नई दिल्ली: राहुल ने 'चौकीदार चोर' बयान पर सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा, कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी

  • सुप्रीम कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर है' कहने पर राहुल गांधी ने बिना शर्त माफी मांगी
  • राहुल ने अवमानना याचिका के सिलसिले में बुधवार को SC में दिया नया हलफनामा
  • कांग्रेस प्रसिडेंट ने तीन पेज के हलफनामे में ने कहा कि उन्होंने अनजाने में अपने बयान को कोर्ट से जोड़ दिया
  • बीजेपी एमपी मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की हैं अवमानना याचिका, शुक्रवार को होगी सुनवाई
नई दिल्ली: कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से अपने 'चौकीदार चोर है' बयान को लेकर दायर अवमानना याचिका के सिलसिले में कोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की शुक्रवार को सुनवाई होनी है. कांग्रेस प्रसिडेंट ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन पेज का नया हलफनामा दायर कर अपने बयान पर बिना शर्त माफी मांग ली. उन्होंने कहा कि अनजाने में उन्होंने कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर है' बयान दे दिया, उनका यह इरादा नहीं था. राहुल गांधी ने अपने नए हलफनामे में कहा है कि उन्होंने गलती से अपने पॉलिटिकल स्लोगन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से कह दिया. राहुल गांधी ने इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में दो हलफनामे दाखिल किए थे लेकिन बयान पर माफी नहीं मांगी थी, बल्कि खेद जताया था.सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी है. राहुल गांधी ने हलफनामा में कहा है कि इस मामले में उनका माफी स्वीकार किया जाय और मामले को बंद किया जाय. क्या है मामला? राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर है' कहा था. बीजेपी एमपी मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के बयान को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की हैं. सुप्रीम कोर्ट ने . 10 अप्रैल को सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राफेल मामले में रिव्यू पिटिशन पर नए दस्तावेजों के आधार पर सुनवाई का फैसला किया था. इसी के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. लेखी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके बाद उन्होंने खेद जताते हुए कहा था चुनावी सरगर्मी और जोश में उन्होंने यह बयान दिया था. राहुल ने भविष्य में कोर्ट के हवाले से ऐसी कोई भी बात नहीं कहने की भी बात कही, जिसे कोर्ट ने न कहा हो. राहुल के पहले हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने दूसरा हलफनामा दायर किया.राहुल ने 22 पेज के दूसरे हलफनामे में एक जगह ब्रैकेट में 'खेद' शब्द लिखे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया, जिसके बाद आखिरकार राहुल ने तीसरा हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी है.