Jharkhand Assembly Special Session: रचनात्मक भूमिका निभाये विपक्ष:गर्वनर

रांची: Jharkhand Assembly Special Session गुरुवार को विधानसभा के नये भवन में आहूत की गयी.गर्वनर द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ चतुर्थ झारखंड विधानसभा का स्पेशल शेषण शुरू हुआ.गर्वनर ने संविधान की प्रस्ताावना का उल्लेख करते हुए विधानसभा सदस्यों को नये सदन की बधाई दी और कहा कि कहा कि मुझे प्रसन्नता और गर्व हो रहा है.सदन की गरिमा की रक्षा करने का आह्वान किया. [caption id="attachment_38616" align="alignnone" width="300"] स्पेशल सेशन को संबोधित करती गर्वनर.[/caption] गर्वनर ने अपने संबोधन में कहा कि विधायक कार्यपालिका में अपनी महती भूमिका पूरी जवाबदेही से अदा करें. सत्ता् पक्ष जनहित के कार्यों पर फोकस करे और विपक्ष अपनी रचनात्मक भूमिका निभाये.उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं होना चाहिए.बेहतर तरीके से बात रखी जानी चाहिए, जनता सब देख रही है.राज्यषपाल ने कहा कि सदन किसी एक दल का नहीं है.स्वस्थ माहौल में वाद-विवाद को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ ईटों और पत्थरों से बना हुआ भवन नहीं है,लोकतंत्र का जीवंत मंदिर है. यहां बिजली की बचत, जल संरक्षण के साथ-साथ राज्य की कला और संस्कृति को भी स्थान दिया गया है.मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि राज्य की इस सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के सदस्यगण अपने दलीय प्रतिबद्धता से ऊपर उठ कर अपनी राज्य की जनता की भलाई के लिए काम करेंगे. विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के विशेष सत्र से नदारद रहने पर तंज कसते हुए कहा कि सभी दल के विधायक मौजूद रहते तो अच्छाश संदेश जाता.उन्होंने कहा कि हर युक्ति को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए.स्पीकर ने कि माननीय सदस्यगण यह नवनिर्मित विधानसभा भवन में चतुर्थ झारखंड विधानसभा का आखिरी सत्र है.कुछ दिनों बाद पांचवीं विधानसभा के लिए आगाज होगा हम एक बार फिर चुनाव के मैदान में होंगे.आज के इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.चतुर्थ विधानसभा सत्र झारखंड के अब तक के सभी सत्रों से बड़ा रहा. इससे पहले कुल 17 सत्र आयोजित किये गये,जिनमें कुल 127 कार्यदिवस की बैठक हुई.इस दौरान कुछ छह अवसरों पर सत्र को राज्यपाल ने संबोधित किया है.राज्य सरकार के वित्त मंत्री की ओर से कुल छह बार बजट भाषण पढ़े गये,दो विधानसभा संसोधन विधेयकों पर सभा का समर्थन प्राप्त हुआ. 130 विधेयक सभा में पुर्नस्थापित किये गये.जिनमें से 127 को सभा ने पारित किया.इन सत्रों के दौरान 9 हजार 4 सौ 55 प्रश्नों की सूचनाएं सदस्यों से प्राप्त हुई जिनमें दो हजार एक सौ 18 अल्पसूचित, छह हजार 51 तारांकित और एक हजार 86 अतारांकित रूप से स्वीकार किये गये. इनमें 5 सौ छह के मौखिक उत्तर सरकार के मंत्रियों द्वारा दिये गये जबकि शेष नब्बे फीसद से ज्यादा प्रश्नों के लिखित उत्तर भी प्राप्त हुए.पांच विधायकों पर प्रवर समितियां गठित हुई.अबतक आठ विधेयकों पर राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त हुई है. सीएंम रघुवर दास ने कहा कि चतुर्थ विधानसभा के हम आखिरी सत्र में हैं.राज्यपाल महोदया के दिशा निर्देश पर यह सरकार काम करेगी मैं विश्वास दिलाता हूं.विधानसभा के नये भवन के अवसर पर नेता प्रतिपक्ष सहित सभी सदस्यों को बधाई,अभिनंदन. सीएम ने नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा होती है लेकिन लोकतंत्र के मंदिर से कैसा बैर,हमारे संसदीय कार्य मंत्री नेता प्रतिपक्ष से मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने समय नहीं मिला. उन्होंने कहा कि हरा भरा खूबसूरत परिसर जहां विधानसभा बना है.यहां मुद्दों पर बहस चर्चा सहित फैसले होंगे.नये विधानसभा का श्रेय हमारी सरकार को नहीं झारखंड की सवा तीन करोड़ की जनता का है.लोगों की आकांक्षाएं थी.यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए 400 घर बनेगा.यहां हर तरह की सुविधा होगी.सीएम ने विधायकों द्वारा उठायी गयी समस्याओं का भी जिक्र किया. बिजली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तीस लाख घरों में बिजली नहीं थी. हमने बिजली पहुंचायी.हमारे पास 134 ग्रीड होनी चाहिए,जो नहीं है. अभी 59 ग्रीड बन रहे है.स्टेशन बन रहे हैं.2020 मार्च तक गांवों में 24 घंटे बिजली होगी.हम नये साल में जीतकर यहां पहुंचेंगे, नयी उर्जा,नयी उमंग के साथ काम होगा. विशेष सत्र से जेएमएम के विधायकों ने दूरी बनाये रखी.संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि मैंने निजी तौर पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को न्यौता दिया.मैंने प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन को फोन किया लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया. जेविएम एमएलए प्रदीप यादव ने कहा कि नए विधानसभा भवन में विशेष सत्र ऐतिहासिक है.ऐसे में सरकार को आज कोई ऐतिहासिक निर्णय कर झारखंड की जनता को व्यारपक संदेश देना चाहिए. प्रदीप यादव ने नये मोटर वाहन कानून में जुर्माना के तौर पर वसूले जा रहे अधिक फाइन को कम करने की मांग करते हुए कहा कि गुजरात ने जब जुर्माना कम कर दिया,तो फिर झारखंड को भी लोगों को राहत देनी चाहिए.उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में खोले जा रहे एकलव्य स्कूरलों की सराहना की.बंद हो रहे स्कूलों पर भी सदन का ध्यारन आकृष्ट कराया. मंत्री सरयू राय,रामचंद्र सहिस,एमएलए राधाकृष्ण किशोर,कांग्रेस विधायकल दल के नेता आलमगीर आलम,सुखदेव भगत,मासस के अरुप चटर्जी,माले राज कुमार यादव,भानु प्रताप शाही,जेएमएम के निलंबित एमएलए जेपी पटेल,नवीन जयसवाल, कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भी अपनी बातें रखीं.