नई दिल्ली: राजीव गांधी ने INS विराट को बना दिया था प्राइवेट टैक्सी की तरह यूज किया: मोदी

  • परिवार व विदेशी रिश्तेदारों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए आइएनएस का किया था इस्तेमाल
  • कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियां पूरे देश में दे रही हैं वंशवाद को बढ़ावा
  • जो लोग अपने पूर्वजों के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन उनके कारनामे गिनाने पर हो रही आपत्ति
  • AAP नाकामपंथी हैं और असफलता का ठीकरा दूसरों पर फोड़ते हैं
  • नाकामपंथी मॉडल ने दिल्ली में अराजकता फैलाई और लोगों का भरोसा तोड़ा
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जो लोग आज कह रहे हैं कि सेना किसी की जागीर नहीं है, उसी परिवार के लोग नौसेना के वॉरशिप INS विराट को लेकर छुट्टियां मनाने गये थे. आज की पीढ़ी को कुछ सच्चाइयों से परिचित होना जरूरी है. कांग्रेस के नामदार मुझे गाली देने में कोई कमी नहीं रखते हैं. कांग्रेस के नामदार कह रहे हैं कि सेना किसी जागीर नहीं है. देश की रक्षा करने वाली सेना को अपनी जागीर कौन समझता है, यह मैं बताऊंगा. क्या आपने सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाये. यह हमारे ही देश में हुआ है. कांग्रेस के नामदार परिवार ने INS विराट का अपनी टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था. उसका अपमान किया था. यह बात तब की है, राजीव गांधी भारत के पीएम थे और 10 दिन की छुट्टियां मनाने निकले थे. INS विराट उस समय समुद्र की रखवाली के लिए तैनात था. उनके पूरे कुनबे को लेकर आईएनएस विराट खास द्वीप पर रुका और 10 दिन तक रुका रहा. राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों में उनके ससुराल वाले भी थे. क्या विदेशी लोगों को वॉरशिप पर ले जाकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया था? नामदार परिवार की इस छुट्टी का किस्सा इतने पर खत्म नहीं होता, जिस द्वीप पर गांधी परिवार छुट्टी मनाने गया था, वहां रख-रखाव का काम भी नौसेना ने ही किया था. जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है तो देश की सुरक्षा दांव पर लग जाती है. पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में बीजेपी की चुनावी विजय संकल्प रैली को संबोधित कर रहे थे. पीएम ने राजीव गांधी व कांग्रेस के साथ दिल्ली के सीएम का नाम लिए बगैर, उनकी सरकार को नाकामपंथी बताया. पीएम मोदी ने कहा कि इन्हें अपने पूर्वजों के नाम पर वोट तो चाहिए, लेकिन जब उन्हीं के कारनामे खंगाले जाते हैं तो इन्हें मिर्च लग जाती है. अगर आप किसी के नाम पर वोट मांग रहे हैं, तो उनके कारनामों का हिसाब भी देना होगा. कांग्रेस आजकल अचानक न्याय की बात करने लगी है. कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि 1984 के सिख दंगों का हिसाब कौन देगा? कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि सिख दंगों से जुड़े लोगों को सीएम बनाना कौन सा न्याय है? कांग्रेस ने जो देश के साथ अन्याय किया, हम उसे कम करने की कोशिश कर रहे हैं. तीन दशक बाद 1984 के दंगों के आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचे हैं. हमने बीते पांच वर्ष में सत्ता के दलालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन्होंने जनपथ को दलालों का पथ बना दिया था. जहां क्वात्रोची मामा बोफोर्स तोप की दलाली का भाव फिक्स करता था.अगस्ता हेलीकॉप्टर वाले मिशेल मामा का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया जाता था. भोपाल में विनाश करने वाले एंडरसन मामा को हवाई जहाज से भगाने की रणनीति बनती थी. आज उसी जनपथ में अदालतों और जेल के डर से वकीलों का ही आना-जाना रहता है. केजरीवाल पर 'नाकामपंथी' से हमला पीएम मोदी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर आम आदमी पार्टी पर भी बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद हमारे देश में चार राजनीतिक परंपरा रही हैं. पहला नामपंथी, जिनके लिए परिवार ही सबसे बड़ा है. दूसरा वामपंथी, जिनके लिए विदेशी विचार ही सबसे बड़ा रहा है. तीसरा दाम और दमन पंथी. चौथा है विकास पंथी, जिनके लिए देश का विकास ही सब कुछ है. दिल्ली के लोगों ने पांचवां मॉडल भी देखा है, जिसका नाम है नाकामपंथी. दिल्ली के विकास से जुड़े हर काम को ना कहते हैं और हर काम में नाकाम रहते हैं. इस नाकामपंथी मॉडल ने दिल्ली में अराजकता फैलाई और लोगों का भरोसा तोड़ा है. नाकामपंथी लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को खत्म करने का काम किया है. इन्होंने देश में नई राजनीति के विश्वास को नाकाम किया है. ये लोग देश बदलने आये थे, लेकिन खुद ही बदल गये. ये लोग नई व्यवस्था देने आये थे, लेकिन खुद अव्यवस्था का नाम बन गये. मोदी ने कहा कि इन्होंने पहले सबको अनाप-शनाप कहा, फिर घुटनों के बल पर चलकर माफी मांग ली. देश की हर संस्था को गालियां दी. अपनी हर नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ा. टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन में खड़े भी हो गये.पंजाब में देश के विरोधियों और खालिस्तान समर्थकों को भी ताकत दी. पीएम ने कहा कि गरीबों से जुड़ी योजनाओं के सामने ये नाकामपंथी दीवार बनकर खड़े हो गये हैं. दिल्ली में केंद्र सरकार और राज्य सरकार, दोनों के अस्पताल हैं. जो केंद्र के अस्पताल हैं, वहां आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को हर साल पांच लाख रुपये का इलाज सुनिश्चित हुआ है, लेकिन यह योजना राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं मिल रही है. क्योंकि नाकामपंथी सरकार ने इस योजना को अपने यहां लागू नहीं किया. मोदी ने कहा कि 'कांग्रेस सरकार 2009 और 2014 में आईपीएल और चुनाव तक एक साथ नहीं करा पायी थी. आज लोग लोकतंत्र का पर्व मना रहे हैं तो साथ ही लोग अपने शहरों में ही आईपीएल का भी मजा लिया. इस बीच चैत्र नवरात्र भी हुए, हनुमान जयंती भी हुई, ईस्टर का पर्व भी मनाया और अब रमजान भी मनाया जा रहा है. पहले जो नामुमकिन लगता था, अब वह मुमकिन नजर आ रहा था. पीएम ने कहा कि पूरे देश में उनके खिलाफ वही लोग खड़े हैं, जो आम और गरीब जनता को आगे बढ़ने का मौका देने के बजाय वंशवाद को बचाने की कोशिश में जुटे हैं. दिल्ली में दीक्षित वंश, तो हरियाणा में हुडा, भजनलाल और वंशीलाल तक वंशवाद की सियासत चल रही है. पंजाब में बेअंत सिंह परिवार, राजस्थान में गहलोत परिवार और पायलट परिवार तथा मध्य प्रदेश में सिंधिया परिवार, कमलनाथ परिवार व दिग्विजय सिंह का परिवार वंशवाद का नारा बुलंद कर रहा है. इसी तरह जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला वंश और मुफ्ती वंश चल रहा है.उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह, तो बिहार में लालू प्रसाद के परिवार के नाम पर पार्टियां चल रही हैं. महाराष्ट्र में पवार वंश तो कर्नाटक में देवगौड़ा का वंशवाद फलफूल रहा है.तमिलनाडु में करुणानिधि का वंश तो आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू भी उसी वंशवाद का झंडा उठाये हुए हैं. ये सारे लोग सामाजिक न्याय और छद्म धर्मनिरपेक्षता की आड़ में भ्रष्टाचार और परिवारवाद में लिप्त हैं.