नई दिल्ली:गर्वमेंट ने कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और कैपिटल गेन्स टैक्स सरचार्ज में छूट दी,इकोनॉमी को फिर दिया बूस्ट

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती ऐतिहासिक कदम:पीएम नयी दिल्ली:गर्वमेंट ने शुक्रवार को कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और कैपिटल गेन्स टैक्स सरचार्ज में छूट समेत कई उपायों की घोषणा की है.फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने ग्रोथ को प्रमोट करने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं.नई घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को घटाकर 22% कर दिया गया है,बशर्ते कॉर्पोरेट्स ने किसी तरह का इन्सेंटिव या छूट न ली हो. सरचार्ज और सेस जोड़कर प्रभावी दर 25.17 फीसदी रहेगी. जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले वित्त मंत्री ने सुस्त इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए फिर बड़े ऐलान किए.फाइनेंस मिनिस्टर की घोषणा करने के बाद शेयर बाजार में रौनक नजर आ रही है.पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती ऐतिहासिक कदम है.इससे ‘मेक इन इंडिया' में बड़ा उछाल आयेगा. पिछले कुछ सप्ताहों में उठाये गये कदम दर्शाते हैं कि हमारी सरकार समाज के सभी तबकों के लिए अवसरों में सुधार करने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है.पीएम ने उम्मीद जतायी कि नवीनतम कदम पूरे वर्ल्ड से निजी निवेश आकर्षित करेंगे,भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए समृद्धि में वृद्धि करेंगें. फाइनेंस मिनिस्ट घोषणा की मुख्य बातें आयकर अधिनियम में एक नया प्रावधान किया गया है,जो वित्त वर्ष 2019-20 से प्रभावी होगा. इससे किसी भी घरेलू कंपनी को 22 परसेंट की दर से इनकम टैक्स पेमेंट करने का विकल्प मिलेगा. हालांकि इसके लिये शर्त होगी कि वे किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेंगे.उपकर और अधिभार समेत इन कंपनियों के लिये प्रभावी दर 25.17 परसेंट होगी.ऐसी कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान नहीं करना होगा.विनिर्माण क्षेत्र में नया निवेश आकर्षित करने तथा मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिये आयकर अधिनियम में एक और नया प्रावधान किया गया है.इससे एक अक्टूबर 2019 या इसके बाद गठित किसी भी कंपनी को विनिर्माण में निवेश करने पर 15 परसेंट की दर से आयकर भरने का विकल्प मिलेगा.यह लाभ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जो कोई अन्य प्रोत्साहन या छूट नहीं लेंगे और 31 मार्च 2023 से पहले परिचालन शुरू करेंगे.इन कंपनियों के लिये अधिशेष और उपकर समेत प्रभावी कर की दर 17.01 परसेंट होगी. साथ ही इन कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर देने की जरूरत नहीं होगी. यदि कोई कंपनी कम की गयी दरों पर भुगतान करने का विकल्प नहीं चुनती है और कर छूट एवं प्रोत्साहन का लाभ उठाती है, तो वह पुरानी दरों पर भुगतान करना जारी रखेंगी.ये कंपनियां छूट व प्रोत्साहन की अवधि समाप्त होने के बाद संशोधित दरों का विकल्प चुन सकती हैं. विकल्प चुनने के बाद उनके लिये प्रभावी कर की दर 22 परसेंट होगी. एक बार विकल्प चुन लेने के बाद उन्हें उसमें बने रहना होगा.छूट व प्रोत्साहन का लाभ जारी रखने का विकल्प चुनने वाली कंपनियों को राहत देने के लिये न्यूनतम वैकल्पिक कर की दर 18.5 परसेंट से घटाकर 15 परसेंट कर दी गयी है. पूंजी बाजार में निवेश प्रवाह को बढ़ाने के लिये वित्त कानून,2019 के जरिये लागू ‘बढ़ी हुई दर से अधिभार'अब प्रतिभूति लेन-देन करने वाली कंपनियों के शेयरों की बिक्री से हुए पूंजीगत लाभ पर नहीं लगेगा. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर डेरिवेटिव समेत प्रतिभूतियों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर बढ़ी हुई दर से लगाया गया अधिभार अब नहीं लगेगा.सूचीबद्ध कंपनियों को भी राहत दी गयी है.इसके तहत जिन सूचीबद्ध कंपनियों ने पांच जुलाई से पहले शेयरों की पुनर्खरीद की घोषणा की है,उन्हें उसके लिये कर नहीं देना होगा. सरकार ने सीएसआर का दायरा भी बढ़ाया है.कंपनियों को अब कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत दो प्रतिशत राशि केंद्र या राज्य सरकार या किसी एजेंसी अथवा सार्वजनिक लोक उपक्रमों द्वारा वित्त पोषित इनक्यूबेशन (पालना केंद्र),विज्ञान,प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग या औषधि के क्षेत्र में शोध कर रहे सरकार से वित्त पोषित विश्वविद्यालयों,आईआईटी,राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और डीआरडीओ,आईसीएआर जैसे संस्थानों के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त निकायों पर खर्च करने की भी छूट दी गयी है.इन घोषणाओं से सरकारी खजाने पर 1,45,000 करोड़ रुपये का असर पड़ने का अनुमान है. राहुल गांधी का तंज, बुरी आर्थिक हालत नहीं छिप सकती केंद्र सरकार द्वारा कॉर्पोरेट टैक्स घटाए जाने के फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसा है. राहुल ने सरकार के इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका में होनेवाले इवेंट 'हाउडी मोदी' से जोड़ा.राहुल ने कहा कि कोई भी ऐसा इवेंट या फैसला बुरी आर्थिक हालत को छिपा नहीं सकता.राहुल गांधी ने ट्वीट किया,'#हाउइंडियनइकॉनमी के बीच नीचे जाते शेयर बाजार के लिए मोदी ने जो किया वह शानदार है.1.4 लाख करोड़ रुपये के साथ ह्यूस्टन इवेंट दुनिया का अबतक का सबसे महंगा इवेंट है. लेकिन कोई भी इवेंट उस आर्थिक संकट को छिपा नहीं सकता, समें हाउडी मोदी ने भारत को डाल दिया है.' बाजार में ऐतिहासिक तेजी, एक दिन में 2,200 पॉइंट्स से ज्यादा की उछाल मुंबई:फाइनमेंस मिनिस्टर की ओर से कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और कैपिटल गेन्स टैक्स सरचार्ज में छूट का ऐलान होते ही शेयर बाजार झूम उठा.दोपहर दो बजकर 20 मिनट पर बीएसई सेंसेक्स ने 2,280 अंकों तक की उछाल हासिल कर ली.हालांकि अब यह करीब 2200 अंकों की उछाल के साथ 38,200 के स्तर के ऊपर कारोबार कर रहा है. सेंसेक्स में एक दिन में ही करीब 6 फीसदी का यह जोरदार उछाल देखने को मिला है. शेयर बाजार में महज एक दिन में यह अब तक की सबसे बड़ी उछाल है.इससे पहले 18 मई, 2009 को बाजार 2,110 पॉइंट उछला था.सेंसेक्स 1,921.15 अंकों की बड़ी उछाल के साथ 38,014.62 और निफ्टी 11,200 पर बंद हुआ. एक घंटे में ही निवेशकों ने 5 लाख करोड़ रुपये बनाये बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE के डेटा के मुताबिक, ऐलानों के बाद बाजार चढ़ने लगा.कुछ ही देर में मार्केट कैपिटलाइजेशन (MCap) 143.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया,यह गुरुवार को 138.54 लाख करोड़ रुपये था.लगभग पांच लाख करोड़ की बढ़त रही.