नई दिल्ली: PoK भारत का, एक दिन हमारे अधिकार क्षेत्र में होगा: विदेश मंत्री जयशंकर

नयी दिल्ली:विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है.उम्मीद करते हैं कि एक दिन भारत के भौतिक अधिकार क्षेत्र में होगा.नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेस में जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के बढ़ते दबदबे से लेकर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से जारी तनाव का भी उल्लेख किया.उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बहरीन, मालदीव,रूस दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि इन सौ दिनों में कई देशों के साथ हमारे संबंध मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि पीओके पर हमारा रुख रहा है और हमेशा रहेगा कि यह भारत का हिस्सा है और हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन यह हमारे भौतिक अधिकार क्षेत्र में होगा. जयशंकर ने कहा कि आर्टिकल अनुच्छेद 370 द्विपक्षीय मुद्दा नहीं है,यह हमारा आंतरिक मुद्दा है.विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद मंगलवार को अपने पहले प्रेस कांफ्रेंस में जयशंकर ने अपने मंत्रालय के कामकाज के 100 दिनों की उपलब्धियां भी गिनायीं.उन्होने कहा कि 1972 के बाद से भारत की स्थिति स्पष्ट है और इसमें कोई बदलाव नहीं आने वाला है.एक सीमा के बाद इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे.मेरा रुख 1972 के बाद से स्पष्ट है और मेरे रुख में बदलाव नहीं आने वाला है.अंतत: यह मेरा मुद्दा है और मेरा रुख माना गया है और माना जायेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश अपनी छवि बनाते हैं.उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफगानिस्तान को लेकर की गयी उस टिप्पणी को भी याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि यह सूचना प्रौद्योगिकी बनाम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का विषय है और किस प्रकार से दो आईटी के अलग-अलग माने हैं.एक का संदर्भ भारत से है जो आईटी पेशेवरों के संबंध में है,जबकि दूसरा पाकिस्तान के संदर्भ में है. विदेश मंत्री ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भारत पड़ोस प्रथम की नीति को आगे बढ़ा रहा है,लेकिन उसके समक्ष एक पड़ोसी की अलग तरह की चुनौती है जिसे सामान्य व्यवहार करने और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है.सीमा पार से होने वाले आतंकवाद,आर्टिकल 370 को हटाये जाने जैसे मुद्दे पर भारत के पक्ष से वैश्विक जगत को अवगत कराया गया. अपने आंतरिक मामलों में भारत की स्थिति मजबूत रही है और मजबूत रहेगी.उन्होंने कहा कि घरेलू और विदेशी नीति के बीच बहुत मजबूत संबंध है.हमारे राष्ट्रीय नीति लक्ष्यों और विदेश नीति के लक्ष्यों के बीच का संबंध मजबूत हो गया है.उन्होंने लद्दाख में पांगोंग झील के करीब भारत व चीनी सेना के आमने-सामने होने के मुद्दे पर कहा कि‘वहां लड़ाई नहीं हुई. वहां केवल दोनों देशों के सैनिक तैनात थे,अब मामले का समाधान हो गया.उन्होंने इस्लामाबाद में जासूसी के आरोप में कैद कुलभूषण जाधव के मामले पर कहा कि सिंध में जो अभी हो रहा वह केवल पिछले 100 दिनों में नहीं हुआ है.सिख लड़कियों के अपहरण का भी मामला हुआ है. अफ्रीका में खोले जायेंगे 18 दूतावास विदेश मंत्री ने अफ्रीका के साथ संबंधों के प्रगाढ़ होने की बात को रेखांकित करते हुए कहा कि वहां 18 भारतीय दूतावास खोले जाने का काम चल रहा है.जी 20, ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत की आवाज सुनी जाने लगी है.विदेश नीति व देश की नीतियों के बीच मजबूत लिंक बने हैं. पिछले 100 दिनों में हम अफ्रीका में काफी एक्टिव हुए हैं.अफ्रीका प्रतिबद्धताओं को लेकर हमारे प्रयासों में काफी इजाफा हुआ है.वहां 18 दूतावास को खोलने का काम चल रहा है.विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी के ह्यूस्टन इवेंट के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.