धनबाद: एमपीएल मैनेजमेंट की डीसी व एसएसपी के साथ बैठक, मानी मांगें, कर्मियों का वेतन बढ़ेगा, ग्रेच्युटी भी मिलेगी, स्ट्राइक समाप्त

धनबाद: मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) ने जिला प्रशासन की मध्यस्थता के बाद कर्मचारियों के वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगे मांग मान ली है. डीसी ऑफिस में गुरुवार को एसएसपी, एसपी, एमपीएल अफसरों, निरसा एमएलए अरूप चटर्जी के बीच वार्ता हुई. एमपीएल में मजदूरों का एमपीएल कामगार यूनियन के बैनर तले अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर चल रहा था. डीसी लेवल पर गुरुवार को हुई वार्ता के बाद एमपीएल मजदूरों का स्ट्राइक शुक्रवार की शाम समाप्त करने की घोषणा की गयी थी. बैठक के बाद डीसी ने बताया कि उन्होंने एमपीएल को वेज रिवाइज करने व कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया. दोनों ही पक्ष इस पर सहमत हो गये हैं. हालांकि नियोजन को लेकर पूरी तरह सहमति नहीं बन सकी है. वार्ता के बाद शुक्रवार की शाम एमपीएल में चल रहे स्ट्राइक समाप्त करने की घोषणा कर दी गयी. निरसा एमएलए अरूप चटर्जी ने कहा कि एमपीएल वेज रिवीजन और ग्रेच्यूटी के मुद्दे पर राजी हो गया है. कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि वे इस मुद्दे को कंपनी बोर्ड की बैठक में रखेंगे. बोर्ड की बैठक मुंबई में जुलाई माह मेंहोनी है.तय हुआ है कि राज्य सरकार के वेतनमान से अधिक वेतन एमपीएल कर्मियों का हो इसका प्रयास किया जायेगा. त्रिपक्षीय बैठक में एसएसपी किशोर कौशल, रूरल एसपी अमन कुमार, एडीएम राकेश दुबे, एसडीओ राज महेश्वरम भी मौजूद थे.एमएलए अरुप चटर्जी ने कहा कि कंपनी तत्काल कुछ लोगों का नियोजित करेगी. एमपीएल में जमीन देने वाले लोगों में 170 को अभी तक नौकरी नहीं दी गयी है. अफसरों ने कहा कि वे इस सूची में शामिल जरूरतमंद महिलाओं को प्राथमिकता के स्तर पर तत्काल नियोजन देने की प्रक्रिया शुरू करेगा. सात महिलाएं हैं जिन्हें नौकरी दी जायेगी. शेष के लिए कंपनी स्तर पर निर्णय लिया जायेगा.  त्रिपक्षीय वार्ता के बाद एमपीएल में मजदूरों का धरना व स्ट्राइक समाप्त एमपीएल में एमएलएल अरुप चटर्जी के नेतृत्व में चल रहा धरना व स्ट्राइक शुक्रवार की शाम समाप्त हो गया. डीसी के साथ गुरुवार को त्रिपक्षीय वार्ता में मांगों पर सहमति के बाद आंदोलन समाप्त करने पर सहमति बनी थी. एमपीएल गेट पर शुक्रवार को धरनास्थल पर सभी मजदूर ने एक दूसरे को गुलाल अबीर लगाकर बधायी दिया. एमएलए अरूप चटर्जी ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई तमाम मजदूर लड़ रहे थे. अगर मजदूर एक नहीं होते तो आज हम इस लड़ाई को जीत नहीं सकते.उन्होंने कहा कि आंदोलन के इस लड़ाई को चतुराई से तोड़ने की कोशिश की जा रही थी परंतु हमारे मजदूर के एक होने के वजह से हमारी लड़ाई को तोड़ नहीं पाये. उन्होंने कहा कि हमारी जीत सुनिश्चित हुई मजदूर का आंदोलन एक बार टूट जाती है तो उसे जोड़ने में बहुत मुश्किल बहुत समय लगती. हम लोगों ने एक साल पहले नोटिस दिया था कि मजदूरों का पीएफ ग्रेच्युटी केंद्र सरकार, एनटीपीसी, सेल जैसे क्राइटेरिया के तहत किया जाये. चार दिनों की लड़ाई मुकाम पर रैयतों व मजदूरों के बलबूते पर पहुंची है. मैं तो एक मोहरा था. यह एक ऐतिहासिक एग्रीमेंट रहा. हमारी मांग थी कि इसी एलबीसी एससीसीएल के तरह टाटा पावर लिमिटेड में भी मजदूरों की पीएफ ग्रेजुएटी मिले और यह एमपीएल ने मजदूरों को ठेका मजदूर के तहत जीवन भर रख दिया था. वह रिटायर्ड करते तो उनके हाथ में कुछ नहीं रहता. अब पीएफ पेंशन मिलेगा, हम टाटा पावर के खिलाफ नहीं है.मजदूरों से मधुर संबंध कंपनी बनाए रखें अगर वह हमारे साथ मधुर संबंध रखेंगे तो हम भी पीछे नहीं रहंगे. हम भी उनके साथ हमेशा से कदम से कदम मिलाकर चलते रहेंगे.