जम्मू-कश्मीर: कठुआ रेप मामले में तीन को उम्र कैद, तीन को 5-5 साल की सजा

पठानकोट: पठानकोट सेशन कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के बहुचर्चित कठुआ रेप व मर्डर केस मामले में सेशन कोर्ट ने दोषी करार तीन लोगों सांझी राम, प्रवेश कुमार और दीपक खाजुरिया को उम्र कैद की सजा सुनायी है.तीनों को एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. तीन आरोपियों तिलक राज, आनंद दत्ता और सुरिंद्र कुमार को पांच-पांच साल कैद व 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गयी है. कोर्ट ने छह आरोपितों को दोषी ठहराया और एक आरोपी विसाल गंजोत्रा को बरी कर दिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की उम्मीद थी.। जम्मू-कश्मीर सरकार इसके लिए हाई कोर्ट में अपील करे. [caption id="attachment_34135" align="alignnone" width="300"] आरोपी.को ले जाती पुलिस.[/caption] इससे पहले पठानकोट के सेशन कोर्ट में जज डॉ. तेजविंदर सिंह सभी सात आरोपितों की मौजूदगी में छह को दोषी करार दिया.. एक आरोपित विशाल जंगोत्रा को बरी कर दिया. छह आरोपित दीपक कुमार, प्रवेश कुमार, सुरेंद्र कुमार, आनंद दत्ता, तिलक राज तथा सांझी राम दोषी करार दिये गये. कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्षों की दलीलों के आधार पर सायं पांच बजे दोषियों की सजा का ऐलान किया. जज डॉ. तेजिंदर सिंह ने छह आरोपितों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया और सजा सुनायी.दोषियों को अलग-अलग धाराओं में सुनाई गईं सजाएं एक साथ चलेंगी. विशाल जंगोत्रा को कठुआ में बच्ची की हत्या के दिन ही मुज्जफरनगर के एक एटीएम में पैसे की निकासी के दौरान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बरी किया. संवदेनशील मामला होने के कारण सुबह से ही कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये थे.दीपक खजूरिया, सांझी राम, प्रवेश कुमार को दुष्कर्म, हत्या व अपहरण का दोषी पाया गया। इसमें दीपक खजूरिया, प्रवेश कुमार व सांझी राम को धारा 302, 376, 120 बी, 511, 328, 363, 201, 343 के तहत दोषी करार दिया गया. इसके लिए उन्हें धारा 376 के लिए 25 साल की कैद, 328 के लिए 10 साल, धारा 363 के लिए सात साल कैद, 201 के लिए पांच साल कैद, 343 के लिए दो साल और 302 और 120 बी के लिए उमकैद की सजा दी गयी. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.एक -एक लाख रुपये जुर्माना भी सुनाया गया. जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. पुलिसकर्मी आनंद दत्ता, सुरिंद्र कुमार व तिलक राज को सुबूतों को खुर्दबुर्द करने का दोषी पाया गया. तीनों को धारा 201 के तहत पांच- पांच साल कैद दी गयी. उनको 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना नहीं भरने पर उनको अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. सांझी राम: धारा (आरपीसी) और सजा : (376डी) सामूहिक दुष्कर्म के लिए 25 साल कैद, (302) हत्या और (120बी) आपराधिक षड्यंत्र के लिए उम्रकैद, (201) सुबूत मिटाने के लिए पांच साल, (328) स्त्री पर हमला या बल प्रयोग करने के लिए 10 साल कैद, (363) किसी की मदद से अपहरण करने के लिए सात साल कैद, (343) तीन या अधिक दिन के लिए किसी को बंधक बनाने के लिए दो साल कैद की सजा. दीपक खजुरिया: धारा (आरपीसी) और सजा : (376डी) सामूहिक दुष्कर्म के लिए 25 साल कैद, (302) हत्या और (120बी) आपराधिक षड्यंत्र के लिए उम्रकैद, (201) सुबूत मिटाने के लिए पांच साल, (328) स्त्री पर हमला या बल प्रयोग करने के लिए 10 साल कैद, (363) किसी की मदद से अपहरण करने के लिए सात साल कैद, (343) तीन या अधिक दिन के लिए किसी को बंधक बनाने के लिए दो साल कैद की सजा. प्रवेश कुमार: धारा (आरपीसी) और सजा : (376डी) सामूहिक दुष्कर्म के लिए 25 साल कैद, (302) हत्या और (120बी) आपराधिक षड्यंत्र के लिए उम्रकैद, (201) सुबूत मिटाने के लिए पांच साल, (328) स्त्री पर हमला या बल प्रयोग करने के लिए 10 साल कैद, (363) किसी की मदद से अपहरण करने के लिए सात साल कैद, (343) तीन या अधिक दिन के लिए किसी को बंधक बनाने के लिए दो साल कैद की सजा. आनंद दत्ता(एसपीओ):धारा (आरपीसी) और सजा : (201) सबूत मिटाने के दोष में पांच साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना. सुरेंद्र वर्मा(एसपीओ): धारा (आरपीसी) और सजा : (201) सबूत मिटाने के दोष में पांच साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना। तिलक राज (कांस्टेबल): धारा (आरपीसी) और सजा : (201) सबूत मिटाने के दोष में पांच साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना.