नई दिल्ली: पीएम ने आर्टिकल 370, तीन तलाक और चंद्रयान-2 को बड़ी उपलब्धि बताया

  • मोदी ने दूसरे कार्यकाल में अपनी सरकार के 75 दिन पूरे होने पर न्यूज एजेंसी को दिया इंटरव्यू
  • कहा- आर्टिकल 370 का विरोध वही कर रहे हैं जो आतंकवादियों के हमदर्द हैं
  • हर भारतीय जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़ा है
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी दूसरी पारी में 75 दिन पूरे कर लिये हैं. पीएम ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस के साथ बातचीत में सरकार के कामकाज व मुद्दों पर डिटेल में खुलकर विचार रखें. पीएम ने कहा कि सरकार ने शुरुआती दिनों में ही अभूतपूर्व रफ्तार से काम किया है और इस दौरान स्पष्ट नीति और सही दिशा का प्रदर्शन किया है.मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहते हैं, बच्चों की सुरक्षा से लेकर चंद्रयान-2 अभियान तक, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई से लेकर मुस्लिम महिलाओं को तत्काल तीन तलाक की कुप्रथा से आजादी दिलाने तक,कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने व किसान कल्याण तक सरकार ने दिखाया है कि एक मजबूत शासन क्या कर सकता है. पीएम मोदी ने कहा आटिर्कल 370 हटाने के फैसले का विरोध कुछ स्वार्थी समूह, राजनीतिक वंश व वे लोग कर रहे हैं जो आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं. इसमें कुछ विपक्ष के मित्र शामिल हैं. आर्टिकल 370 का विरोध करने वाले लोगों की सूची देखिए. वही लोग विरोध कर रहे हैं जिनके अपने हित हैं, जो राजनीतिक विरासत वाले हैं, जो आतंकवादियों के हमदर्द हैं और कुछ विपक्षी मित्र भी. भारत के लोगों ने इस फैसले का समर्थन किया है-भले ही उनकी राजनीतिक विचारधारा कुछ भी हो. यह देश का सवाल है, राजनीति का नहीं. लोग समझ रहे हैं कि आज वे कड़े फैसले लिए जा रहे हैं जो देश के लिए जरूरी हैं और जिन्हें पहले लिए जाने से बचा जाता था.जम्मू-कश्मीर के लोगों को विकास से वंचित रखा गया था. आर्थिक अवसर नहीं बढ़ सके थे. आज विकास को एक अवसर देने की बारी है. आज बीपीओ से लेकर स्टार्ट-अप तक, खाद्य प्रसंस्करण से लेकर पर्यटन तक कई उद्योग निवेश के लिए आगे आने के लिए तैयार हैं. इससे निश्चित ही स्थानीय युवकों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे.आर्टिकल 370 और 35 ए एक बेड़ी की तरह थे, जिन्होंने लोगों को बांध रखा था.आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-थलग कर दिया था. सात दशक से लोगों का कोई भला नहीं किया. लोगों को विकास की धारा से अलग रखा गया. सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ कि आर्थिक तौर पर जम्मू-कश्मीर कभी तरक्की नहीं कर पाया. इस पर हमारा नजरिया थोड़ा अलग है. अब तक गरीबी की मार झेल रहे लोगों को ज्यादा आर्थिक मौके मिलने चाहिए. अब कश्मीर में विकास को एक मौका मिलना चाहिए.पीएम ने कहा कि मेरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के भाई-बहन अपने लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं, लेकिन अनुच्छेद 370 ऐसा नहीं होने दे रहा था. वहां महिलाओं, बच्चों, एससी और एसटी समुदाय के लोगों के खिलाफ काफी अन्याय था. अब, बीपीओ से लेकर स्टार्टअप तक, खाद्य प्रसंस्करण से लेकर पर्यटन तक, कई उद्योग निवेश का लाभ उठा सकते हैं. स्थानीय युवाओं के लिए अवसर पैदा कर सकते हैं. शिक्षा और स्किल डिवेलपमेंट के क्षेत्र में भी उछाल आयेगा. पीएम ने कहा कि जो लोग अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध कर रहे हैं, मेरा उनसे सीधा सा सवाल है कि आर्टिकल 370 और 35ए को बनाए रखने के पीछे उनका क्या तर्क है? पीएम ने कहा कि उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं होगा. ये वही लोग हैं, जो लोगों की मदद करने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन करने लगते थे. लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए एक प्रॉजेक्ट है, ये लोग उसका भी विरोध कर रहे हैं. रेलवे ट्रैक बनाया जाना है, ये लोग उसका भी विरोध कर रहे हैं. उनके दिल सिर्फ माओवादियों और आतंकवादियों के लिए धड़कते हैं, जिनसे आम आदमी को सिर्फ परेशानी हुई है. आज, देश का हर नागरिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़ा है और मुझे पूरा भरोसा है कि वहां के लोग विकास के मुद्दे पर हमारे साथ होंगे. पीएम ने कहा कि कश्मीर ने लोकतंत्र के पक्ष में ऐसी मजबूत प्रतिबद्धता कभी नहीं देखी है. आप पंचायत चुनाव के दौरान लोगों से मिले समर्थन को याद करें. लोगों ने बड़ी संख्या में निकलकर वोट किया था. किसी के रोकने पर भी वे नहीं रुके.नवंबर और दिसंबर 2018 में वहां 35,000 सरपंच चुनकर आए हैं और पंचायत चुनाव में 74 प्रतिशत लोगों ने वोट किया है. इस दौरान एक भी जगह से हिंसा की कोई खबर नहीं आई है. यह तब संभव हुआ जब मुख्य पार्टियों ने इस मामले को पटरी से उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आप सोचिए कि जो अब तक सत्ता में थे उन्होंने पंचायतों को मजबूत करने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया. पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने जलशक्ति मंत्रालय बनाकर पेयजल की उपलब्धता और जल संरक्षण के लिए बड़ी पहल की है. हम इस बार पहले 75 दिनों में इतना अधिक काम इसीलिए कर सके हैं, क्योंकि पहले कार्यकाल में इस सबकी बुनियाद बना दी गई थी. मोदी ने कहा कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र कामकाज के लिहाज से एक रिकार्ड रहा है. यह कोई साधारण उपलब्धि नहीं है. हमें खुशी है कि हम तमाम बड़ी योजनाएं शुरू कर सके, जैसे कि किसानों और व्यापरियों के लिए पेंशन स्कीम, मेडिकल क्षेत्र में सुधारों की शुरुआत, इन्सालवेंसी और बैंकरप्सी कोड में अहम संशोधन, श्रम सुधारों की शुरुआत आदि. यह सूची लंबी है. मूल बात यह है कि जब इरादे सही होते हैं और उद्देश्य की स्पष्टता होती है और लोगों का समर्थन होता है तो उपलब्धियों की कोई सीमा नहीं रह जाती.