Maharashtra:विपक्षी दलों को सरकार बनाने की खुली छूट, गवर्नर ने पर्याप्त समय दिया: अमित शाह

  • शिवसेना की नई मांग स्वीकार्य नहीं
  • कई बार मैं और पीएम सार्वजनिक तौर पर कह चुके थे कि अगर हमारागठबंधन चुनाव जीतेगा तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे
नई दिल्ली:सेंट्रल होम मिनिस्टर व बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में चल रहे राजानीतिक गमासान पर बीजेपी व गवर्नर के किलाफ लगाये जा रहे आरोपों पर विपक्ष पर पलटवार किया है. अमित शाह ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि कि अगले छह महीने में राष्ट्रपति शासन के दौरान कोई भी दल कभी भी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है, चुनाव परिणाम आने के बाद नई शर्ते जोड़ने के लिए शिवसेना को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि इस पर पार्टी उचित समय पर निर्णय लेगी. अमित शाह ने विपक्ष पर ओछी राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि गवर्नर जैसे संवैधानिक पद को इस तरह राजनीति में घसीटना लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है. किसी भी राज्य को सरकार बनाने के लिए इतना ज्यादा समय नहीं दिया गया जितना महाराष्ट्र में मिला. उन्होंने काह कहा कि अभी विधानसभा सस्पेंड है. सभी के पास छह महीने का समय.बहुमत लेकर सरकार बनाने के लिए कोई भी जा सकता है. किसका मौका छीन लिया और कैसा मौका छीन लिया.जिनके पास भी संख्या है, उसके लिए सरकार बनाने की खुली छूट है. बीजेपी को तो नुकसान तो भाजपा को हुआ उन्होंने गवर्नर के राष्ट्रपति शासन के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि विधानसभा की अवधि खत्म होने के बाद नौ नवंबर से वहां देवेंद्र फडणवीस की कामचलाऊ सरकार चल रही थी. यदि लंबे समय तक इसे रखा जाता है कि भाजपा पर बिना संख्या बल के सरकार चलाने का आरोप लगता. राष्ट्रपति शासन लगने से असली नुकसान तो बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस का हुआ है कि हमारी कामचलाऊ सरकार भी चली गई. चुनावी सभाओं में बारबार कहा था फडणवीस ही सीएम होंगे अमित शाह ने चुनाव पूर्व समझौते के तहत ढाई-ढाई साल के सीएम के शिवसेना के दावे को खारिज किया. शाह ने  कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खुद और पीएम नरेंद्र मोदी सौ से अधिक बार सार्वजनिक सभाओं में गठबंधन के बहुमत आने की स्थिति में देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने का एलान किया था, उस समय एक बार भी किसी ने इसका विरोध नहीं किया. चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना ने कुछ ऐसी शर्ते रखी हैं, जिन्हें पार्टी के लिए मानना संभव नहीं है और पार्टी उचित समय पर इस पर विचार करेगी.होम मिनिस्टर ने स्पष्ट कर दिया कि वे राज्य में मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रपति शासन के छह महीने पूरे होने पर राज्यपाल कानूनी सलाह लेकर इस मुद्दे पर उचित निर्णय लेंगे.