सियाचिन ग्लेशियर में बर्फीला तूफान, बर्फ में दबने से चार सैनिक व दो पोर्टर शहीद

जम्मू: विश्व के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन गलेश्यिर में सोमवार को हिमस्खलन में चार सौनिक और दो पोर्टर शहीद हो गये. एक अन्य जवान की हालत गंभीर है. लगभग अठारह हजार फीट की ऊंचाई पर दोपहर बाद तीन बजे यह हादसा हुआ है. आर्मी अफसरों का कहना है कि सियाचिन में माइनस 30 डिग्री सेल्सियस टेंपरेटचर में एलओसी के पास आठ सदस्यीय दल पेट्रोलिंग कर रहा था. दल में छह आर्मी जवान व सेना के दो पोर्टर भी शामिल थे. आर्मी की यह टीम पोस्ट पर बीमार एक साथी को हॉस्पीटल पहुंचाने के लिए यह टुकड़ी निकली थी.उच्च पर्वतीय इलाकों में राहत अभियान चलाने में एक्सपर्ट एवलांच पैंथर्स को लापता आर्मी जवानों की खोज में उतारा गया. आर्मी की माउंटेन रेस्क्यू टीम भी परेशन में शामिल हुई. काफी मशक्कत के बाद सभी को गंभीर हालत में खोज निकाला गया. हेलीकॉप्टर से छह जवानों और दो पोर्टरों को आर्मी स्पीटल ले जाया गया. इनमें चार जवान और दो पोर्टर शहीद हो गये. एक अन्य की हालत गंभीर है. आठवें जवान की हालत सामान्य है. हाइपोथर्मिया के कारण गई जान : पीआरओ डिफेंस कश्मीर कर्नल राजेश कालिया का कहना है कि सभी जवानों को समय रहते आर्मी हॉस्पीटल पहुंचा दिया था. हाइपोथर्मिया के कारण चार जवानों और दो पोर्टर शहीद हो गये. बताया जाता है कि अल्पताप (हाइपोथर्मिया) वह स्थिति होती है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से काफी कम हो जाता है. सामान्य तौर पर शरीर का तापमान 37 डिग्री (98.6 फारनाइट) रहता है. काफी अधिक ठंडे वातावरण के कारण यह 35 डिग्री से भी नीचे चला जाता है. इस स्थिति को अल्पताप कहते हैं. सियाचिन में तापमान शून्य से 30 डिग्री से भी नीचे रहता है. ऐसे में वहां शरीर का तापमान तेजी से नीचे गिरता है. उत्तरी लद्दाख के कारकोरम एरिया में लगभग 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर विश्व में सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है. सैनिकों को अधिक ठंड से शरीर के सुन्न हो जाने और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है.सियाचिन ग्लेशियर को पूरी दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित युद्ध स्थल के रूप में जाना जाता है.सियाचिन ग्लेशियर पूर्वी कराकोरम के हिमालय में स्थित है. इसकी स्थिति इंडिया-पाक एलओसी के पास उत्तर पर स्थित है. सियाचिन ग्लेशियर का क्षेत्रफल लगभग 78 किमी है. सियाचिन, काराकोरम के पांच बड़े ग्लेशियरों में सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है.