Independence Day 2019: पीएम ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर दिया जोर,चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का नया पद बनेगा

  • अगर आर्टिकल 370 इतना ही जरूरी था तो 70 साल में सरकारों ने इसे अस्थायी से स्थायी क्यों नहीं बनाया?
  • जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता
  • आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ खर्च किये जायेंगे
  • हर घर जल के लिए जल जीवन मिशन शुरू होगा, इस पर 3.5 लाख करोड़ खर्च होंगे

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस बार 15 अगस्त को नई दिल्ली में लाल किले से लेकर श्रीनगर के लाल चौक तक पूरे शान से तिरंगा लहराया. पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर तिरंगा फहराया. पीएम ने अपने संबोधन में एक देश एक चुनाव का मुद्दा उठाया.उन्होंने कहा कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए.मोदी ने कहा कि यह मुद्दा नया नहीं है.
उल्लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का मुद्दा उठा चुके हैं. पिछले साल अगस्त में लॉ कमीशन ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं चुनावों को एक साथ कराने की सिफारिश की थी. हालांकि, आयोग ने कानून मंत्रालय को सौंपे गए मसौदे में आगाह किया कि संविधान के मौजूदा ढांचे के भीतर एक साथ चुनाव संभव नहीं है.
लाल किला से अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि हमने जीएसटी से वन नेशन,वन टैक्स के सपने को साकार किया. इसी तरह पिछले दिनों ऊर्जा के क्षेत्र में वन नेशन,वन ग्रिड का काम भी सफलतापूर्वक पूरा किया.वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की व्यवस्था विकसित की.आज देश में व्यापक रूप से चर्चा चल रही है- एक देश, एक चुनाव. यह चर्चा होनी चाहिए.लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए. पीएम ने खर्च में कटौती और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव पर बहस और परामर्श का आह्वान किया है.
प्लास्टिक मुक्त होगा भारत, गांधी जयंती पर शुरू होगा अभियान
पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने के लिए देश की जनता और खासतौर पर दुकानदारों-व्यापारियों से सहयोग मांगा है. उन्होंने कहा कि देश को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के अभियान की शुरुआत महात्मा गांधी की जयंती पर दो अक्टूबर से एक साथ पूरे देश होगी. पीएम ने कहा कि सरकार देश को सिंगल यूज प्लास्टिक (एक बार प्रयोग होने वाली प्लास्टिक) से मुक्त बनायेगी.पीएम ने लोगों से अपील की कि दो अक्टूबर के दिन सिंगल यूज प्लास्टिक इकट्ठा कर नगर निगम या स्वच्छता कर्मचारी के पास जमा करायें. इस रिसाइकिल कर विभिन्न तरह के प्रयोग में लाया जायेगा. ई जगहों पर प्लास्टिक का प्रयोग सड़कों के निर्माण में भी हो रहा है.उन्होंने दुकानदारों और व्यापारियों को सुझाव दिया कि वह दीपावली के मौके पर ग्राहकों को डायरी और कैलेंडर आदि गिफ्ट में देते हैं. इस बार थैला गिफ्ट करें.
 CDS सिस्टम लागू होगा
पीएम ने कहा कि कहा कि देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का नया पद बनेगा. इससे थलसेना, वायुसेना और नौसेना सभी को एक जैसा प्रभावी नेतृत्व मिलेगा. सैन्य सेवाओं में रिफॉर्म्स का हमारा सपना पूरा होगा. वर्ष 1999 में करगिल जंग के बाद पहली बार एक समिति ने सीडीएस की सिफारिश की थी. समय रहते रिफॉर्म्स की बहुत आवश्यकता होती है.सैन्य संसाधनों के रिफॉर्म्स पर काफी चर्चा हुई है.अनेक रिपोर्ट्स आई हैं.सभी रिपोर्ट्स एक ही समस्या को उजागर करती रही हैं. हमारी सेनाओं का जल-थल-नभ, तीनों में ही कॉर्डिनेशन है.किसी भी भारतीय को इसमें गर्व है.आज जैसे दुनिया बदल रही है.आज जिस तरह तकनीक व्यवस्थाएं बन रही हैं.भारत को इसमें नहीं रुकना चाहिए. हमारी सेनाओं को एक साथ आगे बढ़ना होगा. जल-थल-नभ में एक आगे चले, दूसरा दो कदम पीछे हो, ऐसा नहीं चल सकता. सबको साथ चलना होगा..आज मैं एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा करना चाहता हूं।.आज हमने निर्णय किया है कि हम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की व्यवस्था करेंगे. इस पद के गठन के बाद तीनों सेनाओं को एक प्रभावी नेतृत्व मिलेगा. सामरिक दृष्टि से भारत के लिए सीडीएस अहम होगा. यह व्यवस्था इसलिए की गई है, क्योंकि आज के समय में तीनों सेनाओं का साथ चलना बेहद जरूरी है.
पीएम ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देते अनुच्छेद 370 और राज्य के लोगों को विशेषाधिकार देते अनुच्छेद 35-ए को हटाने पर डिटेल में अपनी बातें कही. पीएम ने कहा कि इस फैसले का विरोध करने वाले से पूछना चाहता हूं कि अगर यह आर्टिकल इतना जरूरी था, इसी से भाग्य बदलने वाला था तो 70 सालों में (विपक्षी दलों का) बहुमत होने के बावजूद इसे अस्थायी क्यों रखा गया, इसे स्थायी क्यों नहीं किया गया? हम न समस्याओं को टालते हैं, न समस्याओं को पालते हैं. जो काम 70 साल में नहीं हुआ, वह नई सरकार बनने के 70 दिन के भीतर किया गया. संसद के दोनों सदनों ने दो तिहाई बहुमत से इसे पारित कर दिया
पीएम ने कहा कि हम पूरे समर्पण के साथ आपकी सेवा में समर्पित हैं. आर्टिकल 370 का हटना, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने जैसे कदम उठाए और किसानों के लिए पेंशन योजना शुरू की है. देश में जल संरक्षण की जरूरत है. इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाया है. बच्चों के साथ अपराध को सहन नहीं किया जा सकता है. इसे रोकने लिए कानून कड़ा किया.सबका साथ,सबका विकास का मंत्र लेकर हम चले थे, लेकिन 5 साल में ही देशवासियों ने ‘सबका विश्वास’ के रंग से पूरे माहौल को रंग दिया. अगर 2014 से 2019 आवश्यकताओं की पूर्ति का दौर था, तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का कालखंड है, उनके सपनों को पूरा करने का कालखंड है. हम देश बदल सकते हैं, पर पीछे नहीं रह सकते.अब हमारा देश उस दौर में पहुंचा है,जिसमें बहुत सी बातों से अब अपने आप को छिपाये रखना ठीक नहीं है. हमें चुनौतियों को सामने से स्वीकार करना होगा. कभी राजनीतिक नफा नुकसान से हम फैसले करते हैं, लेकिन इससे देश की भावी पीढ़ी का नुकसान होता है.जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है.हमारे यहां जनसंख्या विस्फोट हो रहा है.एक जागरूक वर्ग है, जो इस समस्या को समझता है.वह अपने घर में शिशु को जन्म देने से पहले सोचता है कि मैं शिशु के सपनों को पूरा कर पाऊंगा, उसकी जरूरतों को पूरा कर पाऊंगा या नहीं. एक छोटा वर्ग इन सारे पैरामीटर्स पर परिवार नियोजन करता है और देश का भला करने में सहयोग देता है. उनका जितना सम्मान करें, छोटा परिवार रखकर वे देशभक्ति करते हैं.भ्रष्टाचार दीमक की तरह हमारी जिंदगी में घुस चुका है. बीमारी इतनी फैली है कि इसे ठीक होने में काफी समय लग रहा है. मैं मानता हूं व्यवस्थाओं में बदलाव होना चाहिए, लेकिन मैं मानता हूं सामाजिक जीवन में बदलाव होना चाहिए. मैं मानता हूं कि व्यवस्थाएं चलाने वाले लोगों के मन में भी बदलाव होना चाहिए. आजादी के इतने साल बाद देश परिपक्व हुआ है. हम आजादी के 75 साल मनाने जा रहे हैं.इसका सहज संस्कार, सहज स्वभाव, सहज अनुभूति भी आवश्यक होती है.मैं अपने अफसरों से बार बार कहता हूं कि आजादी के इतने साल बाद आम लोगों के बीच सरकार का जो दखल है, क्या हम उस दखल को कम नहीं कर सकते. आजाद भारत का मतलब यह है कि सरकारें लोगों के जीवन से बाहर आएं और लोग अपने हिस्से में देश, परिवार और अपने सपनों को पूरे करने के लिए खुद आगे आएं.’
पीएम ने कहा कि आज दुनिया में विश्वास पैदा हुआ है कि भारत जैसा देश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में इतनी बड़ी जंप लगा सकता है. लेकिन मेरी नजर ईज ऑफ लिविंग पर है. मेरा देश आगे बढ़े लेकिन इंक्रीमेंटल प्रोग्रेस के लिए अब देश ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता. हमें हाई जंप लगानी होगी. भारत को ग्लोबल बेंचमार्क की तरफ ले जाने के लिए हमें आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की तरफ जाना पड़ेगा. हमने तय किया है कि इस कालखंड में 100 लाख करोड़ रुपए आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए लगाये जायेंगे. चाहे अस्पताल बनाने हों या भारतमाला प्रोजेक्ट.’ एक जमाना था कि अगर कागज पर सिर्फ निर्णय हो जाए कि एक रेलवे स्टेशन फलां इलाके में बनने वाला है, तो लोगों में खुशी हो जाती थी. लेकिन आज सामान्य नागरिक रेलवे स्टेशन बनने से खुश नहीं है. वह पूछता है कि हमारे यहां वंदे भारत एक्सप्रेस कब आयेगी. आज हम 5 स्टार रेलवे स्टेशन बना दें तो वो यह नहीं कहता कि यह बहुत बढ़िया है. वह कहता है कि हवाई अड्डा कब आयेगा. पहले लोग कहते थे कि साहब पक्की सड़क कब आयेगी. लेकिन अब कहते हैं कि रोड कैसी आयेगी. फोर लेन या टू लेन. आज घर के पास बिजली तार और मीटर लग जाएं तो वो पूछता है कि 24 घंटे बिजली कब आयेगी. इस बदलते हुए मिजाज को हमें समझना होगा और उसी हिसाब से ग्लोबल बेंचमार्क के साथ क्लीन एनर्जी हो, गैस ग्रिड हो, ई-मोबिलिटी हो.’
हर घर जल सुनिश्चित कराने के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे
पीएम ने कहा कि हम आने वाले दिनों में जल जीवन मिशन को लेकर आगे बढ़ेंगे. जिन घरों में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है, उन्हें इसके लिए मशक्कत करनी पड़ती है. हर घर में जल कैसे पहुंचे, पीने का शुद्ध पानी कैसे मिले, इसके लिए आज मैं लाल किले से घोषणा करता हूं कि हम आने वाले दिनों में जल जीवन मिशन को लेकर आगे बढ़ेंगे. इसके लिए केंद्र और राज्य साथ मिलकर काम करेंगे.आने वाले वर्षों में 3.5 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम इस पर खर्च होगी. जल संचय, जल सिंचन हो वर्षा के बूंद-बूंद पानी को रोकने का काम हो, समुद्री पानी या वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट करना हो, पानी बचाने का अभियान हो, नागरिक इसके लिए संवेदनशील बनें, इसके लिए हम लगातार प्रयास करेंगे.इस विश्वास के साथ बढ़ें कि पानी के क्षेत्र में जितना काम हुआ है, अगले 5 साल में चार गुना से भी ज्यादा काम करना होगा. हम ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते. संत तिरुवल्लुवर ने कहा था- जब पानी समाप्त हो जाता है तो प्रकृति का कार्य थम जाता है और विनाश हो जाता है.
लोकल प्रोडक्ट को दें प्राथमिकता
मोदी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया का जो मिशन जो हमने लिया है, उसे पूरा करना चाहिए. हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि मेरे देश में जो बनता है, वह मेरी प्राथमिकता होगी. हमें सुनहरे कल के लिए स्थानीय उत्पाद पर बल देना होगा. जो गांव में बनता है वो पहले. वहां से बाहर जाना पड़े तो तहसील में, नहीं तो जिले में. इससे हमारे लघु उद्योगों को कितना बल मिलेगा। इसके कारण देश की इकोनॉमी में मदद कर सकते हैं.’हमारा रूपे कार्ड आने वाले समय में अन्य देशों में भी दिखने वाला है. हमारे देश के छोटे-छोटे व्यापारों में भी हमें डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहिए. हमारे दुकानदार बोर्ड लगाते हैं आज नकद कल उधार. अब हमें बोर्ड लगाना चाहिए- डिजिटल पेमेंट को हां, नकद को न.उन्होंने कहा कि मैं किसान भाइयों से भी कुछ मांगना चाहता हूं. यह धरती हमारी मां है. क्या कभी हमने इस धरती मां के स्वस्थ्य की चिंता की है. हम जिस तरह केमिकल फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, हम अपनी धरती मां को तबाह कर रहे हैं. मुझे इस धरती मां को तबाह करने का कोई हक नहीं है. आजादी के 75 साल होने वाले हैं. क्या हम 10%, 20%, 25% केमिकल फर्टिलाइजर का प्रयोग कम करेंगे. वंदे मातरम कहकर जो फांसी के तख्त पर चढ़ गया था, उसका काम पूरा करना भी हमारी जिम्मेदारी है. मेरे किसान मेरी इस मांग को पूरा करेंगे, यह मेरा विश्वास है.’ दुनिया देश के प्रोफेशनल्स का लोहा मानती है. हमारा चंद्रयान तेजी से चांद के उस छोर की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, जहां कोई नहीं गया. उसी तरह खेल के मैदानों में हम काफी कम नजर आते थे. आज 18 से 22 साल के हमारे बेटे बेटियां हर छोर पर नजर आते हैं. हमें देश में बदलाव लाना है. देश का प्रधानमंत्री आपकी तरह ही देश का नागरिक है. आने वाले समय में गांवों में 1.5 लाख वेलनेस सेंटर बनाने होंगे. पीएम ने कहा कि मैं आपसे एक छोटी सी मांग कर रहा हूं, 2022 से पहले हम कम से कम अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर जायेंगे.वहां कठियाइयां होंगी तो भी जायेंगे. अच्छे होटल नहीं होंगे तो भी जायेंगे. क्यों न हम 100 बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन डेवलप करें. नॉर्थईस्ट में इतनी प्राकृतिक संपदा हैं. लेकिन कितनी यूनिवर्सिटी होंगी, जो वहां अपनी टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाती होंगी. आप वहां जाना शुरू करेंगे तो दुनिया के लोग भी वहां आएंगे. आजादी के 75 साल और गांधी के 150 साल. गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशवर्ष भी है. हम बाबा साहेब अंबेडकर और गुरुनानक जी के आदर्शों पर चलें और देश को आगे लेकर बढ़ें. हम जानते हैं कि हमारे लक्ष्य हिमालय जितने ऊंचे हैं, हमारे सपने अनगिनत तारों से भी ज्यादा हैं. ‘हमारा सामर्थ्य हिंद महासागर जितना अथाह है, हमारी कोशिशें गंगा की धारा जितनी पवित्र हैं, निरंतर हैं। सबसे बड़ी बात यह कि हमारे मूल्यों के पीछे हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति की प्रेरणा है. देशवासियों का त्याग और कठोर परिश्रम हमारी प्रेरणा है. हम इन्हीं आदर्शों के साथ सिद्धी प्राप्त करने की तरफ चल पड़ें. नया आत्मविश्वास, नया संकल्प देश को आगे ले जाने की जड़ी बूटी है.’
अटारी बॉर्डर पर वंदे मातरम् के घोष से पाक भी गूंजा


अमृतसर: भारत के 73वें स्वतंत्रता दिवस पर अटारी वाघा बॉर्डर पर रिट्रीट सेरेमनी में देशभक्ति की धारा बह उठी. बॉर्डर पर गजब का समां था। स्टैंड में खचाखच भरे लोग तिरंगा लहराते हुए जयघोष कर रहे थे. पूरा सीमा क्षेत्र वंदे मारतम्, भारत माता की जय और जय हिंद के घोष से गूंज रहा था. पाकिस्तान में भी इसकी गूंज सुनाई दी.जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाए पाकिस्तान ने इस समारोह से दूरी बनाए रखी.