नई दिल्ली: संसद सत्र में तीन तलाक बिल पेश करेगी मोदी सरकार, जम्मू-कश्मीर में 6 महीने बढ़ा राष्ट्रपति शासन

• मोदी गर्वमेंट टू की पहली कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले • यूनिवर्सिटी में नियुक्ति को लेकर रोस्टर विवाद पर पुराना सिस्टम बहाल • जम्मू-कश्मीर में नये रिजर्वेशन बिल को मंजूरी, IB के पास के लोगों को भी रिजर्वेशन नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी गर्वमेंट के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. गर्वमेंट लोकसभा के पहले ही सत्र में सरकार कई अहम विधेयक पेश करेगी. तीन तलाक और कश्मीर आरक्षण विधेयक, केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के विधेयक को भी बुधवार को कैबिनेट की मंजूरी दे दी गयी. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक विधेयक पारित कर दिये गये. मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए संसद सत्र में तीन तलाक बिल पेश करने जा रही है बताया कि पुराने अध्यादेश को ही कुछ संशोधनों के साथ बिल में कन्वर्ट किया जायेगा. साथ ही कैबिनेट ने जम्मू और कश्मीर 3 जुलाई 2019 से अगले 6 महीनों के लिए राष्ट्रपित शासन बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मंजूर किये गये विधेयकों को संसद में पेश किया जायेगा. उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों की ओर से इन विधेयकों को लेकर जो आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं, उनका भी संज्ञान लिया जायेगा. इन मुद्दों पर पहले से ही अध्यादेश लागू था. अब सत्र में इसे पारित कराकर कानून का रूप देने की कोशिश होगी.तीन तलाक जहां महिलाओं में बराबरी के लिए बड़ा सामाजिक कदम है. सरकार दो बार तीन तलाक पर अध्यादेश लागू कर चुकी है. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्यादेश 2019 के तहत एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी रहेगा और ऐसा करने वाले पति के लिए तीन साल के कारावास का प्रावधान किया गया है. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आरक्षण में विभाग की बजाय विश्वविद्यालय को इकाई माना गया ह। इलाहाबाद कोर्ट के फैसले में विभाग को इकाई बनाया गया था जिसका राजनीतिक रूप से विरोध हुआ था. इसे दलित विरोधी ठहराने की कोशिश हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई थी. लेकिन सरकार इसे पलटते हुए अध्यादेश लेकर आयी थी. इस नये विधेयक के तहत भर्ती के पुराने आरक्षण के साथ आर्थिक आधार पर दिये गये 10 फीसद को भी शामिल कर लिया गया है. विश्वविद्यालयों में लगभग सात हजार पदों पर भर्ती होनी है. इससे शिक्षक वर्ग की भर्ती होने से सात हजार मौजूदा रिक्तियों को भरने का रास्ता खुल जायेगा. कैबिनेट के एक अन्य फैसले में जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोग प्रत्यक्ष भर्ती, पदोन्नति और विभिन्न पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश पा सकते हैं। इससे पहले यह आरक्षण केवल एलओसी के करीब रहने वाले गांवों को ही मिलता था. इस प्रावधान से आरक्षण का लाभ 435 गांवों समेत साढे़ तीन लाख से अधिक लोगों को मिलेगा.बैंकों में खाता खोलने और मोबाइल नंबर प्राप्त करने के लिए आधार को स्वैच्छिक तौर पर पहचान पत्र मानने वाले विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. आधार संशोधन विधेयक-2019 को संसद के आगामी सत्र में पेश किये जाने की संभावना है. यह विधेयक पहले से जारी अध्यादेश की जगह लेगा.एसईजेड संशोधन विधेयक के जरिए इसका प्रावधान होगा कि केंद्र सरकार के अधिकृत कोई भी ट्रस्ट एसईजेड में इकाई स्थापित कर सकेगा.