यूपी: कल्याण सिंह पर बाबरी विध्वंस केस में कसा शिकंजा,सीबीआई ने बतौर आरोपी कोर्ट में तलब करने की दी अर्जी

  • बाबरी विध्वंस केस में दोबारा कानूनी कार्रवाई में फंस सकते हैं कल्याण
  • राजस्थान गर्वनर होने के कारण अब तक कानूनी कार्रवाई से मिली थी छूट
  • मामले में आडवाणी, जोशी और महंत नृत्यगोपाल दास भी हैं आरोपी
लखनऊ:राजस्थान के गर्वनर पोस्ट से रिटायर्ड होते ही यूपी के एक्स सीएम कल्याण सिंह एक बार फिर कानूनी कार्रवाई के शिकंजे में आ सकते हैं.राजस्थान के गर्वनर का पांच साल कार्यकाल खत्म होने के बाद कल्याण सिंह फिर से बीजेपी में शामिल हुए है. सीबीआइ ने कल्याण सिंह को वर्ष 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले में बतौर आरोपी फिर कोर्ट में पेश करने के लिए सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में अर्जी दी है. कल्याण सिंह को अब तक संवैधानिक पद पर होने के कारण संविधान के अनुच्छेद 351 के तहत इस मामले में कानूनी कार्रवाई से छूट मिली थी. कल्याण सिंह के अलावा इस केस में एक्स डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी, सीनीयर बीजेपी लीडर मुरली मनोहर जोशी, एमप के एक्स सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा एवं महंत नृत्यगोपाल दास भी आरोपी हैं. इन सभी को कोर्ट से पहले से ही बेल मिली हुई है. वर्ष 2014की तीन सितंबर को कल्याण सिंह को राजस्थान का गर्वनर बनाया गया था. कोर्ट की ओर से कल्याण को गर्वनर पोस्ट पर पांच साल तक होने के कारण तलब नहीं किया गया. अन्य आरोपी नेताओं को कोर्ट में अपील के बाद इस केस में बेल दे दी गयी. कल्याण ने फिर बीजेपी ज्वाइन की एक्स सीएम कल्याण सिंह ने सोमवार को लखनउ मेंं फिर से बीजेपी ज्वाइन कर ली. बीजेपी के स्टेट प्रसिडेंट स्वतंत्रदेव सिंह ने कल्याण को पार्टी की मेंबरशीर दिलायी. मौके पर कल्याण के बेटे एमपी राजवीर सिंह, स्टेट गर्वमेंट में मिनिस्टर उनके पोते भी मौजूद थे. कल्याण के गर्वनर पोस्ट से रिटायर्ड होने व वापस बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सीबीआई ने स्पेशल जज की कोर्ट में एक याचिका दायर की है. सीबीआि ने इस याचिका में कल्याण को दोबारा कोर्ट में पेश कराने के लिए अनुमति मांगी है. कोर्ट द्वारा सीबीआई की अपील स्वीकार करने पर कल्याण सिंह को एक बार फिर कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1992 की छह दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह यूपी के सीएम थे. आरोप है कि सीएम रहते कल्याण ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में कहा था कि वह विवादित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होने देंगे. कार सेवा आयोजित होने के दौरान अयोध्या में मस्जिद को गिरा दिया गया था. इसके बाद सीएम कल्याण सिंह ने मामले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.