नई दिल्ली: Mann Ki Baat 2.0: पानी बचाने के लिए स्वच्छता की तरह जल संरक्षण को जन आंदोलन बनायें: पीएम

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी दूसरी बार गर्वमेंट में आने के बाद रविवार को पहली बार रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" की. पीएम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान आपसे बात नहीं कर पाने का अफसोस रहा. कार्यक्रम को बहुत मिस किया. फरवरी में मैंने कहा था कि अब तीन-चार महीने बाद मिलेंगे तो लोगों ने इसके कई राजनीतिक अर्थ निकाले. मुझे यह विश्वास आपसे मिला था. आपने ही मुझे दोबारा बोलने का मौका दिया. मोदी ने जल संकट से निपटने के लिए लोगों से वर्षा जल के संरक्षण को लेकर तीन अनुरोध किये. उन्होंने कहा कि देशवासी स्वच्छता की तरह जल संरक्षण को जन आंदोलन बनायें. मोदी ने कहा कि एक लम्बे अंतराल के बाद, फिर से एक बार, आप सबके बीच मन की बात का सिलसिला प्रारम्भ कर रहे हैं. तीन-चार महीने का वक्त काफी कठिन था।.एक बार तो मन कर रहा था कि चुनाव समाप्त होते ही आपसे बात करूं, लेकिन फिर रविवार को ही बात करने का मन हुआ. इस रविवार ने काफी इंतजार कराया. पीएम ने कहा कि पानी की कमी से देश के कई हिस्से सालभर प्रभावित रहते हैं. बारिश से जो पानी हमें मिलता है, अभी उसका आठ परसेंट ही बचाया जाता है. हम जनशक्ति से इस संकट का समाधान कर लेंगे. जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जलशक्ति मंत्रालय बनाया गया है. मैंने पानी के संचय के लिए ग्राम प्रधानों को पत्र भी लिखा है. पीएम ने जल संरक्षम के लिए लोगों से तीन अनुरोध किया है. पहला, स्वच्छता की तरह ही जल संरक्षण को भी जनांदोलन का रूप दें. दूसरा ऐसे प्रयोगों का अध्ययन करें, जहां जलसंरक्षण का प्रयास करें. तीसरा जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों की जानकारियों को साझा क.। पीएम मोदी ने जनशक्ति फॉर जलशक्ति हैशटैग चलाने की भी अपील की. पीएम मोदी ने झारखंड के हजारी बाग के एक मुखिया का संदेश भी सुनाया. सरपंच ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं हुआ था कि पानी के संरक्षण के लिए पीएम ने मुझे खत लिखा. पीएम मोदी ने कहा कि बिरसा मुंडा की धरती, जहां प्रकृति से तालमेल बिठाना संस्कृति का हिस्सा है, वहां अब जागरूकता शुरू हुई है. मेरी तरफ से सभी सरपंचों को बहुत-बहुत शुभकामनायें. पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता आंदोलन की तरह ही लोग अब गांवों में जलमंदिर बनाने की होड़ में जुट गये हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु और उत्तराखंड में जल संरक्षण के उपायों की भी चर्चा की. प्रेमचंद की कहानियों का जिक्र मन की बात में पीएम ने प्रेमचंद की कहानियों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि आपने मुझे कई बार यह कहते सुना होगा कि बुके नहीं बुक. तब से कई जगह लोग पुस्तकें देने लगे हैं. हाल ही में किसी ने मुझे प्रेमचंद की कहानियां पुस्तक भेंट की. कुछ कहानियां फिर पढ़ने का मौका मिला. उनकी कहानियां मेरे मन को भी छू गयी. उनकी कहानियों में समूचे भारत की भावनाएं समाहित हैं. उनकी नशा नाम की कहानी पढ़ी. इससे पता चला कि कैसे आप सावधान नहीं हैं तो बुरी संगति आपको प्रभावित कर सकती है. दूसरी कहानी ईदगाह है. जब छोटा बच्चा हामिद चिमटा लेकर पहुंचता है तो मानवीय संवेदना चरम पर पहुंच जाती है.ऐसी ही एक मार्मिक कहानी है, पूस की रात. ये कहानियां करीब सदी भर पहले की हैं, लेकिन आज भी प्रासंगिक लगती हैं. आपातकाल में हर किसी को लगा, कुछ छीन लिया गया 'मन की बात' कार्यक्रम में आपातकाल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारी विरासत है, इसे सुरक्षित रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में जब आपातकाल लगाया गया तो उसका विरोध राजनीतिक दायरे तक ही सीमित नहीं था. जन-जन के दिल में एक आक्रोश था. आपातकाल में हर नागरिक को लगने लगा था कि उसका कुछ छीन लिया गया है. हम लोकतंत्र की विरासत के साथ पले-बढ़े लोग हैं, इसलिए लोग आपातकाल में कमी महसूस कर रहे थे. भारत के हर व्यक्ति ने अपनी सभी समस्याओं को किनारे रख लोकतंत्र के लिए मतदान किया था. कोई चीज जब हमारे पास होती है तो हम उसे कमतर आंक लेते हैं, लेकिन हमें यह मानना चाहिए कि लोकतंत्र कितना अहम है. हजारीबाग लुपुंग के मुखिया के जल संरक्षण की चर्चा पीएम मोदी ने मन की बात में जल संरक्षण पर चर्चा करते हुए हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र के कटकमसांडी ब्लॉक के ग्राम पंचायत लुपुंग में किये जा रहे जल संरक्षण के कार्य की जमकर सराहना की. पीएम ने इस दौरान उलुपुंग मुखिया दिलीप कुमार रविदास की बातों को भी देशवासियों को सुनाया. उल्लेखनीय है कि सदर एमएलए मनीष जायसवाल ने इसी पंचायत से बगैर किसी सरकारी सहायता के तालाब/ पोखर गहरीकरण कार्य की शुरुआत की थी. यहां जल संरक्षण की दिशा में कई अनुकरणीय कार्य हुए है. 11 तालाबों का गहरीकरण किया गया है. एमएलए मनीष जयसवाल ने पूरे मन की बात कार्यक्रम को अपने ऑफिस में बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ सुना. पीएम मोदी के मन की बात में मुखिया दिलीप कुमार रविदास ने पीएम के जल संरक्षण से जुड़े पत्र को जब लोगों को सुनाया तो वे काफी उत्साहित हुए. पानी बचाने के लिए तालाब की सफाई नया तालाब बनाने, गहरीकरण करने के लिए श्रमदान करने को तैयार हुए. मुखिया ने लोकल भाषा में अपनी बात रखते हुए कहा कि बारिश के पहले यह उपाय करके आगे पानी की दिक्कत से बच सकते हैं.