नई दिल्ली:मोदी कैबिनेट का 75 नये मेडिकल कॉलेज खोलने,गन्ना किसानों को एक्सपोर्ट सब्सिडी,कोल माइनिंग व कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में 100% FDI का फैसला

नई दिल्ली:केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मेडिकल एजुकेशन के विस्तार,गन्ना किसानों के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी,FDI समेत कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी गयी. मोदी कैबिनेट ने 24,000 करोड़ रुपये खर्च कर अगले तीीन साल यानी 2022 तक 75 नये मेडिकल कॉलेज खोलेने की स्वीकृति की है.इसके लिए उन इलाकों को प्राथमिकता दी जायेगी जहां मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. गन्ना किसानों को एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है,जो सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भेजी जायेगी. सेंट्रल मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर और पीयूष गोयल ने कैबिनेट बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी मिडियाा को दी. जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में 24,000 करोड़ रुपये से 75 नये मेडिकल कॉलेज खोले जाने को मंजूरी दी गयी है. इससे 15,700 नई मेडिकल सीटें बनेंगी. जिन क्षेत्रों व जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी.पिछले 5 साल में मेडिकल पीजी और एमबीबीएस की 45 हजार सीटें बढ़ाई गयी है. पिछले 5 साल में 82 मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गये और अब अगले 3 साल में 75 नयेमेडिकल कॉलेज खोले जायेंगी.वर्ल्ड में मेडिकल एजुकेशन का ऐसा विस्तार कहीं नहीं हुआ है. ग्रामीण इलाकों में भी डॉक्टरों की उपलब्धता ज्यादा होगी. उन्होंने इसे मोदी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधा से वंचित क्षेत्रों में कम से कम 200 बिस्तर वाले जिला अस्पतालों में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जायेगी. वहीं आकांक्षी जिलों में 300 बिस्तरों वाले जिला अस्पतालों को प्रमुखता दी जायेगी.सरकार ने पूर्व में प्रथम चरण में मौजूदा जिला अस्पतालों से 58 नए मेडिकल कालेजों और दूसरे चरण में 24 नए मेडिकल कालेजों की स्थापना को मंजूरी दी थी.इनमें से प्रथम चरण के तहत 39 मेडिकल कालेज ने अपना काम शुरू कर दिया है, जबकि 2020-21 तक शेष 19 मेडिकल कालेज क्रियाशील हो जायेंगे. दूसरे चरण में 18 नये मेडिकल कालेजों की मंजूरी दी गई है. जावड़ेकर ने बताया कि गन्ना किसानों को 60 लाख मीट्रिक टन शक्कर निर्यात करने के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है.किसानों को 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जायेगी.यह राशि सीधे किसान के खाते में जायेगी. इससे लाखों गन्ना किसान लाभान्वित होंगे.गन्ना किसानों को अब नुकसान नहीं होगा.उन्होंने बताया कि देश में 162 लाख मीट्रिक टन शक्कर का सरप्लस स्टॉक है.इसमें से 40 लाख मीट्रिक टन बफर स्टॉक रखा गया है. कोल माइनिंग,कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में 100% FDI का फैसला पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से जुड़े नियमों और प्रावधानों के उदारीकरण के लिए भी कई फैसले लिए गये.उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच 286 अरब डॉलर का रेकॉर्ड FDI भारत आया है.उसके पहले के पांच सालों में यह आंकड़ा 189 अरब डॉलर था. वित्तिय वर्ष 2018-19 के अंतरिम आंकड़ों में 64 अरब डॉलर का FDI आया. FDI के उदारीकरण और लचीलेपन की दिशा में काम किया जा रहा है.भारत को निवेश का आकर्षक केंद्र बनाने के लिए कैबिनेट मीटिंग में कुछ अहम फैसले लिये गये. कोल माइनिंग में 100 प्रतिशत FDI को मंजूरी दी गई है. भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर बनाने का मौका है. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में 100 प्रतिशत FDI को मंजूरी दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि प्रिंट मीडिया की तरह ही अब डिजिटल मीडिया में भी 26 प्रतिशत FDI को मंजूरी दी गई है. कैबिनेट बैठक में जेटली को श्रद्धांजलि प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में की शुरुआत में अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी गई और यूएई में पीएम मोदी को मिले सम्मान के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी गई. वही दावे करें जो पूरे किए जा सकते हैं:मोदी जानकार सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने मीडिया में सार्वजनिक और अनावश्यक रूप से की जा रही टिप्पणियों का जिक्र किया.पीएम ने साफ तौर से कहा कि केवल तथ्य बताएं या वही दावे करें जो पूरे किए जा सकते हैं. बताया जाता है कि पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को अपने मंत्रालयों या विभागों में सलाहकार भूमिकाओं में अपने करीबी लोगों को नियुक्त नहीं करने के लिए कहा है.पीएम मोदी ने शासन की गति और दिशा में सुधार के लिए निर्देश दिए हैं.पीएम ने कहा है कि कैबिनेट मंत्रियों और राज्य के मंत्रियों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए.पीएम ने मंत्रियों से यह भी कहा कि उनकी बातचीत उच्च स्तर के अधिकारियों जैसे सचिवों तक सीमित नहीं होनी चाहिए.बल्कि उन्हें उन लोगों के साथ भी बातचीत करनी चाहिए,जो पदानुक्रम में नीचले पदों पर हैं जैसे कि संयुक्त सचिव,निदेशक,उप सचिव. इन अधिकारियों को भी यह महसूस हो कि वे भी टीम का हिस्सा हैं.पीएम ने जोर दिया कि मंत्रियों को अधिकारियों को प्रोत्साहित करना चाहिए.