नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट का जम्मू-कश्मीर में पांबदियां खत्म करने के मुद्दे पर हस्तक्षेप से इनकार, कहा- सरकार को वक्त मिलना वक्त चाहिए

  • सुप्रीम कोर्ट का जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां हटाने के मुद्दे पर दखल से इनकार
  • गर्वमेंट को हालात सामान्य करने के लिए मिलना चाहिए वक्त
  • कोर्ट प्रशासन के हर मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद वहां लगी पाबंदियों पर दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य में स्थिति संवेदनशील है और सरकार पर भरोसा किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार कोएक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को राज्य की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए समय दिया जाना चाहिए. रातोंरात चीजें नहीं बदल सकती है. ऐसे में राज्य में लगी पाबंदियों पर किसी प्रकार का आदेश नहीं दिया जायेगा. कोर्ट ने इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी. SC ने गर्वमेट से पूछा कबतक स्थिति होगी सामान्य? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने में कितना समय लगेगा? इसके जवाब में केंद्र ने कहा कि पूरा प्रयास कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए है और केंद्र दिन-प्रतिदिन हालात की समीक्षा कर रहा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है और कहा है कि इसके बाद भी ऐसे हालात रहे तो मामले पर विचार किया जाएगा। केंद्र ने कोर्ट को दिया आश्वासन केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2016 में घाटी में हालात सामान्य होने में तीन महीने लग गए और 47 से अधिक लोग मारे गए थे, लेकिन इस बार एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है। हम कोर्ट को यह आश्वासन देते हैं कि कुछ ही दिनों में घाटी में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। याचिकाकर्ता ले जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला गंभीर है कोई नहीं जानता क्या होगा. सरकार कह रही है कि रोजाना स्थिति की समीक्षा की जा रही है. अभी तक एक भी जान नही गई है. क्या याचिकाकर्ता इस बात की जिम्मेदारी ले सकता है कि कोई जान नहीं जायेगी. तहसीन पूनावाला की इस जनहित याचिका याचिका पर जस्टिस अरुण मिश्रा, एमआर शाह और अजय रस्तोगी की बेंच सुनवाई कर रही है. बेंच ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि जम्मू-कश्मीर में और कितने दिनों तक पाबंदियां बरकरार रहेंगी. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार पल-पल की परिस्थिति पर नजर रखे हुए है. वर्ष 2016 में इसी तरह की स्थिति को सामान्य होने में तीन महीने का समय लगा था, ऐसे में सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द हालात सामान्य हो जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस मांग पर की कश्मीर से पाबंदियों को खत्म किया जाए कहा कि सरकार को जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए. आज जम्मू-कश्मीर की पाबंदियों में ढील दी गई थी, अगर ऐसे में वहां कुछ होता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता? कोर्ट ने कहा कि राज्य का मामला संवेदनशील है और सरकार को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए. कोर्ट प्रशासन के हर मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता. कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार रोजाना स्थिति का जायजा ले रही है और ऐसे में स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जाना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने अपील पर यह भी कहा कि अगर स्थितियां सामान्य नहीं होती हैं तो आप बाद में इस मामले को फिर हमारे सामने ले आएं और हम उस वक्त इस मामले को देखेंगे. सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था और हालात की हर रोज समीक्षा की जा रही है और प्रदेश में किसी भी प्रकार के मानवाधिकार का हनन नहीं हो रहा है.