JharkhandSaraikela Mob Lynching: कार्डियक अरेस्‍ट से तबरेज मौत हुई, आरोपियों के खिलाफ मर्डर नहीं गैर इरादतन हत्या का केस चलेगा

सरायकेला के एसपी ने बताया कि दो बार पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट को वेरीफाइ कराया गया है। जिसमें हत्‍या का मामला सामने नहीं आया। कार्डियक अरेस्‍ट से तबरेज अंसारी की मौत हुई है। रांची: Jharkhand की Saraikela Mob Lynching Case केस में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद नया खुलासा हुआ है. तबरेज अंसारी की मौत मारपीट से नहीं कार्डियक अरेस्‍ट से हुई थी. सरायकेला के एसपी कार्तिक एस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तबरेज की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट और फ्रैक्चर बताया गया है. अब इस मामले के 11 आरोपियों पर अब मर्डर की सेक्सन 302 के बदले के बदले गैरइरादन हत्या की सेक्शन 304 के तहत केस चलेगा. पुलिस कोर्ट में चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन 302 की जगह 304 लगायी है. दोनों सेक्शन तहत भी सजा का प्रावधान उसी समान है एसपी का कहना है कि पुलिस ने डॉक्‍टरों की टीम से रिओप‍नियन लिया, जिसमें तबरेज की मौत के कारण हर्ट अटैक बताई गई है. डॉक्टरों ने तबरजे के सर में लगे चोट को ग्रिवियस नहीं माना है. सर में चोट के कारण तबरेज की मौत से डॉक्टरों ने इंकार किया है. पुलिस ने मॉब लिंचिंग केस में तबरेज अंसारी की मौत मामले में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया थाा. सभी को अरेस्ट कर जेल भेजा गया था. पुलिस 11 आरोपियों के खिलाफ इन्विस्टीगेशन पूरा कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. अब डॉक्टरों ने बिसरा रिपोर्ट के आधार पर तबरेज अंसारी की मौत की वजह कार्डियक अरेस्‍ट बताया है. ऐसे में मामले के आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की सेक्शन 302 हटाकर सेक्‍शन 304 लगाया गया है. आरोपियों के खिलाफ मर्डर का मामला नहीं चलेगा. दो कारणों से आईपीसी की सेक्शन 304 के तहत चार्जशीट दायर किया.पहली वजह यह है कि तबरेज की मौके पर मौत नहीं हुई. ग्रामीणों का तबरेज को मारने का कोई इरादा नहीं था. एसपी ने बताया कि मामला झारखंड हाई कोर्ट में चल रहा है. हाईकोर्ट को भी आरोपियों के खिलाफ मर्डर की सेक्शन को हटाने की जानकारी दी गई है. चोरी करते पकड़ाया था तबरेज उल्लेखनीय है कि पिछले 17 जून की रात सरायकेला जिले के धधकीडीह गांव में 22 वर्षीय युवक तबरेज अंसारी को बाइक चुराने के आरोप में पकड़ कंभे से बांधकर बुरी तरह पीटा गया था. पुलिस 18 जून को गांव पहुंची और तबरेज को मुक्त कराकर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने हॉस्पीटल से तबरेज के स्वस्थ होने का हवाला देकर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस चोरी के मामले में तबरेज को जेल भेज दी.जेल में 22 जून को उसकी डॉक्टरों ने ने उसे मृत घोषित कर दिया था.बाद में एक विडियो वायरल हुआ जिसमें तबरेज को भीड़ ने खंभे से बांधकर पीटते हुए उससे जबरन जय श्रीराम बुलवाया था. मॉब लिंचिंग के इस मामले ने तब देशभर में खासा तूल पकड़ा था. आरोप था कि तबरेज को घंटों पीटा गया और उसे जबरन 'जय श्रीराम' के नारे लगवाये गये.तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सरायकेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी. आरोप था कि तबरेज अंसारी जमशेदपुर से बाइक से लौट रहे थे.रास्ते में कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा.‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए बाध्य किया गया. एसडीएम की रिपोर्ट में पुलिस व डॉक्टर की लापरवाही बतायी गयी सरायकेला एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि तबरेज से मारपीट के बाद पुलिसवालों की लापरवाही बरती. इलाज के दौरान तीन डॉक्टरों ने तबरेज का सही से एग्जामिन नहीं किया, जिस वजह से उसकी मौत हो गई. तबरेज के साथ हुई मारपीट के बाद उसे इलाज की जरूरत थी लेकिन पुलिस ने उसे नजरअंदाज करते हुए उसे जेल भेज दिया. झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव के अधिवक्ता राजीव कुमार ने ये जानकारी दी थी.