झारखंड:सीओ भी जारी कर सकेंगे डोमेसाइल सर्टिफिकेट, गरीब सवर्णों को एजुकेशनल इंस्टीच्युटों में 10% रिजर्वेशन, रघुवर कैबिनेट का फैसला

  • रांची व जमशेदपुर में बिजली वितरण के क्षेत्र में निजी कंपनियों को मिलेगा मौका
  • कैबिनेट की बैठक में 17 प्रस्‍तावों को स्वीकृति
रांची: झारखंड में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को अब गर्वमेंट, प्राइवेट व पीपीपी मोड पर संचालित एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त टेक्नीकल इंस्टीच्युटों (अल्पसंख्यक को छोड़ कर) में 10 परसेंट रिजर्वेशन का लाभ चालू सेशन एजुकेशनल इयर वर्ष 2019-20 से से दिया जायेगा. यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1), पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित-2) वर्गों को छोड़कर अन्य के लिए लागू होगा. एआइसीटीई के दिशा-निर्देश को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त परिस्थिति में लागू यह आरक्षण संस्थानों में एआइसीटीई से स्वीकृत कुल सीटों के अतिरिक्त होगा. अब सीओ भी स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र (डोमेसाइल सर्टिफिकेट) जारी कर सकेंगे. पहले एसडीओ के स्तर से जारी होनेवाला डोमेसाइल सर्टिफिकेट ही मान्य था. अब भी एसडीओ द्वारा जारी भी मान्य रहेगा. अब भी पहले की तरह जारी होनेवाला डोमेसाइल सर्टिफिकेट प्रमाण पत्र धारक के जीवन काल तक सभी कार्य व प्रयोजनों के लिए मान्य होगाझारखंड कैबिनेट की बैठक में इन दोनों प्रोपोजल के अलावा कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. बैठक की अध्यक्षता सीएम रघुवर दास ने की. कैबिनेट ने रांची व जमशेदपुर में पीपीपी मोड पर विद्युत वितरण लाइसेंसी मॉडल को स्वीकृति दी है. इसके तहत प्राइवेट एजेंसियों को बिजली के कार्य में लगाया जा सकता है. सरकार ने बिजली वितरण और बिल कलेक्शन जैसे कार्यों के लिए निजी क्षेत्रों को शामिल करने का नीतिगत फैसला ले लिया है. इसके लिए एक ट्रांजेक्शन एडवाइजरी की नियुक्ति होगी और इसे लागू करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी. कैबिनेट ने अंबेडकर आवास योजना में संशोधन की मंजूरी दी है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत लाभुकों के चयन में संशोधन की स्वीकृति दी गई है. इस संशोधन के साथ यह योजना सबसे संवेदनशील आवास योजना बन जायेगी.आवास विहीन अथवा एक कच्चे कमरे के मकान में रहने वाले परिवार जिनका नाम सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना के आंकड़ों से बाहर है, उन्हें भी अब ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद डीसी द्वारा जांच पूरी कर आवास की स्वीकृति दिए जाने का निर्णय लिया गया है.प्रत्येक जिला को इस वर्ष ऐसे मामलों के लिए 250 इकाई आवास स्वीकृत करने की अनुमति भी दी गई है. यह भी तय किया गया है कि आवास यथासंभव महिलाओं के नाम पर ही स्वीकृत किया जायेगा.यदि परिवार में कोई महिला न हो तो उस घर की बेटी अथवा परिवार के मुखिया की सहमति से परिवार के किसी अन्य सदस्य का नाम से आवास आवंटित किया जायेगा. कैबिनेट के फैसले बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय देवघर की स्थापना के लिए झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2018 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गयी. राज्य में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए तथा संस्कृत पढ़ाने वाले महाविद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा संस्कृत भाषा के पठन-पाठन के लिए समर्पित विश्वविद्यालय के गठन करने का विचार किया गया है.झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अधीन सृजित राजपत्रित एवं अराजपत्रित पदों के अलावा 6 अतिरिक्त अन्य पदों के सृजन की स्वीकृति.सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार विभिन्न बोर्ड/निगम के समायोजित 23 लिपिकीय कर्मियों को एसीपी/एमएसीपी का लाभ स्वीकृति के बाद 2 करोड़ रुपये की अग्रिम निकासी की घटनोत्तर स्वीकृति, रांची में दिव्यांगजनों के पुनर्वास एवं विशेष शिक्षण के लिए कम्पोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) स्थापना के लिए भवन निर्माण तथा इसके संचालन के लिए राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांग संस्थान (एनआईएलडी), कोलकाता को मुफ्त जमीन नहीं देकरपूर्व से निर्मित भवन में ही इसे संचालित करने को मंजूरी दी गयी है. कैबिनेट ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए) अधिनियम 2001 में संशोधन के लिए विधेयक 2019 को मंजूरी दी है पूर्व में सरकार ने इस संबंध में अध्यादेश लाया था, जिसे अब विधेयक का रूप दिया गया है, जिससे राज्यस्तरीय पदों पर नियुक्ति में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण जारी रखने और जिला स्तरीय पदों पर नियुक्ति के मामले में तत्काल स्थगित रखने का फैसला लिया गया था.पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत मौजा किरीबुरू/ मेघाहातुबुरू आदि (करमपदा रक्षित वन) के रकबा-1936.06 हेक्टेयर, 879.439 हेक्टेयर एवं 81.97 हेक्टेयर क्षेत्र पर स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा आधारित 3 लौह अयस्क खनिज के खनन पट्टों के 27 मार्च 2030 तक के लिए अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गयी है. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए तत्कालिक व्यवस्था के तहत सर्विस प्रोक्योरमेंट के आधार पर चयनित अंशकालीन शिक्षकों से कार्य लिए जाने की अवधि विस्तार (14/4/2020 तक) की स्वीकृति दी गयी.गिरिडीह जिला अंतर्गत हेसला- बेको पथ कुल लंबाई 29.925 किलोमीटर को ग्रामीण विकास विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण, मजबूतीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्य के लिए 69 करोड़ 24 लाख 93 हजार रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी.देवघर जिला अंतर्गत लालगढ़- लखा-नावाडीह कसियाबा-चोबाना-जिलुवा-बसकोपी पथ कुल लंबाई 9.728 किलोमीटर के पुनर्निर्माण कार्य के लिए 28 करोड़ 2 लाख खर्च करने को प्रशासनिक स्वीकृति,आदिवासियों के लिए मांझी थान शेड निर्माण योजना के लिए विभागीय संकल्प (9 जनवरी 2018) में संशोधन की स्वीकृति दी गयी है. इसके तहत संताल परगना के बाहर किसी जिले में भी संताल जनजाति की बहुलता पाई जाती है तो उन गांव में भी यह योजना क्रियान्वित की जायेगी.