नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस के मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर पर चार्ज फ्रेम, पॉक्सो ऐक्ट, लगीं कुल छह धाराएं

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में सेंगर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 363, 366, 109, 376(1) और पॉक्सो की धारा 3 और 4 के तहत आरोप गठित नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप केस के मुख्य आरोपी एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिये हैं. कुलदीप पर आईपीसी की धारा 120बी, 363, 366, 109, 376(1) और पॉक्सो की धारा 3 और 4 के तहत आरोप गठित किए गये हैं. कोर्ट ने सेंगर के सहयोगी शशि सिंह पर नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप गठित किया है. सेंगर बीजेपी के टिकट पर उत्तर प्रदेश स्थित उन्नाव की बांगर मऊ विधानसभा से जीते हैं. बीजेपी पी सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. कु सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस की सुनवाई यूपी से दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ट्रांसफर कर दिया।. तीस हजारी कोर्ट में इस मामले में रोजाना सुनवाई हो रही है. सेंगर और उसके सहयोगियों पर रेप कांड से संबंधित कुल पांच केस चल रहे हैं. आरोप है कि सेंगर ने कुछ सहयोगियों के साथ लड़की का तब बलात्कार किया जब उसकी उम्र महज 17 साल थी. व,र् 2017 की चार जून को घटित इस मामले में सेंगर के अलावा 11 आरोपियों पर केस चल रहा है. रेप पीड़िता, उसकी मां और चाचा पर स्कूल का जाली टीसी देने के आरोप मामले में भी शुक्रवार को एसीजेएम कोर्ट में सुनवाई होगी. पीड़ित परिवार पर यह मामला विधायक की करीबी और सह आरोपित शशि सिंह के संबंधी ने कोर्ट के जरिये दिसंबर 2018 में दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले में बुधवार को दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां व चाचा के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल किया है.इससे पहले उन्नाव कांड से जुड़े दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बृहस्पतिवार को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआइ ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के पिता को इलिगल आर्म्स रखने के मामले में गलत फंसाया गया था. पुलिस से मिलीभगत कर आरोपितों ने उनसे आर्म्स की बरामदगी करवाई थी. पुलिसकर्मियों और आरोपितों के बीच इस दौरान मोबाइल फोन पर हुई बातचीत का डाटा भी उपलब्ध है. इस मामले में एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर सहित अन्य आरोपित हैं.सीबीआइ ने कहा कि पीड़िता के पिता को भीड़ ने पीटा था, जिसके कारण हिरासत में उनकी मौत हो गई थी.ें पहले बुरी तरह पीटा गया था और उनके कपड़े फाड़ दिए गये थे. उनके खिलाफ पुलिस को मोबाइल फोन पर शिकायत दी गई थी. शिकायतकर्ता ने कुलदीप सेंगर से भी तभी बातचीत की थी. पीड़िता के पिता पर केस दर्ज होने के बाद बातचीत बंद हो गई. पीड़िता के वकील धर्मेद्र कुमार मिश्र ने अदालत में कहा कि पीड़िता के पिता की गिरफ्तारी से पहले बेरहमी से पिटाई हुई थी. उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. उन्नाव के सीएमओ ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए फिट बताया और जेल में उनकी मौत हो गई थी.इसमें सीएमओ तथा आरोपितों की साजिश साफ नजर आती है. इसलिए सीएमओ पर भी केस दर्ज होना चाहिए.मामले में जमानत पर चल रहे आरोपित उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर अशोक सिंह भदौरिया, एसआइ कामता प्रसाद पेश हुए. उल्लेखनीय है कि पिछले 28 जुलाई को पीड़िता अपने पारिवारिक सदस्यों और वकील के साथ जेल में बेद अपने चाचा से मिलने जा रही थी. रायबरेली में उसकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी. हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई जबकि खुद पीड़िता और उनके वकील की हालत गंभीर है. दोनों दिल्ली के एम्स में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. इस मामले में भी सेंगर एंड कंपनी के खिलाफ सीबीआइ केस दर्ज कर जांच कर रही है.