नई दिल्ली: सिंगर नेहा भसीन ने इंडियन आइडल के जज अनु मलिक पर लगाया गलत बर्ताव का आरोप

नई दिल्ली: सिंगर अनु मलिक का नाम एक बार फिर मी टू में आ गया है. सिंगर नेहा भसीन ने अनु मलिक पर गलत बर्ताव करने का आरोप लगाया है. इससे पहले अनु मलिक पर सिंगर सोना महापात्रा और श्वेता पंडित यौन शोषण का आरोप लगा चुकी हैं. अनु मलिक इन दिनों सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल सीजन 11 के जज है.मलिक के साथ विशाल ददलानी और नेहा कक्कड़ भी इस शो को जज कर रहे हैं. सोना महापात्रा ने इस बारे में ट्वीट किया है. सोना ने ट्वीट में लिखा है कि है, ‘मैं विवा के दिनों से ही प्रतिभाशाली नेहा भसीन को जानती हूं. मैं यह भी जानती हूं कि वह बहादुरी से चीजों का सामना करती है. मैं दो ऐसे लोगों को भी जानती हूं जिनके बच्चे एक रियलिटी शो में थे और उनके माता-पिता इस शो को जीतने के लिए बेताब थे और अनु मलिक 11 साल से शो को जज रहे हैं.’ सोना के ट्वीट का जवाब देते हुए नेहा ने लिखा, ‘मैं आपसे सहमत हूं. हम एक बहुत ही लिंगभेद करनेवाली दुनिया में रहते हैं. अनु मलिक एक भक्षक है. मैं भी 21 साल की उम्र में उनकी अजीब हरकतों को देखकर वहां से भाग गई थी. मैंने खुद को एक विकट स्थिति में जाने नहीं दिया. वह मेरे सामने एक सोफे पर लेटे हुए एक स्टूडियो में मेरी आंखों के बारे में बात कर रहे थे. मैं इसके बाद वहां से झूठ बोलकर भाग गई थीं.’ नेहा ने लिखा है, ‘मैंने यह झूठ बोला कि मेरी मां नीचे इंतजार कर रही है और मैं वहां से भाग गई. उन्होंने बाद में मुझे मैसेज और फोन भी किया. जिस पर मैंने प्रतिक्रिया देनी बंद कर दी. मुद्दा यह है कि मैं उन्हें अपनी सीडी देने के लिए गई थी और एक गाना गाने का मौका मिलने की उम्मीद कर रही थी. वह उम्र में बड़े थे और उन्हें जिस तरह का व्यवहार करना चाहिए था, वह नहीं किया. अनु मलिक एक बदसूरत विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति है.’नेहा यह भी लिखा है, ‘भले ही मेरे पास एक बहादुर डीएनए सोना है : जैसा कि आप जानते हैं कि इस इंडस्ट्री में ऐसी कई घटनाओं के कारण परिवार से दूर एक युवा लड़की के तौर पर जगह बनाना आसान नहीं है. इस तरह के संकटों का सामना करना पड़ता है. हमारे उद्योग के बाहर और अंदरविकृत मानसिकता के लोग हैं.’नेहा ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर भी लिखा, ‘मैं सोना महापात्रा का समर्थन करती हूं और अनु मलिक एक विकृत मानसिकता के व्यक्ति है, एक राष्ट्र के तौर पर हमें पुरुषों को महिलाओं को चोट पहुंचाने से रोकने की जरूरत है. यह ठीक नहीं है. और उन्हें क्षमा करके आप उन्हें फिर से ऐसा करने के लिए उकसाते हैं. जोकि ठीक नहीं है.’