गुजरात:मोदी गर्वमेंट ने सुरक्षा बलों के सम्मान में आर्टिकल 370 हटाया: Amit Shah

अहमदाबाद:सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा है कि आर्टिकल370 को निरस्त करना जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति की दिशा में एक कदम था. यह पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सुरक्षाकर्मियों को दिए गए आदर और सम्मान को दर्शाता है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कश्मीर में शहीद हुए जवानों को आर्टिकल 370 और 35 A हटाकर बड़ा सम्मान दिया गया. यह कदम घाटी में स्थायी शांति के लिए उठाया गया है. श्री शाह रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के 27 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. होम मिनिस्टर कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए और परेड का निरीक्षण किया. अमित शाह ने कहा कि लोगों ने एक बड़े बहुमत के साथ प्रधानमंत्री मोदी को फिर से चुना और उन्होंने एक महीने से भी कम समय में सही और बड़ा फैसला लिया. आर्टिकल 370 के प्रावधान, जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार दिए थे, पिछले महीने निरस्त कर दिए गये.उन्होंने लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में उनकी भूमिका के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य अर्धसैनिक बलों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए 34 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों ने अपना जीवन लगा दिया है और विकास की प्रक्रिया में अहम योगदान दिया. राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के लोगो का अनावरण होगा होम मिनिस्टर ने राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की पहल पर पूरा हुआ और इसका उद्घाटन किया गया. स्मारक के लोगो का अनावरण प्रधानमंत्री द्वारा अगले महीने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर किया जायेगा.यह लोगो आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों में सुरक्षा कर्मियों के बलिदान के लिए समर्पित है. आरएएफ के नाम से दंगाई थर-थर कांपते हैं उन्होंने कहा कि रैपिड एक्शन फोर्स के नाम से दंगाई थर-थर कांपते हैं. फोर्स के आने की खबर सुनते ही वहां से भाग जाते हैं. आरएएफ की मौजूदगी से दंगे होने की कोई भी संभावना खत्म हो जाती है.उन्होंने कहा कि आरएएफ के 27वीं वर्षगांठ पर मैं कहना चाहूंगा कि इसने देश के लोगों के साथ-साथ सरकार के सभी लक्ष्यों और आशाओं को पूरा किया है. मैं आरएएफ के हर जवान को इसके लिए बधाई देना चाहता हूं.आरएएफ दंगा नियंत्रित करने के साथ ही प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भी बड़ी तेज गति से काम में लग जाती है.आज देशभर के अंदर पुलिस बल, अद्धसैनिक पुलिस बल सभी के 34 हजार से ज्यादा जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं. 20 जवानों को वीरता पदक होम मनिस्टर ने मौके पर सीआरपीएफ के 20 जवानों को वीरता पदक भी प्रदान किया. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधी कार्रवाई और विभिन्न राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में बहादुरी के प्रदर्शन के लिए इन जवानों को यह सम्मान मिला है. उल्लेखनीय है कि आरएएफ की स्थापना सात अक्टूबर 1992 को हुई थी, लेकिन होम मिनिस्टर के पहले से तय कार्यक्रम को देखते हुए स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन पहले किया गया है. आरएएफ देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ का हिस्सा है, जिसके जवानों और कर्मचारियों की संख्या 3.25 लाख से अधिक है.जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए सीआरपीएफ तैनात है. इस बल के पास देश भर के विभिन्न शहरों में 15 बटालियन हैं और प्रत्येक इकाई में 1,000 से अधिक जवानों की संख्या है.ये बटालियन सिकंदराबाद, अहमदाबाद, इलाहाबाद, नवी मुंबई, दिल्ली, अलीगढ़, कोयंबटूर, जमशेदपुर, भोपाल, मेरठ, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई, बिहार के हाजीपुर और हरियाणा के नूंह में हैं.आरएएफ बटालियन घातक और गैर-घातक हथियारों से लैस है. यह बल पंप एक्शन गन, आंसू-गैस ग्रेनेड लॉन्चर समेत विरोध या दंगा जैसी स्थितियों के दौरान सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लागू करने के लिए अन्य उपकरणों से लैस है.