हेग: इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है. ICJ ने अपने 42 पेज के फैसले में जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान से सजा की समीक्षा करने को कहा है. पाकिस्तान को जाधव तक भारत को कंसुलर ऐक्सेस देने का आदेश दिया गया है. ICJ के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा निलंबित कर दी. केवल पाकिस्तान से आनेवाले जज टीएस गिलानी ने हर मुद्दे पर अपना अलग मत दिया. कोर्ट के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कहा कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार नहीं कर लेता, फांसी पर रोक जारी रहेगी.
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कूलभूषण जाधव[/caption]
कूलभूषण जाधव
आईसीजे ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया. पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया. पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया.पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा. भारत ने कई बार कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए अपील की, जिस पाकिस्तान ने ठुकरा दिया. यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपील नहीं मानी.
ICJ के जजों ने कहा कि पाकिस्तान विएना संधि के तहत कुलभूषण की गिरफ्तारी और उसके कारावास के संबंध में भारत को जानकारी देने के लिए बाध्य था. पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन हफ्ते की देरी कर दी, यह भी विएना संधि की शर्तों का उल्लंघन है. पाकिस्तान यह नहीं स्पष्ट कर पाया कि कथित तौर पर भारत की किसी गड़बड़ी की वजह से उसने खुद को संधि की शर्तों को पूरा करने से खुद को रोक लिया. अंतरराष्ट्रीय कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने कहा है कि कोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्टिकल 36(1) यानी कॉन्स्यूलर एक्सेस दिए जाने के उल्लंघन के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. इंटरनेशनल कोर्ट ने कहा कि जाधव को कंसुलर ऐक्सेस मिलनी चाहिए। पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 (1) का उल्लंघन किया है. पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव से मिलने नहीं दिया और न ही उनकी तरफ से कोर्ट में पक्ष रखने दिया. ICJ ने पाकिस्तान को आदेश दिया है कि वह जाधव तक भारत को कंसुलर ऐक्सेस दे. अब भारतीय उच्चायोग जाधव से मुलाकात कर सकेगा और उन्हें वकील और अन्य कानूनी सुविधाएं और सहायता दे पायेगा.
भारत ने जाधव के खिलाफ पाकिस्तान में दायर मामले को निरस्त करने और उन्हें पाकिस्तान की जेल से रिहा करवाने की मांग भी कोर्ट से की थी जिसे आइसीजे ने खारिज कर दिया है. पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान में आतंकी वारदातों को भड़काने की साजिश रचते हुए गिरफ्तार किया था. भारत का कहना है कि जाधव अपने व्यक्तिगत कारोबार के सिलसिले में ईरान से अगवा कर पाकिस्तान ले जाया गया है.
पाकिस्तान ने जाधव को उनकी पत्नी और मां से मिलने की इजाजत जरुर दी थी, लेकिन उन्हें जिस माहौल में मिलाया गया था वह भी काफी सवाल पैदा करने वाला था. आइसीजे में भारत के वकील हरीश साल्वे ने ना सिर्फ जाधव के मामले में पाकिस्तान की कानून व्यवस्था की कलई खोली थी, बल्कि वहां जिस तरह से सैन्य कोर्ट काम करते हैं उसे भी सार्वजनिक किया था.
पीएम व विदेश मंत्री ने आईसीजे के फैसले का स्वागत किया
आइसीजे में भारत की इस बड़ी कामयाबी पर पीएम नरेंद्र मोदी व विदेश मंत्री ने खुशी जाहिर की है. पीएम मोदी ने जाधव पर आये फैसले को लेकर ट्वीट कर कहा, 'हम आईसीजे में आज आए फैसले का स्वागत करते हैं. सच्चाई और न्याय की जीत हुई है. तथ्यों के गहन अध्ययन के आधार पर आए इस फैसले के लिए आईसीजे को बधाई. मुझे भरोसा है कि कुलभूषण जाधव को न्याय मिलेगा.' पीएम ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा हर भारतीय की सुरक्षा और भलाई के लिए काम करेगी. आइसीजे का फैसला आने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जाधव के परिवारवालों से भी बात की. विदेश मंत्री एस. जयशंकर कुलभूषण जाधव पर आये फैसले पर गुरुवार को राज्यसभा में बयान देंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया, 'कुलभूषण के परिवार से बात की है। उनके साहस को सलाम. सत्यमेव जयते.'