कर्नाटक:बीएस येद्दयुरप्पा ने ली सीएम की शपथ, 31 तक बहुमत साबित करने का निर्देश

येद्दयुरप्पा 29 को ही साबित करेंगे बहुमत बेंगलुरू: कर्नाटक में बीजेपी प्रसिडेंट बीएस येद्दयुरप्पा ने शुक्रवार की शाम सीएम पद की शपथ ले ली. गर्वनर वाजूभाई वाला ने येद्दयुरप्पा को राजभवन में पद और गोपनियता की शपथ दिलायी. येद्दयुरप्पा चौथी बार कनार्टक के सीएम बने हैं.येद्दयुरप्‍पा को 31 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना होगा.येद्दयुरप्पा ने कहा है कि वह 29 जुलाई को ही बहुमत साबित करेंगे. शपथ लेने से पूर्व येद्दयुरप्पा बीजेपी ऑफिस गये. इसके बाद उन्होंने कडू मल्लेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की. येद्दयुरप्पा ने शुक्रवार की सुबहसुबह 10 बजे राज्यपाल वाजूभाई वाला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.उन्होंने राज्यपाल से शपथ ग्रहण समारोह भी आज ही आयोजित कराने की गुजारिश की जिसे राज्यपाल ने मान लिया. अब बीजेपी के सामने विश्‍वास मत परीक्षा पास करने की चुनौती होगी. विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने अभी भी 14 अन्य बागी विधायकों के बारे में कोई फैसला नहीं किया है.ऐसे में विधानसभा में विधायकों की संख्या 222 है. बीजेपी को ऐसे में बहुमत के लिए 112 एमएलए की जरुरत होगी. ऐसे में जरूरी है कि बागी विधायक येदियुरप्पा की सरकार के समर्थन में या तो वोट डालें या फिर सदन की कार्यवाही में हिस्सा ना लें. ऐसे में सदन का संख्या बल कम हो जायेगी और येदियुरप्पा सदन में बहुमत साबित कर लेंगे. अभी बीजेपी के पास 106 एमएलए हैं. बीएस येदियुरप्पा पहली बार वर्ष 2007 की 12 नवंबर को सीएम बने लेकिन सात दिन में ही उनकी गर्वमेंट गिर गयी. येदियुरप्पा दूसरी बार वर्ष 2008 की 30 मई को वह सीएम बने और 2011 की 31 जुलाई तक सीए्म रहें. कार्यकाल पूरा करने से पहले ही 31 येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह डी वी सदानंद गौड़ा सीएम बनाये गये. बीजेपी वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो येदियुरप्पा फिर से सीएम बने. येदियुरप्पा को दो दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा. येदियुरप्पा अब जेडीएस-कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद वह चौथी बार सीएम बने हैं. 15 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़े 75 वर्षीय बूकानाकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा महज 15 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए थे. जनसंघ से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर वह अपने गृहनगर शिमोगा जिले के शिकारीपुरा में बीजेपी के अगुवा रहे. वह 1970 के दशक की शुरुआत में वह शिकारीपुरा तालुक से जनसंघ प्रमुख बने. अभी वह शिमोगा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. येदियुरप्पा वर्ष 1983 में इस सीट से पहली बार एमएलए बने ते. वह इस सीट का बौतर एमएलए पांच बार प्रतिनिधित्व किया. पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद येदियुरप्पा सिर्फ दो दिन के सीएम बने थे. विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी 104 एमएलए के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई 2018 को सीएम पद की शपथ ली और दावा किया कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है. मगर 19 मई को बहुमत परीक्षण से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया. बहुमत ना मिलने पर बीजेपी की सरकार दो ही दिन में गिरने के बाद 78 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस ने गठबंधन कर लिया और सरकार गठन के बाद जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी सीएम बने थे. आपातकाल में जेल गये थे येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के दिग्गज नेता येदियुरप्पा को किसानों की आवाज उठाने के लिए जाना जाता है.आर्ट्स में ग्रेजुएट येदियुरप्पा देश में इमर्जेंसी के दौरान जेल भी गये थे.येदियुरप्पा ने समाज कल्याण विभाग में क्लर्क की नौकरी करने के बाद अपने गृहनगर शिकारीपुरा में एक चावल मिल में भी इसी पद पर काम किया था. इसके बाद शिमोगा में उन्होंने हार्डवेयर की दुकान खोली. अइलिगल माइनिंग घोटाले के आरोप के बाद येदियुरप्पा ने बीजेपी का साथ छोड़ा इलिगल माइनिंग घोटाला मामले में लोकायुक्त ने उन पर अभियोग लगाया और 31 जुलाई 2011 को येदियुरप्पा को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा. कथित जमीन घोटाला के संबंध में अपने खिलाफ वारंट जारी होने के बाद सरेंडर करने के बाद एक हफ्ते तक जेल में रहे. बीजेपी से नाराज येदियुरप्पा ने पार्टी छोड़ दी और कर्नाटक जनता पक्ष का गठन किया. वर्ष 2013 के चुनावों में उन्होंने छह सीटें और दस परसेंट वोट हासिल कर बीजेपी को सत्ता में आने से रोक दिया. नौ जनवरी 2014 को छह येदियुरप्पा की केजेपी का बीजेपी में विलय हो गया जिसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 28 में 17 सीटों पर जीत दर्ज की. सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने छह अक्टूबर 2016 को उनके दोनों बेटों और दामाद को 40 करोड़ रुपये के इलिगल माइनिंग मामले में बरी कर दिया.जनवरी 2016 में कर्नाटक हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत लोकायुक्त पुलिस की ओर से येदियुरप्पा के खिलाफ दर्ज सभी 15 एफआईआर को रद कर दिया. उसी साल अप्रैल में येदियुरप्पा चौथी बार राज्य बीजेपी के प्रमुख नियुक्त हुए.