पाकिस्तान से आ रहा विदेशी विमान भारतीय सीमा में घुसा, IAF ने करायी फोर्स लैंडिंग, पूछताछ के बाद छोड़ा गया

  • गुजरात के रास्ते घुसने पर एयर डिफेंस सिस्टम ने पकड़ा
  • जयपुर में लैंडिंग करवाकर पाइलट से पूछताछ कर रही है आइएफ
  • ऐंटोनॉव एन-12 विमान जॉर्जिया का है, दिल्ली आ रहे इस विमान ने बदला रास्ता
जयपुर: इंडियन एयर फोर्स के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान से भारतीय सीमा में शुक्रवार को गलत रास्ते से घुसे एक विदेशी विमान को इंटरसेप्ट कर लिया. आइएएफ ने एक्शन लेते हुए इस विमान को जयपुर में फोर्स लैंड करवाया गया. प्लेन के पाइलट से पूछताछ की गयी  कि उसने निर्धारित रास्ता छोड़कर प्लेन को गलत रास्ते पर क्यों उड़ाया.प्लेन के पायलटों और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. जयपुर के एडिशनल पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह जहाज गलती से भारतीय सीमा में घुस गया था.सुरक्षा चिंताओं के कारण इस विमान को जयपुर में उतारना पड़ा था. पायलटों से पूछताछ करने के बाद विमान को छोड़ दिया गया. विदेशी विमान कच्छ के रण में स्थित एक एयर बेस के 70 किलोमीटर दूर से भारतीय एयर स्पेस में दाखिल हुआ. इस एयर बेस को आम जनता के लिए बंद किया गया है.एयर फोर्स एयर बेस के अपनी टीमें भेजकर जांच करवायी है कि इस कार्गो विमान में क्या भरा हुआ है.एयर फोर्स के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा,'दोपहर में जॉर्जिया के एन-12 एयरक्राफ्ट विमान को कराची से दिल्ली के लिए अनुमति मिली.विमान ने बीच में रास्ता बदल दिया और गलत रास्ते से उत्तरी गुजरात में भारतीय एयर स्पेस में दाखिल हो गया. इस विमान को भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने डिटेक्ट कर लिया और हमने विमान को लैंड कराने के लिए मजबूर कर दिया. जैसे ही यह विमान रेडार पर रिफ्लेक्ट हुआ, वैसे ही दो सुखोई-30 माक वन एयर डिफेंस फाइटर्स को तैनात कर दिया गया था. शुरुआत में इस विमान की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा था लेकिन बाद में इसने लैंड किया. लैंडिंग के बाद जॉर्जियन विमान के दोनों पायलटों से पूछताछ की गयी.  वायुसेना, पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों के अधिकारी पायलट से पूछताछ की.पूरे विमान की बारिकी से जांच की गयी. विमान अपना रास्ता भटक गया था. भारतीय वायुसीमा में प्रवेश से पहले यह कराची एयरपोर्ट पर उतरा था.  उल्लेखनीय है कि एंटोनोव एएन-12 चार इंजन वाला टर्बोप्रोपेलर माल वाहक विमान है, जिसे सोवियत यूनियन में डिजाइन किया गया था. परिवहन विमान में इसका इस्तेमाल काफी होता है.