेगी. जमाबंदी होने के साथ ही संबंधित संपत्ति की मिल्कियत उस व्यक्ति के नाम हो जायेगी. इसके बाद ही वह व्यक्ति अपनी संपत्ति बेच सकता है या फिर किसी को दान या हस्तांतरित कर सकता है. टाउन में अपार्टमेंट के मामले में होल्डिंग की व्यवस्था ही जारी रहेगी.अगर होल्डिंग नहीं रहेगी तो संबंधित व्यक्ति अपना फ्लैट बेच नहीं सकते हैं.यदि किसी व्यक्ति ने अपार्टमेंट का निर्माण कराया है और उसे होल्डिंग नंबर आवंटित नहीं है तो पहला फ्लैट बिक्री के बाद उसे होल्डिंग नंबर आवंटित किया जायेगा. यदि टाउन में किसी के भी पास जमीन है तो उसे भी जमाबंदी अपने नाम करानी होगी.