नई दिल्ली: विजयादशमी पर इंडिया को मिला पहला राफेल, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ ने शस्त्र पूजा कर लिखा 'ऊं'

नई दिल्ली: इंडिया को विजयादशमी के दिन वर्ल्ड को सबसे मारक लड़ाकू जेट विमान राफेल मिल गया है. डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने फ्रांस में एक भव्य समारोह में इस बहुप्रतीक्षित राफेल विमान को हासिल किया. फ्रांस की डिफेंस मिनिस्टर ने इंडिया के डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह को पहला राफेल लड़ाकू विमान सौंपा.विमान मिलने के बाद राजनाथ सिंह ने शस्त्र पूजा की और उसके बाद फ्रांस की कंपनी दसौ से खरीदे गये लड़ाकू विमान राफेल पर 'ऊं' लिखा.राफेल विमान के पहियों के नीचे नीबू भी रखा गया .दसौ के साथ हुए सौदे की पहली खेप के तहत भारत चार राफेल विमान हासिल करेगा.डिफेंस मिनिस्टर ने पूजा के बाद राजनाथ सिंह ने राफेल में लगभग आधे तक उड़ान भी भरी. राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल से इंडियन एयरफोर्स की गर्जना ही तेज नहीं होगी बल्कि इसे बेहद मजबूती मिलेगी. राफेल मिलने के साथ ही भारत-फ्रांस के रणनीतिक और सामरिक रिश्ते के नये दौर की शुरूआत हो गई है. फ्रेंच में राफेल का अर्थ 'आंधी' फ्रांस के मेरीनेक एयरबेस पर राफेल बनाने वाली कंपनी दॅासौ और फ्रांसीसी सैन्य मंत्री की मौजूदगी में हुए समारोह में राजनाथ सिंह को राफेल सौंपने की औपचारिकता पूरी की गई. मौके पर राजनाथ सिंह ने राफेल को 'आंधी' बताते हुए कहा कि ये अपने नाम के हिसाब से हमारी वायुसेना को मजबूत करेगा. फ्रेंच भाषा में राफेल का अर्थ आंधी होता है.राजनाथ सिंह ने इसका जिक्र भी किया. एयरफोर्स के लिए ऐतिहासिक दिन डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि आज इंडियन एयरफोर्स के लिए ऐतिहासिक दिन है. भारत में आज विजयादशमी यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन है. वहीं आज 87वां एयरफोर्स दिवस भी है. हमारा फोकस एयरफोर्स की क्षमता बढ़ाने पर है. मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी राफेल विमान की तय समय सीमा पर डिलिवरी हो जायेगी.राजनाथ सिंह ने पूरी भारतीय परंपरा और विधि विधान से शस्त्र पूजा की. उन्होंने विमान के अगले हिस्से पर कुमकुम का तिलक लगाया और ओम लिखा. फूल और नारियल भी रखे गये.पूजा विधि के अनुसार विमान के पंख में सिंह ने रक्षा सूत्र बांधा. राफेल के शस्त्र पूजा के दौरान बुरी नजर से बचाने के लिए दोनों पहियों के नीचे नींबू भी रखा गया. आइएएफ चीफ के नाम पर पहला राफेल राफेल के पहले विमान आरबी 001 को हासिल करने के साथ ही इंडियन एयरफोर्स के पायलट राफेल उड़ाने और इसके तकनीकी प्रबंधन का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए पहले ही फ्रांस पहुंच गये हैं. राफेल से 1500 घंटे की उड़ान पूरी करने के बाद इस विमान को मई 2020 में भारत लाया जायेगा. आइएफ को चार राफेल विमानों का पहला जत्था अगले साल मई में मिलेगा. आइएफ के पहले राफेल लड़ाकू विमान के पिछले हिस्से यानि टेल पर आरबी 01 लिखा है. यह आइएएफ चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेस भदौरिया के नाम पर है. अलग-अलग एयरबेस पर होंगे तैनात 36 राफेल विमानों की डील में से पहले चार अंबाला एयरबेस पर तैनात किये जायेंगा. पहले 16 राफेल को एयरफोर्स की 17वी स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज में शामिल किया जायेगा. अप्रैल 2022 में आने वाले अगले 16 राफेल जेट को पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस में तैनात किया जायेगा.राफेल लड़ाकू विमान इंडियन एयरफोर्स की मारक क्षमता कई गुना बढ़ा देगा. यह हवाई क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगा. राफेल पाकिस्तान और चीन से होने वाले हवाई हमलों के खतरे को रोकने और उसे काउंटर करने में काफी मददगार साबित होगा.