इस्लामाबाद: पाकिस्तान को आतंकवाद का व्यवसाय करना महंगा पड़ रहा है. आतंवाद की खेती करने वाले पाकिस्तान की लगातार अलग-अलर मोरचों पर मुश्किलें बढ़ रही है. खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. देश किसी एक परेशानी से निकलने की कोशिश करता है तो दूसरी मुंह बाए खड़ी हो जाती है.पाक जिस युवा पीढ़ी के दम पर वह आतंकवाद की खेती करता था अब वही डिप्रेशन में जाने लगे हैं. पाककी आर्थिक हालात खास्ता होती जा रही है. लगातार बेरोजगारी व महंगाई बढ़ रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में हर दिन 15 से 35 लोग सुसाइड कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसारआर्थिक मोर्चे पर परेशानी का सामना कर रहे पाक में हर घंटे कम से कम एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है.
World Health Organisation( WHO) का अनुमान है कि पाकिस्तान में साल 2012 में सुसाइड की दर प्रति एक लाख लोगों पर 13,000 थी।.पिछले साल दिसंबर में अखबार डॉन ने एक सव्रे प्रकाशित किया था.इस सव्रे के मुताबिक, नौ परसेंट लोगों ने कहा कि वे अपना जीवन खत्म करने की कोशिश कर चुके हैं.45 परसेंट लोगों ने सर्वे में बताया कि उनके किसी न किसी करीबी ने सुसाइड करने का ख्याल मन में आने की बात कही है. सर्वे में यह बताया गया है कि इन घटनाओं के पीछे सामाजिक कारण जिम्मेदार रहे हैं.
बड़ी पोपुलेशन डिप्रेशन की चपेट में
पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (Pakistan Medical Association, PMA) ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश के नागरिकों में अवसाद की समस्या विश्व औसत से काफी ज्यादा है. पाकिस्तान के गांवों की तुलना में शहरों में यह समस्या विकराल है. रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के लगभग 35.7 फीसद, क्वेटा में 43 फीसद जबकि लाहौर में 53.4 परसेंट लोग डिप्रेशन के शिकार हैं. अनुमान है कि पूरे पाकिस्तान में 34 परसेंट लोगों को डिप्रेशन की समस्य है. पीएमएक के अफसरों का कहना है कि पाकिस्तानियों के डिप्रेशन में होने की मुख्य वजहों में नौकरी न मिलना, नौकरी छूटना, आमदनी न होना शामिल हैं.
रोटी की कीमत 30 रुपये
पाकिस्तान में बेरोजगारी की स्थिति बेहद खराब लेवल तक पहुंच गयी है. वर्तमान समय में बेरोजगारी 5.90 परसेंट है. आने वाले दिनों में इसके सुधरने के भी कोई संकेत नहीं है. साल 2020 में भी बोरोजगारी 5.90 परसेंट रहने का अनुमान है. पाकिस्तान की सेंट्रल बैंक पीएसबी (स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान) ने बड़ा फैसला लेते हुए ब्याज दरें बढ़ाकर 13.25 परसेंट कर दिया है. यह आठ साल में सबसे ज्यादा है. पाकिस्तानी रुपये में गिरावट का दौर जारी है. एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह अब तक के सबसे निचले स्तर 160 पर आ गया है. महंगाई का आलम यह है कि 10-12 रुपये में बिकने वाली गेहूं की रोटी की कीमत अब 20 से 30 रुपये तक पहुंच गयी है.
एजुकेशन का सिचुएशन काफी खराब
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में शिक्षा की मौजूदा स्थिति इतनी खराब है कि साल 2030 तक वहां हर चार में से एक बच्चा अपनी प्राथमिक शिक्षा भी पूरी नहीं कर पायेगा. समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनेस्को के आंकड़े बताते हैं कि आने वाले 12 वर्षों में पाकिस्तान शिक्षा के आधे लक्ष्य को ही हासिल कर पायेगा. देश में शिक्षा की जो मौजूदा दर है उसमें 50 परसेंट युवा उच्च माध्यमिक तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं.