नई दिल्ली:SAIL चेयरमैन की मर्डर के लिए दी गयी थी छह लाख की सुपारी, कोयलांचल का कोल माफिया अशोक सिंह अरेस्ट

  • दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किया खुालासा
  • चौधरी पर हमला रोडरेज नहीं मर्डर की थी प्लानिंग
  • कंट्रेक्ट किलर को दी थी छह लाख की सुपारी
  • माफिया का इंडिया, दुबई व अमेरिका में है कोल बिजनस
नई दिल्ली:स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के चेयरमैन व एमडी अनिल कुमार चौधरी पर नई दिल्ली में अगस्त माह में हुआ हमला रोडरेज की घटना नहीं उनकी मर्डर की साजिश थी. देश की कोयला राजधानी धनबाद का कोल माफिया अशोक कुमार सिंह ने चेयरमैन की मर्डर की साजिश रची थी.चेयरमैन की मर्डर के लिए छह लाख की सुपारी दी गयी थी.दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामले के खुलासा करते हुए कोल माफिया अशोक सिंह व उसके एक सहयोगी सुनील बलारा को अरेस्ट की है. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉ.जी.रामगोपाल ने सोमवार को मीडिया को बताया कि कोल माफिया और मुख्य साजिशकर्ता अशोक कुमार सिंह को शुक्रवार को दिल्ली के वसंतकुंज स्थित उसके घर से अरेस्ट किया गया है.माफिया के साथी सुनील बलारा को हरियाणा से कुछ दिन पहले अरेस्ट कर दिल्ली लाया गया था.डीसीपी ने कहा है कि सुनील बलारा दिल्ली और हरियाणा में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है.सेल एमडी श्री चौधरी की मर्डर का मुख्य साजिशकर्ता अशोक कुमार सिंह की सुनील बलारा से काफी समय पहले से ही जान-पहचान है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि कोल माफिया अशोक कुमार सिंह का कोयले का बिजनस इंडिया, दुबई व अमेरिका तक फैला हुआ है.अशोक खुद को कोल बिजनस करने वाली दुबई की एक कंपनी और एक अमेरिकी कंपनी का रिप्रजेंटेटिव बताता है.पुलिस पूछताछ में अशोक ने बताया है कि इस कोल बिजनस मे उसका बेटा भी जुड़ा है.अशोक ने वर्ष 2018 में लगभग 100 करोड़ रुपये के कोयले की सप्लाई सेल को हल्दिया और विशाखापट्टनम में शुरू की थी.इस कंट्रेक्ट के लिए सेल के साथ एग्रीमेंट हुआ था.अमेरिका से कोयला हल्दिया और विशाखापट्टनम पहुंचा.सेल के कोल क्वालिटी कंट्रोलर विंग ने जांच मेंअमेरिकी कोयले को लो क्लावलिटी का कोयला होने की रिपोर्ट दे दी.कोल क्वालिटी कंट्रोलर विंग की रिपोर्ट के बाद अशोक और उसके बेटे द्वारा सेल को की जा रही कोयले की सप्लाई रोक दी गयी. डीपीसी ने बताया कि सेल की सख्त एक्शन से अशोक की कंपनी को 60-70 करोड़ रुपये का आर्थिक क्षति हो रहा था.अशोक कोयले की सप्लाई जारी रखने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये.सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी कोल क्वालिटी कंट्रोलर विंग की रिपोर्ट के आधार पर अशोक की फाइल को क्लियर न होने देने में सबसे बड़ी बाधा थे.अशोक ने अपनी नुकसान से परेशान होकर भरपाई के लिए सेल चेयरमैन को रास्ते से हटाने के लिए कंट्रेक्ट किलर से मिलकर मर्डर का एषडयंत्र रचा.अशोक ने छह लाख रुपये में सुनील बलारा नामक एक प्रापर्टी डीलर को सेल चेयरमैन की मर्डर की सुपारी दे दी.सुनील बलारा ने दो लाख रुपये देकर चेयरमैन की मर्डर के लिए चार कंट्रेक्ट किलर को तैयार किया.सुपारी की सेष राशि चेयरमैन के मर्डर के बाद किलरों को मिलनी थी. पुलिस पेट्रोलिंग के पहुंचने से प्लान फेल हुई कंट्रेक्ट किलर ने प्लान के अनुसार आठ अगस्त की रात सेल चेयरमैन के साउथ दिल्ली स्थित हुडको पैलेस वाले ऑफिस से घर जाते समय उन पर आर्म्स से हमला बोल दिया.शोरगुल सुनकर एरिया में पंट्रोलिंग कर रही दिल्ली पुलिस की पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंच गई.पुलिस ने दो हमलावरों को मौके से दबोच लिया. पुलिस दो अन्य हमलावरों को बाद में पकड़ ली.पुलिस गिरफ्त में आये चार हमलावरों में एक सत्येंद्र उर्फ छुट्टन भी था.सतेंद्र से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ही अब मामले का खुलासा हुआ है.सत्येंद्र, हरियाणा से पकड़े गये दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर सुनील बलारा का रिलेटिव है.सुनील ने ही सत्येंद्र को सेल चेयरमैन की मर्डर का जिम्मा सौंपा था. उल्लेखनीय है कि आठ अगस्त की रात सेल चेयरमैन की गाड़ी की टक्कर एक गाड़ी से हो गई थी. टक्कर के बाद उस गाड़ी में सवार चार लोग उतरकर चेयरमैन से झगड़ने लगे.चेयरमैन जब अपनी गाड़ी से बाहर निकले तभी उनपर जानलेवा हमला किया गया हमले में जख्मी चेयरमैन श्री चौधरी को एम्स के ट्रामा सेंटर ले जाया गया था जहां उनका इलाज हुआ था.उस समय मामले को रोडरेज समझा गया था.