नई दिल्ली:सेंट्रल कैबिनेट का फैसला, सभी मेडिकल इंटरेंस एग्जाम के लिए अब सिर्फ NEET

  • मेडिकल में अलग-अलग इंटरेंस की जगह सिर्फ एक NEET
  • NEET के आधार पर ही मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन होगा
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट के फैसले के बारे में मीडिया को जानकारी दी. जावडेकर ने कहा किया कि मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर है कि अब उन्हें अलग-अलग इंटरेंस एग्जाम की जगह सिर्फ एक NEET की एग्जाम ही पास करनी होगी. श्री जावड़ेकर ने कहा वर्तमान समय में देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में अलग-अलग इंटरेंस एग्जाम आयोजित होती है. अब इन सबकी जगह सिर्फ NEET की एग्जाम होगी और इसके आधार पर ही स्टूडेंटों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलेगा. इससे मेडिकल एजुकेशन सेक्टर में बड़े सुधार होंगे. कैबिनेट एमसीआइ की जगह ने एक नेशनल मेडिकल कमीशन गठित करने की मंजूरी दी है. अरुणाचल में सबसे बड़ा हाइड्रो प्रॉजेक्ट जावड़ेकर ने बताया कि देश के सबसे बड़े हाइड्रो प्रॉजेक्ट को भी मंजूरी दे दी गई है।.अरुणाचल प्रदेश में देश के सबसे बड़े हाइड्रो प्रॉजेक्ट दिबांग मल्टीपर्पज को अनुमति मिल गयी है. यह 2880 मेगावॉट प्रॉजेक्ट है.कैबिनेट ने इलाहाबाद और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच 150 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण की स्वीकृति दी. 2649.44 करोड़ की परियोजना 2023-24 तक पूरी होगी. यूपी में रेल संपर्क को प्रोत्साहन,सहजनवा और दोहरीघाट के बीच 81.17 किलोमीटर लम्बी नई रेल लाइन के निर्माण को कैबिनेट की मंजूरी मिली है. दोहरीघाट-सहजनवा के बीच नई रेललाइन बनने से छपरा से लखनऊ के लिए गोरखपुर से अलग वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा. कैबिनेट ने असम में रेल कनेक्टिलिटी को प्रोत्साहन, मंत्रिमंडल ने न्यू बोंगाईगांव-अगथोरी वाया रंगिया रेल लाइन (142.97 किलोमीटर) के दोहरीकरण को मंजूरी दी, यह परियोजना बोंगाईगांव, बक्सा, बारपेटा, नलबाड़ी तथा कामरूप जिलों से होकर गुजरेगी.कैबिनेट ने ऋण शोधन अक्षमता संहिता में कुल सात संशोधन किए जाने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी. ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) में संशोधन का मकसद कंपनी कर्ज शोधन अक्षमता समाधान रूपरेखा में गंभीर खामी को दूर करने के साथ समाधान प्रक्रिया के जरिये अधिकतम मूल्य प्राप्त करना है. संहिता में बदलाव को मंजूरी मिल गयी है. संशोधन से सरकार समय सीमा का कड़ाई से पालन करने के साथ साथ यह सुनिश्चित कर सकेगी कि चलता हाल कंपनी के लिए अच्छा से अच्छा पैसा मिल सके.