नई दिल्ली:अल्पसंख्यक स्टूडेंट को पांच वर्षों में 5 करोड़ स्कॉलरशिप दी जायेगी: नकवी

  • सेंट्रल गर्वमेंट ने ने अल्पसंख्यक छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए बड़ा तोहफा दिया
  • ड्रॉपआउट लड़कियों को ब्रिज कोर्स करा शिक्षा और रोजगार से जोड़ने का प्लान
  • आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यकों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फ्री कोचिंग
नई दिल्ली: मोदी गर्वमेंट ने अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को शिक्षित कर आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा फैसला लेते हुए अल्पसंख्यक समाज के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के लिए अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जायेगी. इनमें आधी संख्या में लड़कियां होंगी. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को यह ऐलान किया है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान (MAEF) की 65वीं आमसभा की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में नकवी ने कहा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली इंसाफ, ईमान और इकबाल की सरकार ने विकास की सेहत को सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की बीमारी से मुक्ति दिलाकर सेहतमंद, समावेशी सशक्तिकरण का माहौल तैयार किया है. अल्पसंख्यक वर्ग की स्कूल ड्रॉपआउट लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ब्रिज कोर्स कराकर उन्हें शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जायेगा. देशभर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा ताकि वे मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा- हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि दे सकें. अगले माह से यह काम शुरू कर दिया जायेगा. 3E मंत्र, 50% लड़कियों को लाभ नकवी ने कहा कि 3E- ऐजुकेशन (शिक्षा), एंप्लॉयमेंट (रोजगार व रोजगार के मौके) एवं इम्पावरमेंट (सामाजिक-आर्थिक-सशक्तिकरण) कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मेरिट-कम-मीन्स आदि योजनाओं द्वारा पांच करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जायेगी. इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों को शामिल किया जायेगा. इनमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की लड़कियों के लिए 10 लाख से ज्यादा ‘बेगम हजरत महल बालिका छात्रवृत्ति’ भी शामिल है. जिन क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के लिए पर्याप्त ढांचागत सुविधाएं नहीं हैं, वहां प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत पॉलिटेक्निक, आईटीआई, गर्ल्स हॉस्टल, स्कूल, कालेज, गुरुकुल जैसे आवासीय विद्याालय, कॉमन सर्विस सेंटर आदि का युद्ध स्तर पर निर्माण शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि कि पढ़ो व बढ़ो' जागरूकता अभियान के अंतर्गत उन सभी दूरदराज के क्षेत्रों में जहां सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ापन है तथा लोग अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में नहीं भेज पा रहे हैं, उन माता-पिता को अपने बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में भेजने के लिए जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जायेगा. इसमें विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा पर फोकस किया जायेगा. शैक्षणिक संस्थाओं को सुविधा एवं साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी काम किया जायेगा. कंपटिटिव एग्जाम के लिए फ्री कोचिंग उन्होंने ने कहा कि नुक्कड़ नाटकों, लघु फिल्मों आदि जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता और प्रोत्साहन का अभियान चलाया जायेगा. फस्ट फेज में देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों को चयनित कर इस अभियान को प्रारंभ किया जायेगा. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यक- मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी- युवाओं को केंद्र एवं राज्य की प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु फ्री-कोचिंग की व्यवस्था की जायेगी. राजस्थान के अलवर में विश्वस्तरीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जायेगा.