झारखंड:उपराष्ट्रपति ने मुख्‍यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का शुभारंभ किया, राज्य के 35 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

  • जबतक किसान व गांव का विकास नहीं होगा,तबतक संपूर्ण विकास की कल्पना व्यर्थ:उपराष्‍ट्रपति
  • अन्नदाता की आय को दोगुना करने का प्रयास सरकार का होना चाहिए

रांची: उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को झारखंड के 14 लाख किसानों को रघुवर सरकार की महत्‍वाकांक्षी मुख्‍यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का तोहफा दिया. उपराष्‍ट्रपति ने रांची के हरमू मैदान में आयोजित समारोह में का शुभारंभ कर यह बड़ी सौगात दी.. पीएम किसान योजना की तर्ज पर राज्‍य में चलाई जा रही इस योजना के अंतर्गत झारखंड के 13.60 लाख किसानों के खाते में 442 करोड़ की राशि भेज दी गयी. राज्य के 35 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा.


उपराष्‍ट्रपति ने रांची में किसान सारथी रथ को झंडी दिखाकर रवाना किया. उपराष्‍ट्रपति के साथ राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ,सीएम रघुवर दास, कृषि मंत्री रणधीर सिंह व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश भी मंच पर मौजूद थे. उपराष्‍ट्रपति लोगों की भीड़ में प्रवेश कर गये. उपराष्‍ट्रपति ने हाथ मिलाकर आम लोगों का हाल-चाल पूछा. इसके बाद उपराष्‍पति ने रघुवर सरकार की महत्‍वाकांक्षी मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का शुभारंभ किया.मौके पर 13 लाख 60 हजार किसानों के खाते में डीबीटी के माध्‍यम से योजना की पहली किश्‍त के रूप में 442 करोड़ रुपये भेजा गया.

समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने कहा कि आज भारत आगे बढ़ रहा है. जबतक किसान व गांव का विकास नहीं होगा, तबतक संपूर्ण विकास की कल्पना व्यर्थ है. आज झारखंड जैसे कृषि प्रधान राज्य में किसानों की आर्थिक समृद्धि और खेती को लाभदायक बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का शुभारंभ करते हुए मुझे खुशी हो रही है. उन्‍होंने कहा कि खुशी इस बात की भी है कि यहां के किसान केंद सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. वैसे भी केंद्र और राज्य सरकार का लक्ष्य कृषि को लाभदायक बनाना होना चाहिए. अन्नदाता की आय को दोगुना करने का प्रयास सरकार का होना चाहिए. यह हो भी रहा है इसके लिए गंभीर प्रयास हो रहे हैं. यह ऐतिहासिक योजना किसानों के लिए अवश्य लाभकारी साबित होगा.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि का क्षेत्र प्रकृति पर आधारित है. किसानों को एक मजबूत आधार प्रदान करने हेतु फसल बीमा योजना, सिंगल विंडो सिस्टम के साथ-साथ किसानों के हित मे कई योजनाएं संचालित हैं. वनवासियों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कार्य हो रहा है. केंद्र और राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयास से किसानों का कल्याण सुनिश्चित हो रहा है. पूरे देश में जल संचयन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है,ताकि भूगर्भीय जल सुरक्षित हो. झारखंड में भी इस दिशा में कार्य हो रहे हैं. जल संचयन, डीप बोरिंग, परकोलेशन टैंक का निर्माण, तालाबों का जीर्णोद्धार सरकार द्वारा किया जा रहा है. जल संचयन में और किसानों के लिए लाभदायक साबित होगा. कृषि के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन होना बेहद जरूरी है.

35 लाख किसानों को दिसंबर तक योजना का लाभ मिलेगा: सीएम

समारोह को संबोधित करते हुए सीएम रघुवर दास ने कहा कि आज खुशी का दिन है. झारखंड के मेरुदंड किसान भाई बहनों को नमन. 13 लाख 60 हजार 380 किसानों के खाते में आज प्रथम किस्त के तहत 442 करोड़ रुपये भेज दिये गये हैं. किसान भाई के लिए यह राशि कृषि कार्य हेतु जरूरी संसाधन जुटाने में सहायक होगा. यह सब किसानों के सशक्तिकरण हेतु किया जा रहा है. क्योंकि राज्य के 76 फीसदी लोग ग्रामीण क्षेत्र में निवास परसेंट खेत पांच एकड़ से कम आकार के हैं जो कुल भूमि का 37 परसेंट है. राज्य के किसान आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कर्ज के जल में घिर जाते हैं. केंद्र व राज्य सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है. इसी संकल्प को मूर्तरूप देने हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना लागू की गयी, जिसका आज शुभारंभ किया जा रहा है.
35 लाख किसानों के बीच दिसंबर तक 5000 करोड़ की आर्थिक सहायता

सीएम ने कहा कि दिसंबर 2019 तक राज्य के 35 लाख किसानों को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के तहत दो हजार करोड़ एवं राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत तीन हजार करोड़ यानी पांच हजार करोड़ रुपये दिये जायेंगे. सीएम ने कहा कि किसानों को विपरीत परिस्थितियों में हुई फसल की क्षति की भरपाई करने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी चलायी जा रही है. किसानों को यह जानकर खुशी होगी कि वर्ष 2018 से इस योजना में प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है. किसानों को इसके लिए कोई भुगतान नहीं करना पड़ता है. वर्ष 2018 में खरीफ मौसम में फसल के बीमा करने हेतु सरकार द्वारा लगभग 64.00 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के प्रीमियम मद में किया गया और 2019 में 70 करोड़ रुपये का प्रावधान बीमा के लिए किया गया है.किसानों के ऋण भार को कम करने के लिए सरकार द्वारा ब्याज अनुदान योजना चलायी जा रही है. इस योजना में कृषकों को कृषि कार्य हेतु दिये गये अल्पकालीन कृषि ऋण पर कृषि ऋण के भुगतान में अतिरिक्त 3 प्रतिशत का सूद माफ किया जाता है. इस योजना हेतु राज्य सरकार द्वारा 2019 में 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

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[caption id="attachment_36832" align="alignnone" width="300"] उपराष्‍ट्रपति की अगवानी करते सीएम व गर्वनर.[/caption]

समारोह में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, गर्वनर द्रौपदी मुर्मू,कृषि मंत्री रणधीर सिंह, राज्यसभा एमपी महेश पोद्दार, रांची एमपी संजय सेठ, हटिया एमएलए नवीन जायसवाल, खिजरी एमएलए रामकुमार पाहन, मांडर एमएलए गंगोत्री कुजूर, मेयर आशा लकड़ा, चीफ सेरेटरी डी के तिवारी, सीएम के प्रिंसिपल सेकरेटरी डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, कृषि सचिव पूजा सिंघल ,निदेशक छवि रंजन व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे.
इससे पहले नई दिल्ली से रांची एयरपोर्ट पहुंचने पर उपराष्ट्रपति के आगमन के बाद राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने उनकी अगवानी की. समारोह में लगभग दस हजार किसानों ने शिरकत की जिसमें ज्यादातर वे किसान हैं, जिनके खाते में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत राशि भेजी गयी. समारोह में जमशेदपुर, गिरिडीह, चतरा, पाकुड़ और लातेहार के कुछ किसान भी शामिल हुए.इस योजना को लेकर राज्य के सभी जिलों में किसान रथ भी रवाना किया गया. अगले 45 दिनों में यह रथ राज्य की सभी पंचायतों में पहुंचेगा. जीपीएस से लैस किसान रथ की मॉनीटङ्क्षरग मुख्यालय से की जायेगी.

झारखंड में मुख्‍यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत राज्य के 35 लाख किसानों के खाते में दो किस्‍तों में करीब तीन हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किये जायेंगे. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को लेकर 15 लाख किसानों की डेटा इंट्री का काम पूरा हो चुका है. इनमें 13.60 लाख खातों के सभी दस्तावेजों की पड़ताल का कार्य भी पूरा किया जा चुका है. इन सभी के खाते में शनिवार को प्रथम किश्त की 442 करोड़ रुपये की राशि भेज दी गयी है.किसानों के बीच दो किस्‍तों में 800 करोड़ से अधिक की राशि भेजी जानी है. 400 करोड़ की दूसरी किस्‍त भी जल्द भेजी जायेगी. यह राज्य की पहली ऐसी योजना है जिसका सौ फीसद भुगतान डीबीटी के माध्यम से होगा. कृषि विभाग के आकलन के अनुसार राज्य में 83 फीसद किसानों के पास दो एकड़ या उससे कम भूमि है। इनमें 65 फीसद किसान ऐसे हैं जिनके पास एक एकड़ या उससे कम भूमि है