नई दिल्ली: हिंदी की अनिवार्यता हुई खत्म, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे में बड़ा बदलाव

नई दिल्ली: सेंट्रल गर्वमेंट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे में बदलाव कर दिया है. अब हिंदी पढ़ने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है. संशोधित मसौदे में त्रिभाषा फार्मूले के तहत छात्र अब कोई भी तीन भाषा पढ़ने के लिए स्वतंत्र होंगे, हालांकि इनमें एक साहित्यिक भाषा जरूरी होगी. पुराने मसौदे में हिंदी, अंग्रेजी के साथ कोई एक स्थानीय भाषा पढ़ने का प्रावधान था. गैर-हिंदी भाषी प्रदेशों विशेषकर दक्षिण भारतीय राज्यों, से उठ रहे विरोध के सुर को देखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे में सोमवार को यह बदलाव किया गया है. संशोधित शिक्षा नीति के मसौदे में त्रिभाषा फार्मूले को लचीला कर दिया गया है. अब इनमें किसी भी भाषा का जिक्र नहीं है. छात्रों को कोई भी तीन भाषा चुनने की स्वतंत्रता दी गई है. तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत के राज्यों में पहले से दो भाषा पढ़ाई जा रही है. इनमें एक स्थानीय और दूसरी अंग्रेजी है.संशोधित शिक्षा नीति के मसौदे में यह साफ कहा गया है कि स्कूली छात्रों को तीन भाषा पढ़नी होगी