पाकिस्तान: PAK आर्मी व पीएम इमरान के बीच दूरियां बढ़ी, पाकिस्तान एक और तख्तापलट की ओर!

नई दिल्ली : पाकिस्तानी आर्मी व प्राइम मिनिस्टर इमरान खान के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. अमेरिका दौरे और भारत से संबंधों को लेकर कुछ अहम मौकों पर इमरान खान के बयानों से पाकिस्तानी आर्मी नाराज है. ऐसे में आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा पाकिस्तान अब एक और तख्तापलट की ओर जाता हुआ दिख रहा है. पाकिस्तान की आर्मी भारत में आतंकियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ कराने की लगातार कोशिश कर रही है. कभी पाकिस्तानी सेना की कठपुतली कहे जाने वाले पीएम इमरान खान ने कई बार दावा किया कि उनकी सरकार आतंकियों पर कार्रवाई कर रही है. इससे पाकिस्तानी आर्मी पीएम इमरान से नाराज है. पाकिस्तानी आर्मी का इरादा सेना के लोगों को राजनीति के जरिए मुख्यधारा में लाना है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 की अक्टूबर में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि वह सशस्त्र बल के लोगों को राजनीतिक प्रक्रिया में लाने के लिए एक विशेष योजना पर काम कर रहे हैं. एक यूरोपीय थिंक टैंक एफसास के लिखित दस्तावेज के अनुसार गफूर का मकसद आतंकियों और आतंकी संगठनों को आपस में जोड़कर उन्हें पाकिस्तान की मुख्यधारा में लाने के लिए राजनीतिक क्षेत्र में एक सकारात्मक भूमिका दी जायेगी. पाकिस्तानी आर्मी दस सालों तक अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को अपने देश में छिपाकर रखी थी. पाक पीएम द्वारा पाकिस्तान में 30-40 हजार आतंकी' वाले बयान से भी आर्मी नाराज है. पिछले साल ही पाकिस्तानी सेना की हेराफेरी से चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनने वाले इमरान खान ने हाल ही में मजबूरी में कुछ ऐसे बयान दे दिए कि पाकिस्तानी सेना के जनरल उनके खिलाफ हो गए हैं, जो आतंकी समूहों को बकायदा प्रशिक्षण देते हैं. अमेरिका यात्रा के दौरान इमरान ने दुनिया के सामने यह कुबूल कर लिया कि उनके देश में करीब 30 हजार से 40 हजार आतंकी हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार देश में जेहाद की संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रही है. पाकिस्तान के आजादी दिवस पर इमरान खान यह भी कुबूल कर बैठे कि भारत गुलाम कश्मीर में बालाकोट से भी बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है. पाकिस्तानी सेना को इस बात की पूरी जानकारी है. हमारी जानकारी के मुताबिक भारत की और भी भयावह योजनाएं हैं. इमरान खान द्वारा बालाकोट हमले के कुबूलनामे से से भी पाकिस्तानी आर्मी खासे नाराज है. पाकिस्तानी आर्मी हमेशा से इस बात से इंकार करती रही है कि बालाकोट के हवाई हमले में भारत को कोई कामयाबी मिली थी. भारतीय हमले को नाकाम साबित करने के लिए पाकिस्तानी सेना ने विदेशी पत्रकारों को भी हमले वाली जगह पर ले जाने का नाटक रचा था. पाक आर्मी का दावा था कि हमले में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है. जबकि भारतीय वायुसेना ने कहा था कि बालाकोट स्थित आतंकी शिविर पर सटीक निशाना था और कम से कम 200 आतंकी मारे गये थे.