नई दिल्ली: एक्स सेंट्रल मिनिस्टर Arun jaitley Hospitalised, मोदी व शाह समेत कई लीडर हाल जानने पहुंचे AIIMS

नई दिल्ली: एक्स फाइनेंस मिनिस्टर सीनीयर बीजेपी लीडरअरुण जेटली (66) को शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे घबराहट और बेचैनी की कपंलेन के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में एडमिट कराया गया.उन्हें एम्स के कार्डियो न्यूरो सेंटर में एडमिट किया गया है.डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही है.टीम में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट,कार्डियोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट शामिल हैं. जेटली को इस साल मई में भी उन्हें एम्स में एडमिट कराया गया था. पेशे से वकील अरुण जेटली मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी रहे हैं. कई बार वह सरकार के लिए प्रमुख संकटमोचक (ट्रब्रुलशूटर) के रूप में उभरे। खराब स्वास्थ्य की वजह से इस साल उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा और कैबिनेट में शामिल नहीं हुए. पिछली मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कुछ समय के लिए रक्षा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली थी.अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी वे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, हेल्थ मिनिस्टर डा हर्षवर्द्धन जेटली के एम्स में एडमिट होने की जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार शाम को एम्स पहुंचे. एम्स में एडमिट और अरुण जेटली का हाल जाना. सेंट्रल मिनिस्टर अर्जुन मुंडा, रविशंकर प्रसाद,अश्विनी चौबे, सीनीयर बीजेपी लीडर शाहनवाज हुसैन, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, एमपी मीनाक्षी लेखी,गौतम गंभीर समेत कई लीडर जेटली का हाल लेने एम्स पहुंचे. योग गुरु बाबा रामदेव भी जेटली का हाल जानने के लिए एम्स पहुंचे थे. किडनी ट्रांसप्लांट का अपरेशन हुआ था जेटली पिछले करीब दो साल से बीमार चल रहे हैं. वह सॉफ्ट टिशू कैंसर से पीड़ित हैं. किडनी संबंधी बीमारी के बाद पिछले साल मई में उन्हें किडनी प्रत्यारोपित की गई थी. किडनी की बीमारी के साथ-साथ जेटली कैंसर से भी जूझ रहे हैं. उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गये थे. बीमारी की वजह से वे 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं हुए. अरुण जेटली का 14 मई 2018 में AIIMS में किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन किया गया था.ऑपरेशन के लिए उन्होंने अप्रैल, 2018 की शुरुआत से ही मंत्रालय आना बंद कर दिया था. इस दौरान पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते रहे. स्वास्थ्य लाभ के बाद 23 अगस्त, 2018 को उन्होंने वापस वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया था. जेटली को किडनी दान देने वाली महिला उनकी दूर की रिश्तेदार हैं. 20 डॉक्टरों के दल ने किडनी प्रत्यारोपण के लिए हुए ऑपरेशन को सफल बनाया, जिसमें नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. संदीप गुलेरिया (अपोलो अस्पताल), संदीप महाजन, वीके बंसल व एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया भी शामिल रहे. अरुण जेटली का सितंबर 2014 में बैरिएट्रिक ऑपरेशन हो चुका है. लंबे समय से मधुमेह के कारण वजन बढ़ने की समस्या के निदान के लिए यह ऑपरेशन किया गया था. यह ऑपरेशन पहले मैक्स हॉस्पीटल में हुआ था. बाद में कुछ दिक्कतें आने के कारण उन्हें एम्स स्थानांतरित किया गया था. कुछ साल पहले उनके हृदय का भी ऑपरेशन हो चुका है.