रांची: CM ने मोरहाबादी मैदान व गर्वनर ने दुमका में तिरंगा फहराया काम किया है काम करेंगे: रघुवर

रांची: रांची में 73वें स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया. सीएम रघुवर दास ने यहां तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली. गर्वनर द्रौपदी मूर्मू ने दुमका में झंडोतोलन किया. [caption id="attachment_37089" align="alignnone" width="300"] दुमका में सलामी लेते गर्वनर.[/caption] रांची में आयोजित समारोह में सीएम ने भारत माता की जय से अपने संबोधन की शुरुआत की. सीेएम के साथ हजारों लोगों ने लगाया भारत माता की जय का नारा. मुख्यमंत्री का संबोधन वंदे मातरम् से समाप्त हुआ. सीएम ने कहा कि अपने देश की स्वतंत्रता की 72वीं वर्षगांठ पर मेरी ओर से आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं. आज का दिन हर हिन्दुस्तानी के लिए गर्व का दिन है. इस लहराते हुए तिरंगे को देखकर हर हिन्दुस्तानी का सिर गर्व एवं स्वाभिमान से ऊंचा उठ जाता है. राष्ट्र के प्रति प्रेम और देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत हर देशवासी अपने राष्ट्र एवं राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध एवं संकल्पित है.समारोह में गर्वनर द्रौपदी मुर्मू, एक्स सीएम हेमंत सोरेन, राज्य के कई मंत्री, एमएलए, सीएच, डीजीप समेत कई पुलिस व प्रशानिक अफसर समेत बड़ी संख्या में आम लोग मौजूद थे. [caption id="attachment_37080" align="alignnone" width="300"] परेड की सलामी लेते सीएम.[/caption] सीएम ने कहा कि देश की आजादी की 72वीं सालगिरह हमारे लिए कई सौगातें लेकर आई है. स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने राष्ट्र की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण करने की दिशा में एक साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जम्मू एवं कश्मीर में धारा 370 35A को समाप्त कर दिया है.सीएम ने कहा कि झारखंड को विरासत में उग्रवाद की घोर समस्या मिली. हमारा झारखंड उग्रवाद की घोर समस्या से जूझ रहा था. विगत साढ़े 4 वर्षों में हमारे पुलिस एवं अर्धसैनिक बल के जवानों के अदम्य साहस व केंद्र एवं राज्य सरकार की नीतियों की वजह से उग्रवाद अंतिम सांसे ले रहा है. आज इस अवसर पर मैं वीरगति प्राप्त पुलिस पुलिस के जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.वर्तमान सरकार के इरादे और हौसले भी बुलंद हैं. हमें सवा तीन करोड़ जनता का विश्वास एवं आशीर्वाद भी प्राप्त है. जनता की इसी भरोसे की बदौलत हम धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू एवं अन्य शहीदों के सपनों का झारखंड बनाने में जुटे हैं. एक नया झारखंड जहां कोई अभाव की जिंदगी ना जिए जहां कोई भी बे दवा, बे शिक्षा बेघर और गरीब ना रहे. हमारा एक ही लक्ष्य झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता की सेवा. हमें सवा तीन करोड़ भाई बहनों की जिंदगी में खुशहाली लाना और समृद्ध बनाना है. [caption id="attachment_37081" align="alignnone" width="300"] समारोह को संबोधित करते सीएम.[/caption] सीएम ने कहा कि पिछले 5 वर्ष में झारखंड में गरीबी के बहु आयामी सूचकांक में तेजी से कमी आई है. यूएनडीपी की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में तेजी से गरीबी कम होने वाले विभिन्न देशों के राज्य में भारत का झारखंड सबसे ऊपर है. रिपोर्ट के अनुसार गरीबी की व्यापकता में 4.8 प्रतिशत तथा गरीबी गहनता में 2.4 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से कमी आई.झारखंड के इतिहास में पहली बार कृषकों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत की गई, जिसमें राज्य के सभी लघु एवं सीमांत किसान जिनके पास 5 एकड़ तथा कृषि योग्य जमीन होगी उन्हें 5000 रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से सहायता अनुदान दिया जा रहा है. किसानों को न्यूनतम 5 हजार तथा अधिकतम 25 हजार आर्थिक सहायता के रूप में दिए जा रहे हैं. यह राशि किसानों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जा रही है. राज्य सरकार इस वर्ष के लगभग 35 लाख किसानों को 3 हजार करोड़ की राशि का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.राज्य के विकास में मजदूरों की अहम भूमिका है. असंगठित मजदूरों को निबंधित कराने का अभियान चलाया जा रहा है, ताकि उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा सुविधा, छात्रवृत्ति, औजार साइकिल, सुरक्षा की सुविधा मिल सके. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत ₹3000 पेंशन देख कर श्रमिकों के भविष्य को सुरक्षित किया गया.झारखंड की धरती से माननीय प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत शुरू की थी. आयुष्मान भारत से झारखंड के 68 लाख परिवारों में से 57 लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा. योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अब तक 40 लाख गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं. अब तक दो लाख से अधिक लाभुकों को इस योजना का लाभ दिया गया है. बाकी बचे लाभुकों को 16 अगस्त से बिना शुल्क दिए प्रज्ञा केंद्र एवं स्वास्थ्य केंद्र में अपना कार्ड बनवा सकते हैं और 25 सितंबर तक सभी 57 लाख परिवारों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध करा दिए जायेंगे. साथ ही, 16 अगस्त से पहले फेज में 25 अटल क्लिनिक (मुहल्ला क्लिनिक) खोले जा रहे हैं तथा 25 सितम्बर तक 100 मुहल्ला क्लिनिक खोले जायेंगे जहां शहरी क्षेत्र के गरीब लोगों को अपने मुहल्ले में प्राथमिक ईलाज की सुविधा मिल सकेगी. सीएम ने कहा कि केन्द्र प्रायोजित योजना के अन्तर्गत ही दुमका, हजारीबाग एवं पलामू में नव-निर्मित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के भवन का उद्घाटन किया जा चुका है. कोडरमा एवं चाईबासा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु 250 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं.झारखण्ड के भविष्य निर्माण में सबसे बहुमूल्य पूंजी शिक्षा है, जिसमें हमारी सरकार निवेश कर रही है, ताकि सब बच्चों को शिक्षा मिले.सरकार ने उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने के द़ृष्टिकोण से 12 जिलों में महिला महाविद्यालय, 13 जिलों में मॉडल महाविद्यालय एवं 27 अन्य डिग्री महाविद्यालयों सहित कुल 52 नये महाविद्यालयों की स्थापना की है. इसके अतिरिक्त 13 पॉलिटेक्निक संस्थान भी खोले गए हैं.राज्य सरकार द्वारा तकनीकी शिक्षा के प्रसार हेतु कोडरमा एवं पलामू में अभियंत्रण महाविद्यालय एवं गोला में महिला अभियंत्रण महाविद्यालय का निर्माण कराया गया है. हमारी सरकार के अथक प्रयासों से 5 नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है. संस्कृत भाषा एवं उसके गौरव को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से देवघर जिला में बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है. आने वाले वर्षों में तकनीकी सहायता उपलब्ध करवा कर शिक्षा और स्वास्थ्य में प्रमुख सेक्टर में बदलाव लाना है. सीएम ने कहा कि अगले महीने से राज्य के पत्रकारों के लिए पेंशन योजना शुरू की जा रही है.राज्य के विकास में मजदूरों की भी अहम् भूमिका है. असंगठित मजदूरों को निबंधित कराने का अभियान चलाया जा रहा है ताकि उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा सुविधा, छात्रवृत्ति, औजार, साईकिल, सुरक्षा किट आदि की सुविधा मिल सके. प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत 3000 रुपये पेंशन देकर उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा रहा है.राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में पथों का विशेष महत्व है. शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है.हम राज्य के सभी शहरी एवं ग्रामीण बस्तियों में अगले तीन वर्षों में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए कृत संकल्पित हैं. राज्य के सभी 68 लाख घरों तक बिजली पहुँचा दी गई है. चौबीसों घंटे बिजली के लिए ग्रिड एवं सब-स्टेशन का निर्माण चल रहा है. 2020 तक चौबीसों घंटे बिजली की सुविधा गांव तक पहुंच जायेगी. शहरों एवं गाँवों में स्ट्रीट लाईट लगाए जा रहे हैं.राज्य में पर्यटन के विकास की असीम संभावना को देखते हुए पर्यटन के विकास पर जोर दिया जा रहा है.राज्य के सभी शहरों को आपस में जोड़ने के लिए रेलवे लाईन का जाल बिछाया जा रहा है.विकास को नई उड़ान देने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अवस्थित हवाई अड्डा के विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है. रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत हवाई अड्डे का निर्माण कराया जा रहा है.औद्योगिक विकास हेतु Ease of Doing Business में झारखण्ड राज्य जहाँ 2014 में 29वें स्थान पर था, अब चौथे स्थान पर है. निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखण्ड निर्यात नीति के द्वारा औद्योगिक इकाईयों को निर्यात प्रोत्साहन हेतु अनुदान दिये जा रहे हैं. विगत 3 वर्षों में हमारे राज्य ने 24 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात किया है. विगत दो वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ, जिसमें70 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. झारखण्ड में 15 प्रतिशत की दर से पेट्रोल, डीजल की मांग में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में भी इसकी खपत में बढ़ोत्तरी हुई है. देश में पेट्रोल, डीजल की खपत में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पेट्रोल, डीजल की बढ़ती हुई खपत इस बात का सूचक है कि झारखण्ड देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले दोगुनी रफ्तार से विकसित हो रहा है.खादी ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग और छोटे उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. इनके विकास के लिए लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड का गठन किया गया है. जिसके अंतर्गत लाह, बाँस, शिल्प एवं मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.भ्रष्टाचार मुक्त झारखण्ड बनाने के लिए हमारी सरकार कृत संकल्पित है. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित एवं विकसित कर वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी को झारखण्ड के गौरवपूर्ण अतीत से अवगत कराने के लिए राँची स्थित 150 वर्ष पुराने बिरसा मुण्डा सेन्ट्रल जेल को संरक्षित करके संग्रहालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. इस संग्रहालय में भगवान बिरसा मुण्डा एवं अन्य शहीदों की प्रतिमाएं लगायी जाएंगी और उनकी जीवनी को लाईट एंड साउण्ड के माध्यम से प्रदर्शित किया जायेगा. बिरसा मुण्डा स्मृति पार्क का निर्माण किया जा रहा है, जो 15 नवम्बर 2019 तक पूर्ण हो जायेगा.आदिवासी संस्कृति और परम्पराओं को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी सांस्कृतिक केन्द्र मांझी मानकी हाउस, धुमकुड़िया का निर्माण और सरना, मसना एवं जाहेरथान की चहारदीवारी करायी जा रही है.प्रलोभन देकर या जबरन धर्मान्तरण कराने को गैर-कानूनी ठहराते हुए इसके खिलाफ सख्त कानून बनाये गये हैं. झारखण्ड के निर्माण के बाद पहली बार गाँवों के ग्राम प्रधान, मानकी मुण्डा, डाकुआ, परगनैत, घटवाल आदि सभी परम्परागत प्रधानों को सम्मान देते हुए उनके मानदेय को दोगुना किया गया है. इनके रिक्त पदों को भी भरा जा रहा है. विकास में इनकी भागीदारी बढ़ाने तथा इनका कार्य डिजिटल और सुगम बनाने के लिए इन्हें टैबलेट दिये गये हैं.इस वर्ष हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं. हम सब का यह संकल्प होना चाहिए कि हम उनके कदमों में स्वच्छ भारत, स्वच्छ झारखण्ड रखें. महात्मा गांधी ने अपने कर्तव्य से सम्पूर्ण विश्व के सामने अनुकरणीय आदर्श रखा था। हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनायें. काहे का मुख्य मंत्री -- मैं तो मुख्य सेवक हूं चाईबासा: सीएम रघुवर दास ने अपने हाथों से आदिम जनजाति समुदाय की बहनों के पांव में चप्पल पहनाया. अवसर था चरण पादुका योजना के उद्घाटन का. किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस योजना का उद्घाटन इस तरह होगा. पर, जब समय आया इसके उद्घाटन का तो सब चौंक गए. सीएम रघुवर दास एक छोटे भाई की तरह आगे बढ़े और आदिम जनजाति समुदाय की महिला झलक मुनि बिरहोर और तिरकी बिरहोर की ओर पहुंचकर उनके चरण पर झुके और उनके पैरों में चप्पल दिया और उन्हें प्रणाम किया. दोनों की आंखें भर आयी. लोग देखते रह गए.. लोग समझते रह गए. किसी ने ऐसी उम्मीद नहीं की थी पर मुख्यमंत्री के सहज व्यक्तित्व को इसकी परवाह नहीं थी. उनके लिए यह एक अत्यंत सामान्य सी बात थी. गरीब, गांव, मेहनतकश जैसे लोग मुख्यमंत्री के ह्रदय में बसते हैं. रक्षाबंधन से एक दिन पहले राज्य के मुख्य सेवक के हाथों बहन को चप्पल पहनाना लोगों के दिलों को छू गया. मुख्यमंत्री ने आज कहा कि चरण पादुका योजना के तहत चाईबासा जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाई गई चप्पले आदिम जनजाति समुदाय को नि:शुल्क दी जाएंगी. ज्ञात हो कि इस योजना को एसीसी सीमेंट के सीएसआर फंड के माध्यम जा रहा है. अचानक से दृश्य कौंधता है संतालपरगना का. इसी तरह की घटना 14 सितम्बर 2016 को दुमका के आउटडोर स्टेडियम में हुई थी, जब मुख्यमंत्री मंच पर बैठे हुए थे, प्रमंडलस्तरीय सखी मंडलो का सम्मेलन हो रहा था, एक दिव्यांग जिसके पैर नहीं थे पर हौसले बुलंद थे वह मुख्यमंत्री को अपनी वेदना से रूबरू कराने के लिए मंच की ओर आगे बढ़ रहा था. मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास की नजर उस पर पड़ी, इससे पहले कि कोई कुछ समझे मुख्यमंत्री मंच से उतरकर उस दिव्यांग भाई के पास पहुंचे और कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं आपका सेवक हूं. मैं आपके पास आऊंगा. दिव्यांग भाई को अब आवेदन से अधिक महत्वपूर्ण लगने लगा मुख्यमंत्री की संवेदना. उसकी आंखों में आंसू थे...ऐसे ही आंसू आज कोल्हान में झलक मुनि बिरहोर, तिरकी बिरहोर की आंखों में थे.