बिहार विधानसभा में मारपीट विपक्षी व सत्ता पक्ष के एमएलए के बीच मारपीट की नौबत,NRC के खिलाफ प्रस्ताव पारित

पटना। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) के मामले पर विपक्षी व सत्ता पक्ष के एमएलए भिड़ गये। आरजेडी व व माले एमएलए का कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर होने के बाद इस पर हुई विशेष चर्चा के दौरान एमएलए आपस में भिड़ गये. बीजेपी के तीन मंत्रियों ने पार्टी के एमएलए के साथ मोर्चा संभाला।संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार और राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बीच-बचाव कर स्थिति को नियंत्रित किया। हलांकि इस दौरान सीएम व डिप्टी सीएम सदन में मौजूद नहीं था। बाद में सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में राज्यी में राष्ट्री य नागरिकता रजिस्टर (NRC) लागू नहीं कराने का प्रस्ता।व पारित कराया। साथ ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को साल 2010 के फार्मेट पर स्वीवकर करने को लेकर चर्चा की। एनआरसी के खिलाफ प्रस्तारव के पारित होने के दौरान बीजेपी एमएलए चुप रहे। बाद में कई बीजेपी एमएलए नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वीे यादव ने इसे आरजेडी की जीत बताया। विपक्ष आज सदन की कार्यवाही आरंभ होने के पहले से एनआरसी और एनपीआर को लेकर माहौल बनाने में जुटा था। पहले विधानमंडल परिसर में नारेबाजी की और जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो नेता प्रतिपक्ष इस मामले पर खड़े हो गये। उन्हें रोका गया पर वे बोलते रहे। माले महबूब आलम भी खड़े हो गए। विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की और कहा कि दो घंटे की चर्चा होगी और इसी अवधि में सरकार का जवाब भी आयेगा।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनआरसी को काला कानून कह दिया। श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा व कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने इसका कड़ा प्रतिकार किया। बीजेपी के एमएलए भी उठ खड़े हुए। आरजेडी के चंद्रशेखर आक्रामक होते हुए आगे बढ़े। पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव भी उग्र हो गये।सदन अस्त-व्यस्त हो गया।मंत्रियों और विधायकों ने बीच-बचाव कर स्थिति संभाली। विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत सदन की कार्यवाही 15 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। नीतीश ने तेजस्वी को दी नसीहत:पिताजी को जो बोलना चाहिए, वह बात आप मत बोलिए... सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को समझाया कि उन्हें क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं। वे ऐसी बात कतई न बोलें जिसे बोलने का अधिकार उन्हें नहीं, बल्कि उनके पिता को है। सीएम मंगलवार को विधानसभा में एनपीआर पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। इससे पहले विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री पर अविश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उनकी बातों पर भरोसा नहीं है। इस क्रम में उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू और राजद के बीच हुए गठबंधन का जिक्र किया।जवाब के दौरान सीएम ने तेजस्वी से कहा- आपको हमें कुछ बात नहीं बोलनी चाहिए। ये सब बोलने का अधिकार आपके पिताजी को है। तेजस्वी कुछ कहने के लिए उठे। सीएम ने प्यार से उन्हें बिठा दिया- बैठिए। बैठो। तेजस्वी ने भी उनका सम्मान किया। आगे बिना कुछ बोले वे बैठ गये। सीएम ने कांग्रेस विधायक अवधेश कुमार सिंह को शांत होकर बैठने की सलाह दी। वहएनपीआर पर बोल रहे थे। सीएम बोले- बैठिए। आपको पता है कि आप उसी दल से चुनाव लडि़एगा। गंभीर विषय पर बहस के बावजूद विधानसभा का माहौल तनावपूर्ण नहीं, खुशगवार था। राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री को समाजवादी विचारधारा पर कायम रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पता नहीं, इनका समाजवाद मर गया। खत्म हो गया। प्रश्नोत्तर काल में कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर हुआ। उस समय सीएम सदन में नहीं थे। वह जवाब से कुछ पहले सदन में आए। उन्होंने बताया कि अपने कक्ष में बैठकर वह सदस्यों की राय सुन रहे थे। अब जवाब देने के लिए आये हैं।पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने आसन पर बैठे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को कहा- आपने तो विपक्ष के नेता की हवा निकाल दी। चौधरी ने तुरंत प्रतिकार किया- मैंने हवा कहां निकाली। उनकी बात मान ली। सचमुच, बिना शोर-शराबा के विपक्ष का कार्य स्थगन प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया था। प्रस्ताव के खिलाफ दर्ज कराते विरोध: प्रेम कुमार एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारपित होने पर बीजेपी नेता और कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि प्रस्ताव लाने के पहले बीजेपी से कोई चर्चा ही नहीं की गई। जेडीयू को यह प्रस्ताव लाने के पहले बताना चाहिए था। प्रस्तागव लाना बिहार सरकार का अधिकार है, लेकिन बीजेपी केंद्र के साथ है।उन्होंने कहा एनपीआर पर जो बातें कहीं गई वे सही हैं। इसे पर हमारा कोई विरोध नहीं। परंतु एनआरसी पर हमें विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने कहा सरकार के इस प्रस्ताव के खिलाफ वे अपना विरोध दर्ज कराते हैं। प्रारूप आपत्तिजनक, आनन-फानन में लिया फैसला मंत्री विनोद सिंह ने इसे आनन-फानन में लिया फैसला बताया। उन्हों्ने प्रस्ताव के प्रारूप पर आपत्ति दर्ज की। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यरमंत्री नीतीश कुमार की बातचीत के बाद ही कोई फैसला होगा। सहमत नहीं पर माननी पड़ेगी नीतीश कुमार की बात बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने पार्टी में नाराजगी को स्वाभाविक बताया। कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की अगुआई में सरकार है, इसलिए बात माननी होगी। लेकिन जहां भी बीजेपी की बहुमत की सरकार है, वहां एनआरसी अपने मूल प्रारूप में लागू होगा। धोखा हुआ तो समर्थन वापस ले बीजेपी: प्रेमचंद कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने भी इसे विपक्ष की जीत बताया। साथ ही यह भी कहा कि अगर बीजेपी को लगता है कि उसके साथ धोखा हुआ है, तो वह सरकार से समर्थन वापस ले।