Karnataka : SC के आदेश पर 10 बागी एमएलए स्पीकर से मिले, फिर से सौंपे इस्तीफे,स्पीकर ने कहा- धीमी सुनवाई के आरोपों से दुखी, वीडीओ सुप्रीम कोर्ट को भेजेंगे

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को 10 बागी एमएलए मुंबई से बेंगलुर पहुंचकर शाम 6 बजे स्पीकर आर. रमेश कुमार से मुलाकात की और उन्हें नये सिरे से अपने इस्तीफे सौंप दिये. कोर्ट ने स्पीकर को इन इस्तीफों पर शुक्रवार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. स्पीकर ने नये सिरे से इस्तीफे मिलने के बाद कहा कि वे यह देखेंगे कि इन सदस्यों ने दबाव में तो यह कदम नहीं उठाया है. सुप्रीम कोर्ट में बुधावर को 10 बागी एमएलए ने याचिका दायर कर कहा था कि स्पीकर उनके इस्तीफे मंजूर करने की बजाए रोड़े डाल रहे हैं.कोर्ट से स्पीकर को इस्तीफे तत्काल मंजूर करने और अयोग्य घोषित करने से रोकने का आदेश देने का आग्रह किया. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने बागी एमएलए के वकील मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि याचिका दायर करने वाले 10 एमएलए गुरुवार शाम 6 बजे तक स्पीकर से मुलाकात करें. राज्य के डीजीपी इन विधायकों की सुरक्षा के प्रबंध करें. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शाम करीब 4 बजे कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायक विशेष विमान से मुंबई से बेंगलुर पहुंचे और स्पीकर रमेश कुमार को विधिवत प्रारूप में नए सिरे से इस्तीफे सौंप दिए. स्पीकर को यही मुख्य ऐतराज था कि 14 में से नौ के इस्तीफे विधिवत प्रारूप में नहीं हैं.बागियों को स्पीकर के समक्ष पेश होने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ घंटों बाद रमेश कुमार ने इस्तीफों की जांच के लिए ज्यादा मोहलत मांगी लेकिन कोर्ट ने नहीं दी. स्पीकर के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस्तीफों पर विचार में दिनभर का वक्त लगेगा, थो़ड़ा ज्यादा समय दिया जाये. कोर्ट ने कहा कि आदेश दिया जा चुका है. अब उनकी याचिका पर शुक्रवार को बागियों की याचिका के साथ सुनवाई की जायेगी. सियासी नजरें अब बीगी एमएलए के नये इस्तीफों पर स्पीकर रमेश कुमार के फैसले पर टिकी हैं.स्पीकर द्वारा यदि 10 बागी एमएलए के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं तो सत्तारू़ढ़ गठबंधन के एमएलए की संख्या विधानसभा अध्यक्ष को छो़ड़कर 106 हो जायेगी. बीजेपी के पास दो निर्दलीय समेत 107 विधायकों का समर्थन है. कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 है. यदि 10 बागी एमएलए के इस्तीफे मंजूर हुए तो सदन की सदस्य संख्या घटकर 214 व बहुमत घटकर 108 रह जायेगा. बीजेपी को अपने 105 एमएलए व दो निर्दलीय का समर्थन है. छह अन्य बागी एमएलए पहले ही इस्तीफे दे चुके हैं. धीमी सुनवाई के आरोपों से दुखी, वीडीओ सुप्रीम कोर्ट को भेजेंगें: स्पीकर कांग्रेस-जेडीएस के किसी भी बागी एमएलए ने मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा था इस्तीफों की जांच कर पता लगाऊंगा कि क्या यह स्वैच्छिक और वास्तविक हैं भी या नहीं [caption id="attachment_35471" align="alignnone" width="300"] कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार.[/caption] बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा स्पीकार केआर रमेश कुमार ने बागी एमएलए के इस्तीफे पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. इससे कनार्टक में जारी सियासी घटनाक्रम का अभी भी रहस्यमय बना हुआ है. स्पीकर ने बागी एमएलए से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. धीमी सुनवाई के आरोपों से वह दुखी हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी बागी एमएलए ने मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा था. विधानसभा स्पीकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है. मैंने सारी चीजों की विडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा. स्पीकर रमेश ने बागी एमएलए से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 'मैंने कुछ न्यूज चैनलों पर देखा कि मुझ पर धीमी सुनवाई का आरोप लग रहा है. मैं इस बात से मैं दुखी हूं. गर्वनर ने छह जुलाई को मुझे सूचना दी. मैं उस समय तक ऑफिस में था और फिर कुछ निजी कामों के लिए चला गया. इससे पहले किसी भी एमएलए ने मुझसे मिलने आने की जानकारी नहीं दी थी. स्पीकर ने कहा कि वह छह जुलाई को दोपहर एक बजकर 30 मिनट तक अपने चैम्बर में थे. एमएलए मुझसे दो बजे मिलने आये. किसी भी एमएलए ने मिलने का समय नहीं मांगा था. मुझसे पूर्व अनुमति भी नहीं ली थी. इसलिए यह गलत बात है कि मैं उनके आने की वजह से जल्दी निकल गया. मैं रविवार को ऑफिस नहीं खुला रख सकता हूं. स्पीकर ने कहा कि मेरा काम किसी को बचाना या किसी को निकालना नहीं होता है. मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं. मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहा हूं, इससे भाग नहीं रहा हूं. मैंने कर्नाटक विधानसभा के नियम 202 के अनुसार सोमवार को सभी इस्तीफों की जांच की. फार्म 8 निर्धारित फॉर्मेट में नहीं थे. मुझे अभी यह देखना है कि क्या ये इस्तीफे स्वैच्छिक और वास्तविक हैं. मैं पूरी रात इन इस्तीफों की जांच करूंगा और यह पता लगाऊंगा कि क्या ये वास्तविक हैं.' स्पीकर ने कहा कि एमएलए ने मुझसे कोई बात नहीं की वे सीधा गवर्नर के पास दौड़ गये. वे क्या करते? क्या यह दुरुपयोग नहीं है? उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया।.मेरा दायित्व देश के संविधान और इस राज्य के लोगों के प्रति है. मैं देरी कर रहा हूं, क्योंकि मैं इस मिट्टी से प्यार करता हूं. मुझे जल्दबाजी में काम नहीं करना. सुप्रीम कोर्ट ने मुझसे फैसला लेने के लिए कहा है.मैंने सारी चीजों की विडियोग्राफी की है और मैं उसे सुप्रीम कोर्ट को भेजूंगा. विधानसभा स्पीकर ने एमएलए को धमकी और मुंबई जाने के बारे में कहा कि ने एमएलए ने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी थी और वे डर से मुंबई गये थे. मैंने उनसे कहा कि उन्हें मुझसे संपर्क करना चाहिए था और मैं उन्हें सुरक्षा दिलाता. केवल 3 कार्यदिवस ही बीते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा व्यवहार किया जैसे कोई भूकंप आया हो.